Move to Jagran APP

ये घातक बैक्टीरिया लेकर घूम रहे हैं चूहे, नहीं दि‍या ध्‍यान तो लिवर और किडनी तक कर देंगे खराब Meerut News

चूहों के संपर्क में आने पर व्यक्ति लेप्टोस्पायरा बैक्टीरिया से संक्रमित हो सकता है। यह लिवर और किडनी खराब कर देते हैं।

By Taruna TayalEdited By: Published: Tue, 23 Jul 2019 03:47 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jul 2019 03:47 PM (IST)
ये घातक बैक्टीरिया लेकर घूम रहे हैं चूहे, नहीं दि‍या ध्‍यान तो लिवर और किडनी तक कर देंगे खराब Meerut News
ये घातक बैक्टीरिया लेकर घूम रहे हैं चूहे, नहीं दि‍या ध्‍यान तो लिवर और किडनी तक कर देंगे खराब Meerut News
मेरठ, [संतोष शुक्ल]। बारिश में भीगकर घरों में घुसने वाले चूहे जानलेवा बैक्टीरिया लेकर घूम रहे हैं। चूहों के संपर्क में आने पर व्यक्ति लेप्टोस्पायरा बैक्टीरिया से संक्रमित हो सकता है। यह लिवर और किडनी खराब कर देते हैं। मेनेंजाइटिस का रिस्क बनता है। बारिश के मौसम में स्क्रब टायफस की बीमारी भी समान लक्षणों के साथ उभरती है।
बाढ़ में रिस्क ज्यादा
जलजमाव बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों, उमस और घनी बस्तियों में, किसानों, पशुपालकों, सीवर में काम करने वालों में ज्यादा खतरा होता है। स्लाटर हाउसों में काम करने वालों में भी बीमारी देखी जाती है। बारिश के साथ ही लेप्टोस्पायरा और स्क्रब टायफस बैक्टीरिया फैलने की आशंका है। यह लिवर और किडनी को खराब करने के साथ ही मेनेंजाइटिस की भी वजह बन सकते हैं।
जंतुओं की यूरिन से फैल रहा बैक्टीरिया
बुखार, सिरदर्द, थकान, मांसपेशियों में जकड़न को हल्के में लेना भारी पड़ सकता है। मेडिकल कालेज के माइक्रोबायलोजिस्ट डा. अमित गर्ग का कहना है कि गर्मी, बारिश और आर्द्रता के बीच संक्रामक सूक्ष्म जीव तेजी से पनपते हैं। लेप्टोस्पायरोसिस का बैक्टीरिया प्रदूषित पूल में नहाने एवं जंतुओं की यूरिन के साथ मिट्टी और पेयजल में पहुंचने से लोगों में संक्रमण हो जाता है। लेप्टोस्पायरा बैक्टीरिया स्किन में घाव, कट व खुजली, मुंह एवं नाक के जरिए भी शरीर में घुसता है। यह बीमारी मेरठ की घनी बस्तियों व बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में मिल चुकी है। कई बार फ्लू का लक्षण उभरता है।
यह पीलिया तो घातक है
लेप्टोस्पायरा बैक्टीरिया संक्रमित होने पर तेज बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द, डायरिया, उल्टी, पीलिया, थकान एवं चक्कर जैसे लक्षण उभरते हैं। सामान्य तौर पर सप्ताहभर में बीमारी ठीक होने लगती है, किंतु दूसरी बार संक्रमित हो तो जानलेवा बन जाती है। मरीज का यूरिया क्रिटनिन बढ़ जाता है। सीरम बिलरूबिन बढ़ने से पीलिया में मरीज घातक स्थिति में पहुंच जाता है। कोमा में पहुंचने से मौत तक हो जाती है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
लेप्टोस्पायरोसिस बीमारी बारिश में खतरनाक हो सकती है। हालांकि वायरल में भी तेज बुखार, सिरदर्द होता है, किंतु लेप्टोस्पायरा बैक्टीरिया किडनी और लिवर को निशाना बनाता है। जंतुओं की यूरिन से निकलने वाले बैक्टीरिया के लिए चूहे बड़े कैरियर हैं।
- डा. संदीप जैन, फिजीशियन, केएमसी
बारिश में लेप्टोस्पायरा बैक्टीरिया जलस्रोतों, चूहों व पशुओं के माध्यम से आदमी तक पहुंचता है। हर साल बारिश में ऐसे मरीज मिलते हैं। किडनी व लिवर फेल हो जाती है। बुखार के साथ पीलिया हो तो सतर्क रहें। स्क्रब टायफस के लक्षण समान हैं,
- डा. अमित गर्ग, माइक्रोबायोलोजिस्ट, मेडिकल कालेज

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.