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मिशन कंपाउंड की विवादित जमीन पर लगाया गेट, तीन गिरफ्तार

आइजी कार्यालय के पास स्थित मिशन कंपाउंड की विवादित जमीन का मामला फिर से तूल पकड़ रहा है। एक पक्ष ने रातोंरात दीवार तोड़कर गेट लगवा दिया। इसको लेकर मैथोडिस्ट चर्च के पादरी व उनके पक्ष के लोगों ने हंगामा कर दिया। मामला बिगड़ता देख पुलिस ने दूसरे पक्ष के तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर उक्त जमीन पर धारा 145 के तहत कार्रवाई करने का फैसला लिया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Nov 2018 09:00 AM (IST)Updated: Wed, 28 Nov 2018 09:00 AM (IST)
मिशन कंपाउंड की विवादित जमीन पर लगाया गेट, तीन गिरफ्तार

मेरठ । आइजी कार्यालय के पास स्थित मिशन कंपाउंड की विवादित जमीन का मामला फिर से तूल पकड़ रहा है। एक पक्ष ने रातोंरात दीवार तोड़कर गेट लगवा दिया। इसको लेकर मैथोडिस्ट चर्च के पादरी व उनके पक्ष के लोगों ने हंगामा कर दिया। मामला बिगड़ता देख पुलिस ने दूसरे पक्ष के तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर उक्त जमीन पर धारा 145 के तहत कार्रवाई करने का फैसला लिया है।

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मिशन कंपाउंड के एक हिस्से को लेकर दो पक्षों में विवाद चल रहा है। एक पक्ष में सिटी मैथोडिस्ट चर्च के पादरी चमन कंफर्ट जबकि दूसरे पक्ष में डेनियल अलबर्ट व उसके साथी हैं। उक्त जमीन पर निर्माण को लेकर एक मई 2018 की रात को दोनों पक्षों में मारपीट, पथराव और आगजनी भी हुई थी। तब पुलिस ने पांच के खिलाफ शांतिभंग की कार्रवाई की थी। बाद में डेनियल अलबर्ट ने कोर्ट से पादरी व अन्य के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था।

दीवार तोड़कर लगा दिया गेट

पुलिस का कहना है कि डेनियल अलबर्ट पक्ष ने दीवार तोड़कर गेट लगा दिया। डेनियल ने गेट पर अपना नाम भी लिखवाया है। दूसरे पक्ष के हंगामे पर एसपी सिटी रणविजय सिंह, सीओ सिविल लाइन राम अर्ज मंगलवार को फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और जांच की।

पुलिस को गुमराह करने की कोशिश

एसपी सिटी ने बताया कि मौके पर मिले डेनियल अलबर्ट ने एडीएम सिटी व कमिश्नर के आदेश दिखाकर जमीन पर खुद का मालिकाना हक जताते हुए पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन दोनों ही आदेश में जमीन पर निर्माण करने की इजाजत नहीं दी गई है।

कानून-व्यवस्था के चलते 145 की कार्रवाई जरूरी

एसपी सिटी ने बताया कि उक्त जमीन को लेकर कई बार विवाद हो चुका है। दोनों पक्ष एक-दूसरे की जान लेने पर भी आमादा हैं। कभी भी कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है। ऐसे में धारा 145 के तहत कार्रवाई का फैसला लिया गया है। इसके बाद कोई प्रभावी फैसला आने तक दोनों पक्षों का हस्तक्षेप समाप्त हो जाएगा।


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