एक्सप्रेस-वे पर दिखेगा मेरठ का घंटाघर, बनेगी डिजिटल आर्ट गैलरी
मेरठ दिल्ली-एक्सप्रेस-वे के ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के 32 किमी के हिस्से पर भी दर्शनीय-पर्यटन स्थलों की प्रतिकृति खड़ी करने की तैयारी है।
By Ashu SinghEdited By: Published: Mon, 05 Nov 2018 03:49 PM (IST)Updated: Mon, 05 Nov 2018 03:49 PM (IST)
मेरठ (जेएनएन)। बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान बऊआ सिंह बनकर मेरठ के घंटाघर के सामने खड़े होकर देश-दुनिया में मशहूर हो रहे हैं। फिल्म जीरो के ट्रेलर से लेकर पोस्टर तक में मेरठ का घंटाघर आपको दिख जाएगा। अब मेरठ का घंटाघर दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर भी नजर आएगा। मेरठ की ओर बनने वाले टोल प्लाजा के निकट मेरठ की पहचान के तौर पर घंटाघर की प्रतिकृति खड़ी की जाए, इस पर विचार किया जा रहा है।
दर्शनीय-पर्यटन स्थलों की प्रतिकृति बनेगी
दरअसल, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे (ईपीई) की तर्ज पर ही मेरठ दिल्ली-एक्सप्रेस-वे के ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के 32 किमी के हिस्से पर भी दर्शनीय-पर्यटन स्थलों की प्रतिकृति खड़ी करने की तैयारी में है। इस बार इनकी ऊंचाई ईपीई की तुलना में डेढ़ से दो गुनी तक होगी ताकि यात्रियों को ठीक ढंग से यह आकृतियां नजर आएं। चूंकि इस एक्सप्रेस-वे का नाम ही मेरठ से जुड़ा है लिहाजा, तमाम दर्शनीय और पर्यटन स्थल की आकृतियों में मेरठ के घंटाघर का नाम भी शामिल किया जा रहा है। एक्सप्रेस-वे पर हरियाली का भी विशेष ख्याल रखा जाएगा।
80 हजार पौधे रोपे जाएंगे
32 किमी की दूरी में 80 हजार पौधे रोपे जाने का प्लान है ताकि प्रदूषण को ज्यादा से ज्यादा अवशोषित किया जा रहा है। बता दें कि 135 किमी लंबी ईपीई पर ढाई लाख पौधे रोपे गए हैं। इसके साथ ही एक्सप्रेस-वे के इस हिस्से पर वे साइड अमेनिटीज सेंटर खोला जाएगा। यहां पेट्रोल पंप, वॉश रूम-टॉयलेट, फूड आउटलेट्स के साथ डिजिटल आर्ट गैलरी भी खड़ी की जाएगी। यहां प्रोजेक्टर पर दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे निर्माण से जुड़ी इंजीनियरिंग और कामकाज के बारे में 3-डी फिल्म दिखाई जाएगी।
निर्माण कार्यों से रोक हटने का इंतजार
एनएचएआइ अधिकारियों को कहना है कि प्रदूषण के लिहाज से फिलहाल निर्माण कार्य पर रोक लगी हुई है। जैसे ही यह पाबंदी हटती है, हम निर्माण कार्य तेज कर देंगे ताकि समय रहते इस परियोजना को पूरा कर लें। बता दें कि मार्च तक एक्सप्रेस-वे के इस हिस्से को पूरा करने का एनएचएआइ को लक्ष्य दिया गया है।
मेरठ और गाजियाबाद के हिस्से की बाकी भूमि भी जल्द लेंगे
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण की खातिर अब भी भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। गाजियाबाद में लगभग 18 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया अभी शुरू की गई है। इसी तरह मेरठ के हिस्से में काशी गांव के निकट भूमि उपलब्ध न होने से निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है। एनएचएआइ का दावा है कि मेरठ की भी भूमि को लेकर चल रहे संशय की स्थिति को 15 नवंबर तक खत्म कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। एनएचएआइ का कहना है कि मेरठ और गाजियाबाद दोनों ही जिलों के डीएम से इस संबंध में बात हुई है, सकारात्मक सहयोग मिल रहा है।
इनका कहना है
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे की बायीं ओर दर्शनीय और पर्यटन स्थलों की प्रतिकृति लगाई जाएगी। विभिन्न नामों पर विचार किया जा रहा है। जल्द ही सभी नाम तय कर दिए जाएंगे। चूंकि यह एक्सप्रेस-वे मेरठ के नाम से है, लिहाजा मेरठ की पहचान को भी इसमें शामिल किए जाने पर विचार किया जा रहा है।
-किशोर कान्याल, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे (दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे)
दर्शनीय-पर्यटन स्थलों की प्रतिकृति बनेगी
दरअसल, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे (ईपीई) की तर्ज पर ही मेरठ दिल्ली-एक्सप्रेस-वे के ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के 32 किमी के हिस्से पर भी दर्शनीय-पर्यटन स्थलों की प्रतिकृति खड़ी करने की तैयारी में है। इस बार इनकी ऊंचाई ईपीई की तुलना में डेढ़ से दो गुनी तक होगी ताकि यात्रियों को ठीक ढंग से यह आकृतियां नजर आएं। चूंकि इस एक्सप्रेस-वे का नाम ही मेरठ से जुड़ा है लिहाजा, तमाम दर्शनीय और पर्यटन स्थल की आकृतियों में मेरठ के घंटाघर का नाम भी शामिल किया जा रहा है। एक्सप्रेस-वे पर हरियाली का भी विशेष ख्याल रखा जाएगा।
80 हजार पौधे रोपे जाएंगे
32 किमी की दूरी में 80 हजार पौधे रोपे जाने का प्लान है ताकि प्रदूषण को ज्यादा से ज्यादा अवशोषित किया जा रहा है। बता दें कि 135 किमी लंबी ईपीई पर ढाई लाख पौधे रोपे गए हैं। इसके साथ ही एक्सप्रेस-वे के इस हिस्से पर वे साइड अमेनिटीज सेंटर खोला जाएगा। यहां पेट्रोल पंप, वॉश रूम-टॉयलेट, फूड आउटलेट्स के साथ डिजिटल आर्ट गैलरी भी खड़ी की जाएगी। यहां प्रोजेक्टर पर दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे निर्माण से जुड़ी इंजीनियरिंग और कामकाज के बारे में 3-डी फिल्म दिखाई जाएगी।
निर्माण कार्यों से रोक हटने का इंतजार
एनएचएआइ अधिकारियों को कहना है कि प्रदूषण के लिहाज से फिलहाल निर्माण कार्य पर रोक लगी हुई है। जैसे ही यह पाबंदी हटती है, हम निर्माण कार्य तेज कर देंगे ताकि समय रहते इस परियोजना को पूरा कर लें। बता दें कि मार्च तक एक्सप्रेस-वे के इस हिस्से को पूरा करने का एनएचएआइ को लक्ष्य दिया गया है।
मेरठ और गाजियाबाद के हिस्से की बाकी भूमि भी जल्द लेंगे
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण की खातिर अब भी भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। गाजियाबाद में लगभग 18 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया अभी शुरू की गई है। इसी तरह मेरठ के हिस्से में काशी गांव के निकट भूमि उपलब्ध न होने से निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है। एनएचएआइ का दावा है कि मेरठ की भी भूमि को लेकर चल रहे संशय की स्थिति को 15 नवंबर तक खत्म कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। एनएचएआइ का कहना है कि मेरठ और गाजियाबाद दोनों ही जिलों के डीएम से इस संबंध में बात हुई है, सकारात्मक सहयोग मिल रहा है।
इनका कहना है
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे की बायीं ओर दर्शनीय और पर्यटन स्थलों की प्रतिकृति लगाई जाएगी। विभिन्न नामों पर विचार किया जा रहा है। जल्द ही सभी नाम तय कर दिए जाएंगे। चूंकि यह एक्सप्रेस-वे मेरठ के नाम से है, लिहाजा मेरठ की पहचान को भी इसमें शामिल किए जाने पर विचार किया जा रहा है।
-किशोर कान्याल, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे (दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे)
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