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एमफिल-पीएचडी छात्रों के बढ़े और छह महीने

कोविड-19 के कारण यूजीसी ने एमफिल व पीएचडी छात्रों को एक बार फिर छह महीने का अतिरिक्त समय दिया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Dec 2020 04:30 AM (IST)Updated: Fri, 04 Dec 2020 04:30 AM (IST)
एमफिल-पीएचडी छात्रों के बढ़े और छह महीने
एमफिल-पीएचडी छात्रों के बढ़े और छह महीने

मेरठ, जेएनएन। कोविड-19 के कारण यूजीसी ने एमफिल व पीएचडी छात्रों को एक बार फिर छह महीने का अतिरिक्त समय दिया है। इससे पहले लाकडाउन के दौरान यूजीसी ने 30 जून 2020 तक थीसिस जमा करके की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 31 दिसंबर 2020 कर दिया था। अब इस तिथि को दोबारा बढ़ाते हुए 30 जून 2021 कर दिया गया है। यह अतिरिक्त समय अभ्यर्थियों को एविडेंस आफ पब्लिकेशन और दो कांफ्रेंस में उपस्थिति रहने के लिए भी दिया जा सकता है।

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कृषि विवि में राष्ट्रीय वेबिनार का कुलपति ने किया उदघाटन

कृषि विवि में गुरुवार को उभरती हुई क्षमता और उद्यमिता ग्रामीण विकास को आगे बढ़ाने के रास्ते व उनकी संभावनाओं के विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। जिसका उदघाटन कुलपति डा. आरके मित्तल ने मां सरस्वती की मूर्ति के सम्मुख दीप प्रज्वलित करके किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति डा. आरके मित्तल ने कहा कि बायो एंटरप्रेन्योरशिप के विकास में बायो टेक्नोलॉजी की अहम भूमिका है। भारतीय अर्थव्यवस्था का एक अभिन्न अंग बायोटेक्नोलॉजी बनकर उभरा है। भारतीय जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र का अनुमानित मूल्य 2019 में 6.8 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2019 में 62 मिलियन अमेरिकी डॉलर के करीब था। सरकार का अनुमानित लक्ष्य-2025 तक 150 मिलियन यूएसडी के बाजार आकार के मूल तक पहुंचाना है। वर्तमान में भारतीय बायोटेक उद्योग वैश्विक बाजार में हिस्सेदारी का तीन फीसदी है और एशिया प्रशांत क्षेत्र में तीसरा सबसे बड़ा है। विकास के प्रति नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा मिलने से भारत की अर्थ व्यवस्था मजबूत होगी।

डा. जीके गर्ग ने जैविक प्रभारियों से कहा कि कृषि क्षेत्र में अच्छा कार्य किया जा रहा है। सरकार और बहुराष्ट्रीय कंपनियों को कम लागत वाले जेब उत्पाद विकसित करने चाहिए, जिससे विकासशील देशों की गरीब जनता को उनका सीधा लाभ मिल सके। डा. अनिल कुमार गुप्ता, प्रो. हरकेश बहादुर सिंह, प्रो. शमशेर, डा. एनएस राणा, डा. अनिल सिरोही, डा. आरएस सेंगर, डा. आकाश तोमर आदि ने भी अपने विचार रखे।


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