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मिलिए मेरठ के धनवीर से... पीएम मोदी से प्रेरणा लेकर बन गए पौधों के मार्केटिंग मैनेजर, छोड़ दी नौकरी

23 साल की नौकरी को मात्र 23 मिनट में अलिवदा कहकर कठिन निर्णय लिया और पौधों की नर्सरी से आत्मनिर्भर बनने की शुरूआत की। लाकडाउन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन से प्रेरणा मिली और नर्सरी में कुछ अलग हटकर कार्य किया और पौधों के मार्केटिंग मैनेजर बन गए।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Wed, 06 Jan 2021 01:25 PM (IST)Updated: Wed, 06 Jan 2021 01:25 PM (IST)
मिलिए मेरठ के धनवीर से... पीएम मोदी से प्रेरणा लेकर बन गए पौधों के मार्केटिंग मैनेजर, छोड़ दी नौकरी
पीए मोदी से प्रेरणा लेकर बन गए पौधों के मार्केटिंग मैनेजर ।

मेरठ, जेएनएन। कोरोना के चलते लाकडाउन में नौकरी छूटी तो परिवार संकट में आ गया। 23 साल की नौकरी को मात्र 23 मिनट में अलिवदा कहकर कठिन निर्णय लिया और पौधों की नर्सरी से आत्मनिर्भर बनने की शुरूआत की। लाकडाउन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन से प्रेरणा मिली और नर्सरी में कुछ अलग हटकर कार्य किया। किला रोड पर आकाशवाणी केंद्र के पास 700 गज के प्लाट में तैयार की गई 'मीत नर्सरी' में 250 से अधिक फूल, सब्जी, वास्तु, छायादार व फलदार पौधों की प्रजाति के पौधे उपलब्ध हैं। किला रोड स्थित कोरल स्प्रिंग्स कालोनी निवासी धनवीर सिंह मेरठ के एक प्रकाशन में मार्केटिंग मैनेजर की नौकरी करते थे। उनका कहना है कि लाकडाउन ने उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है। आपदा को अवसर में बदलकर उन्होंने रोजगार के क्षेत्र में एक नयी तस्वीर प्रस्तुत की। वह अपने ग्राहक को मट्ठा पिलाकर उनका स्वागत करते हैं।

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23 साल की नौकरी छोड़ने में लगे 23 मिनट

किला रोड स्थित कोरल स्प्रिंगस कालोनी निवासी धनवीर सिंह मेरठ के एक पुस्तक प्रकाशन में 23 सालों से मार्केटिंग मैनेजर की नौकरी करते थे। लाकडाउन के शुरूआत में ही कंपनी ने अपनी मजबूरियां गिनाईं तो धनवीर को भी सोचने में ज्यादा वक्त नहीं लगा। उन्होंने 23 साल की लंबी नौकरी को मात्र 23 मिनट में निर्णय लेकर अलिवदा कर दिया। धनवीर सिंह का कहना है कि लाकडाउन के दौरान उन्हें कुछ करने का मौका मिला है तो नया जरूर करेंगे। उन्होंने अपनी रूचि के अनुसार खेती किसानी से संबंधित ही रोजगार को प्राथमिकता दी।

पौधों की कीमत और होम डिलीवरी विशेषता

वैसे तो शहर के हर कोने में नर्सरी की भरमार है। लेकिन धनवीर सिंह ने कुछ हटकर ही काम करने की योजना तैयार की। उन्होंने कहा कि जो भी ग्राहक उनकी नर्सरी पर पहुंचता है, उसे वह गाय के दूध से बना शुद्ध मट्ठा पिलाकर स्वागत करते हैं। इसके अलावा अन्य नर्सरी की तुलना में पौधों के दाम और पौधों को घर तक होम डिलीवरी के तहत पहुंचाना उनके काम की विशेषता है।

वास्तु, छायादार व फलदार पौधे सब कुछ

पोलिटिकल साइंस में मास्टर डिग्री प्राप्त धनवीर सिंह की 'मीत नर्सरी' में वास्तु, फलदार, छायादार व फूलों के करीब 250 विभिन्न प्रजातियों के पौधे हैं। खास बात यह है कि सभी पौधे पूर्ण रूप से जैविक विधि से तैयार किए गए हैं। धनवीर सिंह ने अमरोहा से पौधे खरीदकर डेढ़ लाख रुपये की लागत से नर्सरी तैयार की। 


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