नए साल में मिल सकता है तोहफा, पीएम मोदी से सांसद ने मांगी हाईकोर्ट बेंच Meerut News
पश्चिमी उप्र में पिछले करीब 40 सालों से लगातार चल रही हाईकोर्ट बेंच की मांग अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंच गई है। नए साल में बेंच मिलने की उम्मीद जागी है।
मेरठ, जेएनएन। पश्चिमी उप्र में पिछले करीब 40 सालों से लगातार चल रही हाई कोर्ट बेंच की मांग अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंच गई है। मेरठ-हापुड़ संसदीय क्षेत्र के सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर मेरठ के लिए खंडपीठ की मांग की है। खंडपीठ के पक्ष में तर्क रखते हुए उन्होंने मांगपत्र भी दिया है। सांसद ने उत्तर प्रदेश में सस्ता और सुलभ न्याय की खातिर मेरठ के साथ ही आगरा व गोरखपुर में भी खंडपीठ स्थापना की वकालत की है।
लंबित मामलों की बढ़ रही संख्या
सांसद राजेंद्र अग्रवाल पश्चिमी उप्र में हाई कोर्ट बेंच की मांग का समर्थन करते हुए इसे कई बार संसद में उठा चुके हैं। नई दिल्ली स्थित पीएम आवास पर प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान उन्होंने कहा कि मेरठ में खंडपीठ की मांग बहुत पुरानी है। 1955 में ही तत्कालीन मुख्यमंत्री संपूर्णानंद ने भी बेंच की मांग की थी। सांसद ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि मेरठ के अतिरिक्त आगरा व गोरखपुर में भी इलाहाबाद हाई कोर्ट की खंडपीठ स्थापित करने की मांग उठाई जाती रही है। हाई कोर्ट की बेंच स्थापित न होने से लंबित मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है।
न्याय व्यवस्था की हो समीक्षा
सांसद ने प्रधानमंत्री से मांग की कि जनता को सस्ता, सुलभ व त्वरित न्याय उपलब्ध कराने के लिए सरकार संपूर्ण न्याय व्यवस्था की समीक्षा करे। संसद में कानून बनाकर मेरठ सहित अन्य स्थानों पर हाईकोर्ट की बेंच की स्थापना करे।
नए साल में मिल सकता है तोहफा
हाईकोर्ट बेंच को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल की मुलाकात से अधिवक्ताओं को उम्मीद बंधी है कि अब नए साल में बेंच का तोहफा मिल सकता है। पश्चिमी उप्र में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग को लेकर अधिवक्ता पिछले करीब 40 सालों से अधिक समय से आंदोलन कर रहे हैं। हर शनिवार को बेंच की मांग को लेकर मेरठ समेत पश्चिमी उप्र के 22 जिलों के अधिवक्ता हड़ताल पर रहते हैं। भाजपा सांसद कई बार संसद में हाईकोर्ट बेंच की मांग को जोरशोर से उठा चुके हैं। अब यह मांग भाजपा सांसद के माध्यम से प्रधानमंत्री तक भी पहुंच चुकी है।
जनता को मिलेगा सस्ता न्याय
अधिवक्ताओं को उम्मीद बंधी है कि पश्चिमी उप्र की जनता को सस्ता और सुलभ न्याय दिलाने के लिए प्रधानमंत्री पहल करेंगे। साथ ही पश्चिमी उप्र की जनता को नए साल में बेंच का तोहफा दे सकते हैं। केंद्रीय संघर्ष समिति पश्चिमी उप्र के चेयरमैन मांगेराम एवं संयोजक नरेश दत्त शर्मा का कहना है कि बेंच की मांग अब प्रधानमंत्री तक पहुंच गई है। अब प्रधानमंत्री से बेंच को लेकर सांसद की मुलाकात के बाद नए साल में यह तोहफा मिल सकता है।
3.50 करोड़ मामले लंबित
सांसद ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि वर्तमान में देश के न्यायालयों में साढ़े तीन करोड़ मामले लंबित हैं, जिनमें से 46 लाख उच्च न्यायालयों एवं तीन करोड़ से अधिक अधीनस्थ न्यायालयों में हैं। सर्वोच्च न्यायालय में भी 59 हजार मामले लंबित हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट के तहत भी सात लाख से अधिक वाद लंबित हैं। इनके निस्तारण के लिए हाई कोर्ट की खंडपीठ की स्थापना तथा न्यायाधीशों की नियुक्ति आवश्यक है।
सांसद का आभार जताया
केंद्रीय संघर्ष समिति के चेयरमैन मांगेराम व संयोजक नरेश दत्त शर्मा ने प्रधानमंत्री तक यह मांग पहुंचाने पर सांसद का आभार भी जताया है। वह सांसद को लिखित में बधाई पत्र भी देंगे।
जेटली ने भी किया था समर्थन
मेरठ बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डीडी शर्मा का कहना है कि आंदोलन के दौरान केंद्रीय संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल की दिल्ली में तत्कालीन वित्तमंत्री स्व. अरुण जेटली से मुलाकात हुई थी। उन्होंने बेंच की मांग पर कहा था कि यह अधिवक्ताओं की नहीं अब पश्चिमी उप्र की जनता की आवश्यकता बन गई है।