Conversion in Meerut: मुकेश पास्टर रैकेट बनाकर सात साल से मेरठ में करा रहा था मतांतरण
Meerut News मेरठ में मतांतरण का मामला सामने आया है। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस को पूछताछ में जानकारी मिली कि ईसाई धर्म अपनाने के बाद से दो भाई मतांतरण के लिए शहर के विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे थे।
मेरठ, जागरण संवाददाता। ब्रह्मपुरी के मंगतपुरम में मतांतरण के मामले की विवेचना में चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। दोनों भाई अनिल मसीह और बसंत मसीह ने बताया कि उन्होंने 2015 में ईसाई धर्म अपना लिया था। उसके बाद मुकेश पास्टर और अनिल पास्टर के साथ मतांतरण कराने का काम कर रहे थे।
कई स्थानों पर कराई जाती थी प्रार्थना सभा
मंगतपुरम के अलावा भी शहर के अन्य कई स्थानों पर प्रार्थना सभा कराई जाती थी। कोरोना काल में ज्यादातर लोगों की मदद करने के बहाने से मतांतरण कराया गया था। उक्त दोनों भाइयों के खाते में दिल्ली से रकम भेजी जाती थी, जो अन्य लोगों को वितरित की जाती थी। पुलिस फिलहाल अनिल पास्टर की गिरफ्तारी को दबिश डाल रही है। उसकी खरखौदा और जानी क्षेत्र स्थित रिश्तेदारी में पुलिस ने छापामारी की है।
शहर के विभिन्न क्षेत्रों में कर रहे थे काम
अनिल और बसंत ने पुलिस पूछताछ में बताया गया कि ईसाई धर्म अपनाने के बाद से ही दोनों भाई मतांतरण के लिए शहर के विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे थे। उनका कहना है कि कोरोना काल में मदद के दौरान काफी लोग उनके संपर्क में आ गए थे। उन्हें लालच देकर प्रार्थना सभा में बुलाया गया था। मंगतपुरम के लोगों के लिए अस्थायी चर्च बनाया गया था, जिसमें प्रार्थना सभा के अलावा यहां के लोगों के विवाह कार्यक्रम भी होते थे।
सात सालों में 400 लोगों का कराया मतांतरण
दोनों भाइयों ने सात सालों में मंगतपुरम के 400 लोगों का मतांतरण कराया है। दोनों ने बताया कि मुकेश पास्टर से उनके सीधे संपर्क नहीं थे। अनिल पास्टर के द्वारा ही उससे संपर्क होता था। मुकेश कई बार मेरठ में आ चुका है। सीओ ब्रिजेश कुमार ने बताया कि दोनों आरोपितों की धरपकड़ के बाद ही मतांतरण के पूरे सच से पर्दा हटेगा।
शुरू की देवी-देवताओं की पूजा
शुक्रवार को मतांतरण का मामला सामने आने के बाद मंगतपुरम के अस्थायी चर्च में कोई प्रार्थना सभा आयोजित नहीं हुई। पुलिस की जांच में सामने आया कि ईसाई धर्म अपना चुके लोगों ने अपने घरों में देवी-देवताओं की पूजा करनी शुरू कर दी है। बताया जाता है कि कुछ घरों ने प्रार्थना सभा में जाने के बाद पूजा करनी बंद कर दी थी। एसएसपी रोहित सिंह सजवाण का कहना है कि पुलिस पूरे मामले की विवेचना कर रही है।