मेरठी ज्वैलरी के मुरीद हुए व्यापारी, अपलक देखते रहे
बाईपास स्थित बिग बाइट परिसर में रविवार को मेरठ ज्वैलरी शो का शुभारंभ हुआ।
मेरठ। बाईपास स्थित बिग बाइट परिसर में रविवार को मेरठ ज्वैलरी शो का शुभारंभ हुआ। शो में प्रदर्शित आभूषणों की कारीगरी दूसरे जनपदों के व्यापारियों के आकर्षण का केंद्र रही। शो में मेरठ के साथ राजकोट, मुंबई और चीन की ज्वैलरी भी छायी रही। विभिन्न राज्यों से 1380 व्यापारी प्रदर्शनी देखने आए।
मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन व बालाजी इवेंट ने खासतौर से मेरठ के ज्वैलरी व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए यह प्रदर्शनी आयोजित की है। प्रदर्शनी का शुभारंभ सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने किया। सांसद ने कहा कि मेरठ का ज्वैलरी कारोबार काफी प्राचीन है, देश-विदेश में यहां के ज्वैलरी कारोबार को नई ऊंचाइयां देने में यह शो कारगर साबित होगा। सांसद ने सभी स्टालों का अवलोकन किया और विशिष्टताओं के बारे में जानकारी हासिल की। सौ करोड़ से अधिक मूल्य की ज्वैलरी का प्रदर्शन किया गया, जिसके लिए निजी सुरक्षाकर्मी के साथ पुलिस भी तैनात रही।
शो में शहर के 55 व्यापारियों ने अपने स्टाल लगाए। इनमें मेरठ के साथ राजकोट, गुजरात और मुंबई की ज्वैलरी प्रदर्शित की। मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन के महामंत्री विजय आनंद अग्रवाल ने बताया कि उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, पंजाबके व्यापारियों ने भी शिरकत की। आकर्षक डिजाइनों और दाम आदि की जानकारी करने के बाद प्रदर्शनी देखने आए व्यापरियों ने इस पहल की सराहना की। शो में डेढ़ सौ से चार लाख रुपये तक के सोने और 20 लाख रुपये तक के हीरे के आभूषणों का प्रदर्शन किया गया। यह शो केवल व्यापारियों के लिए है। व्यापारियों को आधार कार्ड और फर्म का विजिटिंग कार्ड लाना अनिवार्य है। ओमप्रकाश जौहरी, प्रदीप अग्रवाल, संदीप अग्रवाल, अशोक कुमार रस्तोगी, दीपक रस्तोगी, अमित अग्रवाल, कोमल वर्मा, डा. संजीव अग्रवाल, पवन कुमार लाल, प्रदीप शर्मा आदि मौजूद रहे।
मजबूत और हल्की ज्वैलरी है मेरठ की पहचान
महंगाई के दौर में आभूषण का शौक आम आदमी भी पूरा कर सके, इसके लिए मेरठ की हस्तनिर्मित ज्वैलरी का कोई सानी नहीं है। आर्डर पर मनचाहे डिजाइन और वजन के जेवर कारीगर तैयार कर देते हैं। इसी तरह खोखली चेन भी मेरठ में खूब तैयार हो रही हैं, जिनकी बाहर काफी मांग है। ज्वैलर आलोक कुमार गुप्ता ने बताया कि इसमें चांदी पर सोने की परत चढ़ाई जाती है। कीमत एक हजार से 20 हजार रुपये तक है। शो में खास बात यह रही कि मेरठ के नामी ज्वैलर्स की नई पीढ़ी व्यवसाय में नए प्रयोग कर रही है। जोधा अकबर, पद्मावत जैसी फिल्मों के बाद लोगों में राजसी लुक वाली ज्वैलरी का क्रेज बढ़ा है। मेरठ के कई ज्वैलर्स ने राजकोट में भी अपनी यूनिटें स्थापित की हैं। इनमें मनोहर लाल एंड संस से आरती शेखर, आरएमपी ज्वैलर्स के प्रियांक, बाबू राम ज्वैलर्स से अमित के नाम शामिल हैं।
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अंगूठी में भाजपा का निशान कमल का फूल
तन्वी के स्टाल पर चुनाव के दौरान बिक्री के लिए भाजपा के चुनाव निशान कमल के फूल वाली अंगूठी प्रदर्शित की गई। कास्टिंग तकनीक से तैयार की गई अंगूठी का डिजाइन और चमक देख कर सांसद भी अवाक रह गए। स्टाल पर मौजूद मनोज झा ने बताया कि कास्ट तकनीक से हल्की और उभरे हुए डिजाइन के आभूषण तैयार किए जा सकते हैं। उनके स्टाल पर तीन लाख रुपये तक के ब्राइडल आभूषण थे।
आभूषणों पर झलकी आस्था
लोकेश कुमार सर्राफ के स्टाल पर लाकेट, अंगूठी और कंगन पर राधा कृष्ण, भगवान बुद्ध और गणेश जी की आकृति बनाई गई थी। चांदी और सोने के आभूषण पर पत्थर और नगों के माध्यम से बनाई आकृति ने भी लोगों का ध्यान खींचा।
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मेरठ की ज्वैलरी के बारे में सुना था.. देखने चला आया
टीवी सीरियल चाणक्य में मुख्य किरदार निभाने वाले मनीष वाधवा भी शो में पहुंचे। अरिहंत ज्वैलर्स के स्टाल पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मेरठ की ज्वैलरी के बारे में सुना था, लेकिन देखा नहीं था। जब पता चला तो देखने चला आया। मनीष ने बताया कि जल्द ही उनकी वेब सीरीज छत्रसाल आने वाली है जिसमें आशुतोष राणा औरंगजेब के किरदार में हैं, जबकि उनका रोल पाजिटिव है। मणिकर्णिका और पद्मावत फिल्म में भी उनका रोल था। बताया कि दो फिल्में पाइपलाइन में हैं।
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चीन की अंगूठियां
प्रदर्शनी में चीन की अंगूठियां और ब्रेसलेट भी प्रदर्शित किए गए। चांदी की अंगूठियां नगों और मोतियों से जड़ी हुई हैं। स्टाल मैनेजर ने बताया कि ये मुख्यत: पार्टियों में पहनी जाती हैं। इनका आकार सामान्य से बड़ा होता है। इनका दाम दो सौ से दो हजार रुपये तक है।
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एक करोड़ की चेन वेल्डिंग मशीन
बदलते दौर में टेक्नोलाजी ज्वैलरी कारोबार में हावी हो रही है। मशीन बनाने वाली कंपनी निकुंज के मनोज पांडे ने बताया कि वेल्डिंग मशीन एक करोड़ की है। चेन बनाने वाली छोटी मशीन 17 लाख की है।
असली हीरे की पहचान करेगी मशीन
ज्वैलरी शो में असली हीरे की पहचान करने वाली मशीन भी थी। बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन के मनीष अग्रवाल ने बताया कि आजकल नकली डायमंड की भरमार है। इस मशीन से असली डायमंड ज्वैलरी को परखा जा सकता है।
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सुरक्षा में दिखी खामी
करोड़ों की ज्वैलरी की सुरक्षा में कुछ खामियां भी देखने को मिलीं। एक स्टाल पर टूटा हुआ सीसीटीवी कैमरा लगा दिया गया। वहीं, सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी खुद प्रदर्शनी देखने व मोबाइल में व्यस्त रहे।
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