लिसाड़ी में बंदरों ने तीन को काटा, मासूम पर मारा झपट्टा
बंदरों का आतंक रुक नहीं पा रहा है। गुरुवार को बंदरों के झुंड ने लिसाड़ी गांव में तीन लोगों को काटकर घायल कर दिया। एक मासूम बच्ची पर भी झपंट्टा मारा। इससे दहशतजदा गांव के लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं।
मेरठ । बंदरों का आतंक रुक नहीं पा रहा है। गुरुवार को बंदरों के झुंड ने लिसाड़ी गांव में तीन लोगों को काटकर घायल कर दिया। एक मासूम बच्ची पर भी झपंट्टा मारा। इससे दहशतजदा गांव के लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं।
लिसाड़ी गांव में दोपहर 12 बजे तीन साल की मासूम अदीबा पुत्री आमिर अपनी दादी मीना के साथ छत पर खेल रही थी। तभी बंदरों का झुंड आ धमका। जब तक मीना बच्ची को घर के अंदर ले जातीं, एक बंदर ने बच्ची पर झपंट्टा मार दिया। मीना ने भगाने की कोशिश की तो बंदर ने उन्हें भी काटकर घायल कर दिया। चीख पुकार सुनकर घर के लोग दौड़ पड़े। कुछ ही देर बाद भाजपा नेता चरण सिंह लिसाड़ी के बेटे हिमांशु और अन्य युवती पिंकी पर बंदरों ने हमला कर दिया। वह छत पर धूप सेंक रहे थे। भगाने की कोशिश की तो बंदरों ने इन्हें दौड़ा लिया और काटकर जख्मी कर दिया। सभी घायलों को परिजन प्यारेलाल शर्मा जिला अस्पताल ले गए, जहां पर रैबीज इंजेक्शन की प्रथम डोज दी गई। इससे पहले गांव के भूषण को भी बंदर काट चुके हैं।
सूचना दी, गुहार लगाई..कोई नतीजा नहीं
गांव वालों का कहना है कि गांव में तीन महीने पहले करीब 25 बंदरों का झुंड आया था। इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। नगर निगम के कंट्रोल रूम में लोग सूचना दे चुके हैं। बंदरों को पकड़ने और इनसे सुरक्षा की गुहार भी लगाई लेकिन निगम अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
नियम-कानून ही खोज रहा नगर निगम
नगर निगम क्षेत्र में बंदरों का आतंक बढ़ गया है। हमले में पहले कई जानें भी जा चुकी हैं। इसी महीने में यह तीसरी घटना है। इसके बाद भी नगर निगम के अधिकारी गंभीरता नहीं दिखा रहे। नगर निगम प्रशासन अभी तक बंदरों को पकड़ने के संबंध में नियम ही खोज रहा है। इन्होंने कहा--
आवारा कुत्तों और बंदरों को लेकर पूर्व में कुछ एनजीओ ने प्रस्ताव दिए थे। उन पर विचार किया जाएगा। वन विभाग के अधिकारियों से भी मिलेंगे। समस्या बढ़ गई है, इससे इन्कार नहीं किया जा सकता।
डॉ. गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी