सांसद ने रेल नेटवर्क की उठाई मांग अब समृद्ध होगा मेरठ
शुक्रवार को मेरठ की रेल संबंधित समस्याओं और रेल के विकास पर बोलते हुए मेरठ के सांसद राजेंद्र सिंह अग्रवाल ने रेल नेटवर्क की मांग उठाई।
मेरठ, जेएनएन। सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने रेल से संबंधित मांगों की जो फेहरिस्त लोकसभा में रखी है अगर उन पर विचार हो गया तो मेरठ रेल नेटवर्क से समृद्ध हो जाएगा। यहां पर रोड नेटवर्क कुछ ही समय में सबसे उन्नत होने वाला है, क्योंकि आधा दर्जन से अधिक परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है।
इन रेल लाइनों की उठाई मांग
मेरठ-पानीपत: सांसद ने रेल मंत्री को अवगत कराया कि मोदी सरकार ने 2017 के रेल बजट में सर्वेक्षण हेतु 300 करोड़ रुपये की धनराशि भी अवमुक्त की थी।
मांगी हैं ट्रेनें
मेरठ, हापुड़ व बुलंदशहर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु मथुरा, वृंदावन व गोवर्धन जी की परिक्रमा के लिए जाते हैं। इसलिए मेरठ से हापुड़-खुर्जा-अलगढ़ होते हुए मथुरा-वृंदावन के लिए एक ट्रेन चलाई जाए।
मेरठ से मुजफ्फरनगर-सहारनपुर होते हुए कटरा तक तेजस ट्रेन संचालित की जाए।
मेरठ से हापुड़-बुलंदशहर-खुर्जा-अलीगढ़ होते हुए प्रयागराज के लिए तेजस ट्रेन चलाई जाए।
नई दिल्ली-हापुड़ के बीच एक नई शटल/पैंसेंजर ट्रेन चलाई जाए।
स्टॉपेज और पुल की मांग
नौचंदी व संगम एक्सप्रेस का स्टॉपेज खरखौदा स्टेशन पर भी हो।
दिल्ली से मेरठ व दिल्ली से हापुड़ मुरादाबाद-आनंद विहार के बीच चलने वाली 64553/54 मेमू ट्रेन का नियमित रूप से संचालन ठीक समय पर कराया जाए।
हापुड़ स्टेशन पर दो प्रमुख ट्रेनों के अप-डाउन के ठहराव की मांग की। इनमें काठगोदाम-आनंद विहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस व नई दिल्ली पटना श्रमजीवी एक्सप्रेस शामिल हैं।
कब बनेंगे ऑक्सीजन पार्क
सांसद ने लोकसभा के नियम 377 के तहत शुक्रवार को सरकार से यह पूछा कि आखिर मेरठ में प्रस्तावित 15 ऑक्सीजन पार्क कब से बनेंगे। उन्होंने लोकसभा की टेबल पर प्रश्न रखा। याद दिलाया कि नगरीय क्षेत्रों में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए अमृत योजना के अंतर्गत ऑक्सीजन पार्क स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। यह ऑक्सीजन पार्क घनी आबादी वाले क्षेत्रों में स्थापित किए जाने हैं। इनमे अनेक ऑक्सीजन उत्सर्जक जैसे नीम, बरगद, एलोवेरा, राम, तुलसी आदि के पौधे लगाए जाएंगे। इन पार्कों से न सिर्फ शहरों में खुली हवा का संचार होगा, बल्कि बढ़ते प्रदूषण से भी राहत मिलेगी। एक पार्क पर लगभग 20 लाख लागत आएगी। मेरठ में 15 पार्क स्थापित किए जाने हैं, लेकिन कार्य अभी शुरू नहीं हुआ है।
यह है नियम-377
सांसद ने यह मुद्दा लोकसभा के नियम 377 के तहत उठाया था। इस नियम के तहत लोकहित के मुद्दे रखे जाते हैं, जो कि बोले नहीं जाते। सिर्फ लिखित में प्रश्न व उससे संबंधित संबंधित विवरण सभापति के समक्ष रख जाता है और किस मंत्रलय से जवाब चाहिए, उसका जिक्र होता है। इसमें कुल 150 शब्दों में ही अपनी बात रखनी होती है। अमूमन इस नियम के तहत शुक्रवार को प्रश्न नहीं रखा जाता, पर इस बार यह दिन अपवाद बना व मेरठ का भी लकी ड्रा में नंबर आ गया। प्रश्न शामिल करने को भी लकी ड्रा होता है। सभापति के टेबल पर जो प्रश्न रखे जाते हैं उसका लिखित जवाब संबंधित कैबिनेट मंत्री की ओर से जवाब सांसद को भेजा जाता है।