Sharad Purnima : 16 कलाओं से पूर्ण हुआ चंद्रमा, शरद पूर्णिमा पर घरों में हुआ पूजन
शरद पूर्णिमा यानि शरद ऋतु का आगमन। शरद पूर्णिमा पर लोगों ने घरों में ही विधि-विधान से महालक्ष्मी का पूजन किया। घर में सुख शांति के लिए शिव पार्वती की पूजा के लिए विशेष अनुष्ठान किए गए। इस दिन विवाह के लिए भी तिथि आदि का मिलान खूब किया गया।
मेरठ, जेएनएन। शरद पूर्णिमा यानि शरद ऋतु का आगमन। शरद पूर्णिमा पर लोगों ने घरों में ही विधि-विधान से महालक्ष्मी का पूजन किया। घर में सुख शांति के लिए शिव पार्वती की पूजा के लिए विशेष अनुष्ठान किए गए। इस दिन विवाह के लिए भी तिथि आदि का मिलान खूब किया गया। यह तिथि सुख शांति, धन, प्रेम व आरोग्य देने वाली होती है। कुछ लोग शनिवार को भी शरद पूर्णिमा मनाएंगे।
शास्त्रीय मान्याताओं के अनुसार, शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा अपनी संपूर्ण 16 कलाओं से परिपूर्ण होते हैं। माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा से अमृत की वर्षा होती है। चंद्रमा के इन गुणों के कारण ही इस दिन को विशेष माना जाता है। रात में चांदी के बर्तन में मखाने, चावल या चोले की खीर बनाकर चंद्रमा की किरणों में रख दी जाती है और उसका सेवन किया जाता है। चांदी के बर्तन की जगह मिट्टी का बर्तन भी उपयोग में लाया जाता है।
सदर दुर्गाबाड़ी मंदिर में हुआ लक्ष्मी पूजन
शरद पूर्णिमा के अवसर पर सदर बंगाली दुर्गाबाड़ी मंदिर में विधि-विधान से लक्ष्मी पूजन किया गया। कोरोना से बचाव व सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम का आयोजन हुआ। सुबह से रात तक श्रृद्धालुओं ने निर्जल व्रत रखा। शाम को लोखी पांचाली का पाठ सुनकर मां लक्ष्मी को पुष्प अर्पित करने के बाद व्रत खोला गया। अभिनव दत्ता, सुब्रोतो विश्वास, अमिताभ मुखर्जी, अजय मुखर्जी, डा. सुब्रोतो सेन, अभय, सत्यजीत, गोविंद विश्वास, दीप्ति चौधरी, आरजूमन चौधरी, ङ्क्षरकू नियोगी, लिपिका चौधरी व पापिया सान्याल आदि मौजूद रहे।