मोहर्रम :: अलमदार सलामत है न लश्कर बाकी..
मोहर्रम की दस तारीख को अब्दुल्लापुर में कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच जुलूस निकला। सभी शिया सोगवारों ने आशूर के आमाल किए। मौलाना हामिद हुसैन ने जियारत आशूरा पढ़ाई।
तिरंगे के साथ निकाला जुलूस, जंजीरों से किया मातम
संवाद सूत्र, भावनपुर : मोहर्रम की दस तारीख को अब्दुल्लापुर में कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच जुलूस निकला। सभी शिया सोगवारों ने आशूर के आमाल किए। मौलाना हामिद हुसैन ने जियारत आशूरा पढ़ाई। एक कदीमी जुलूस ए ताजिया इमामबारगाह असगर हुसैन से बरामद हुआ, जिसमें मुख्तार हुसैन और उनके हमनवा ने मरसिया पढ़ा-अब न कासिम मेरा बाकी है न अकबर बाकी, न अलमदार सलामत है न लश्कर बाकी..। ताजिये का जुलूस मोहल्ला बाजार मस्जिद इमामबारगाह से होता हुआ मोहल्ला गढी चौक पहुंचा। नौहेख्वानी में शोएब जैदी, जुमे की नमाज के बाद फिर जुलूसे ताजिया बरामद हुआ। दोनों जुलूस तिरंगे के साथ हुसैनी चौक पर पहुंचे। यहां मौलाना की तकरीर के बाद सोगवारों ने जंजीरों से मातम किया। जुलूस कर्बला में पहुंचकर संपन्न हुआ। ताजिये दफन किए गए और जियारत पढ़ाई गई। एडवोकेट नायब अली ने बताया कि मोहर्रम की 11 तारीख को सभी सोगवार महिलाएं व पुरुष कर्बला में चिरागा करेंगे। अब्दुल्लापुर को संवेदनशील देखते हुए शांतिपूर्वक तरीके से संपन्न कराए गए जुलूस को लेकर शिया समुदाय ने पुलिस-प्रशासन का आभार व्यक्त किया। इस दौरान एसपी देहात राजेश कुमार, एडीएम ई, सीओ सदर देहात के नेतृत्व में कई थानों की पुलिस फोर्स ने चप्पे-चप्पे पर निगरानी रखी। वहीं कंकरखेड़ा में भी मोहर्रम का जुलूस निकाला गया।
फोटो परिचय -
600 - अब्दुल्लापुर में जुलूस के दौरान पूरी तैयारी के साथ तैनात पुलिस
601 - अब्दुल्लापुर में जुलूस के बाद जंजीरों से मातम करते शिया सोगवार
602 - अब्दुल्लापुर में तिरंगे के साथ जुलूस निकालते शिया समुदाय के लोग
603 - अब्दुल्लापुर में जुलूस के साथ जुलजनाह साथ में पुलिस फोर्स