पेंटून पुल हटने से किसानों को परेशानी
गंगा पार करने के लिए खेड़ी कला के सामने बना पीपे का पुल फिर से टूट जाने से किसान परेशान है।
मेरठ, जेएनएन: गंगा पार करने के लिए खेड़ी कला के सामने बना पीपे का पुल फिर से टूट जाने से किसान परेशान है। इससे पूर्व भी दिसंबर माह में गंगा में पानी बढ़ने के कारण पुल क्षतिग्रस्त हो गया था और लगभग एक सप्ताह तक आवागमन बाधित रहा था। गंगा यात्रा से पूर्व पेंटून पुल को हटा दिया गया था, ताकि यात्रा के दौरान गंगा में चलने वाले स्टीमरों को परेशानी न हो। अब गंगा यात्रा को भी हस्तिनापुर से गुजरे छ दिन बीत गए। परंतु पेंटून पुल चालू नही हो सका। जिस कारण उनकी गन्ने की पर्चियां भी बेकार जा रही है वह गन्ने के सूखने के कारण बिजनौर की ओर ही औने पौने दामों पर बिक्री करना पड़ रहा है।
गंगा के उस पार बसे खेड़ी कला, बधुवा, मनोहरपुर गांव के किसानों के आवागमन का साधन पीपे का पुल है। किसान इसी पुल से अपने गन्ने की फसल इस ओर मवाना शुगर मिल के क्रय केंद्रों पर लाते है। गंगा यात्रा के दौरान पीपे के पुल को हटा दिया गया था। जिससे मार्ग अवरूद्ध हो गया और किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। गांव के ही लीलू सिंह, मलखान सिंह आदि ने बताया कि पिछले कई दिनों से पीपे का पुल टूटने के कारण किसानों की गन्ने की फसल क्रय केंद्रों तक नही पहुंच पा रहा है। जिस कारण उनकी गन्ने की पर्ची भी बेकार हो रही है। वहीं पशुओं के चारे की भी समस्या हो रही है। खेतों में पड़ा गन्ना सूख रहा है, जिस कारण किसानों को औने पौने दामों में बिजनौर की ओर ही कोल्हुओं या क्रेशर पर डालना पड़ रहा है। जिससे किसान को फसलों की लागत भी नही मिल पा रही है। बिजनौर जनपद के सिचाई विभाग के जेई अनिल कुमार का कहना है कि पेंटून पुल पर कार्य शुरु हो गया है। पुल को शुरु होने में पांच दिनों का समय लग जाएगा।