Move to Jagran APP

Mission 2022: मेरठ में जनसभा कर गुर्जरों को साधेंगे सीएम योगी,नवंबर के पहले सप्ताह में होगी बड़ी सभा

Mission 2022 आगामी विस चुनावों के मद्देनजर भाजपा ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। पश्चिम उत्तर प्रदेश में चुनावी दृष्टि से जाट-गुर्जर समीकरण बेहद अहम है। 2022 विस चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा किसान आंदोलन के बाद अलर्ट मोड में है।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 08:20 AM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 10:31 AM (IST)
Mission 2022: मेरठ में जनसभा कर गुर्जरों को साधेंगे सीएम योगी,नवंबर के पहले सप्ताह में होगी बड़ी सभा
मेरठ में अशोक कटारिया और सुरेंद्र नागर बने कार्यक्रम संयोजक।

संतोष शुक्ल, मेरठ। Mission 2022 चुनावी पारा चढऩे के बीच भाजपा जातीय समीकरणों को साधने में जुट गई है। लखनऊ में पार्टी अन्य पिछड़ा वर्ग सम्मेलन कर रही है। मेरठ में गुर्जरों की सभा होगी, जिसमें सीएम योगी आदित्‍यनाथ पहुंचेंगे। इसके लिए पार्टी ने दिग्गज गुर्जर चेहरों व प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री अशोक कटारिया, राज्यसभा सदस्य सुरेंद्र नागर को कार्यक्रम का जिम्मा सौंपा है। कैराना सांसद प्रदीप चौधरी एवं एमएलसी वीरेंद्र सिंह भी अहम भूमिका निभाएंगे।

loksabha election banner

योगी की रैली के बड़े मायने

पश्चिम उत्तर प्रदेश में चुनावी दृष्टि से जाट-गुर्जर समीकरण बेहद अहम है। 2022 विस चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा किसान आंदोलन के बाद अलर्ट मोड में है। जाट वोटों में रालोद की बढ़ती सेंधमारी के बीच पार्टी का फोकस गुर्जरों पर पकड़ मजबूत बनाने का है। गुर्जरों को साधने की खातिर सीएम योगी मेरठ में नवंबर प्रथम सप्ताह में आयोजित गुर्जर जनसभा को संबोधित करेंगे। पार्टी मानती है कि 2014 लोस, 2017 विस एवं 2019 लोस चुनावों में गुर्जर वोटों ने जीत में बड़ी भूमिका निभाई है। गत दिनों मिहिर भोज की प्रतिमा को लेकर उठे विवाद को भी पार्टी ने शांत करने का प्रयास किया।

गुर्जर ज्यादा या जाट... उलझी सियासत

गौतमबुद्धनगर एवं सहारनपुर में गुर्जरों की तादाद सर्वाधिक है, जबकि इनका फैलाव बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, आगरा, इटावा, अमरोहा से लेकर मेरठ, शामली, मुजफ्फरनगर, बिजनौर तक है। गुर्जर नेताओं की मानें तो प्रदेश में 1.8 प्रतिशत जाट जबकि 1.78 प्रतिशत गुर्जर वोट हैं, जिसका मुख्य केंद्र पश्चिमी उप्र है। गुर्जरों को मलाल है कि प. उप्र में जाट वर्ग को ज्यादा तवज्जो मिली, जबकि गुर्जर वर्ग खांटी भाजपाई वोटर होकर भी हाशिये पर रहा।

संतुलन साधने में जुटी है भाजपा

पश्चिमी उप्र में हालांकि भाजपा ने संतुलन साधते हुए दूसरे मंत्रिमंडल विस्तार में संगठन के दिग्गज चेहरा रहे अशोक कटारिया को परिवहन मंत्री बनाया। दो बार एमएलसी, एक बार लोकसभा सदस्य रहे सुरेंद्र नागर को प्रदेश उपाध्यक्ष बनाने के साथ ही राज्यसभा भेजा। हाल में चौ. वीरेंद्र सिंह को विधान परिषद भेजा है। हालांकि केंद्र एवं राज्य सरकार के मंत्रिमंडल एवं संगठन में जाट वर्ग का प्रतिनिधित्व ज्यादा है। पश्चिमी उप्र में 13 जाट एवं पांच गुर्जर विधायक हैं, जिसमें से अवतार सिंह भड़ाना भाजपा से अलग हो चुके हैं।

पश्चिम में गुर्जरों की सियासी विरासत

मुजफ्फरनगर के चौ. नारायण सिंह उपमुख्यमंत्री रहे। सहारनपुर में तीतरो के यशपाल सिंह केंद्रीय मंत्री रहने के साथ ही तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी के करीबियों में थे। बागपत के रामचंद्र विकल मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गए थे, जब उनकी जगह सीएम चौ. चरण सिंह बने। राजेश पायलट बड़े कांग्रेसी नेता बने। भाजपा की सरकारों में बाबू हुकुम सिंह, नवाब सिंह नागर एवं जयपाल सिंह बड़े चेहरे के रूप में रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.