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खेल व फिल्मी हस्तियों तक पहुंची मेरठ की स्पो‌र्ट्स मेडिसिन

स्पो‌र्ट्स मेडिसिन के क्षेत्र में दिन-ब-दिन तरक्की और बढ़ती जागरूकता की दिशा में मेरठ ने भी कदमताल किया है। मेरठ के फिजियोथेरेपिस्ट पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों की खेलकूद प्रतियोगिताओं से लेकर यहां के राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों की फिटनेस का ख्याल रख रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Feb 2020 04:00 AM (IST)Updated: Wed, 05 Feb 2020 06:04 AM (IST)
खेल व फिल्मी हस्तियों तक पहुंची मेरठ की स्पो‌र्ट्स मेडिसिन
खेल व फिल्मी हस्तियों तक पहुंची मेरठ की स्पो‌र्ट्स मेडिसिन

मेरठ, जेएनएन। स्पो‌र्ट्स मेडिसिन के क्षेत्र में दिन-ब-दिन तरक्की और बढ़ती जागरूकता की दिशा में मेरठ ने भी कदमताल किया है। मेरठ के फिजियोथेरेपिस्ट पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों की खेलकूद प्रतियोगिताओं से लेकर यहां के राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों की फिटनेस का ख्याल रख रहे हैं। इस सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मेरठ की ही डा. कनु प्रिया फिल्म 'दंगल' में अभिनेता आमिर खान की फिजियोथेरेपिस्ट थीं। स्पो‌र्ट्स मेडिसिन के क्षेत्र में प्रशिक्षित डा. प्रिया की बेहतरीन सर्विसेज के बाद आमिर खान ने 'ठग्स ऑफ हिदुस्तान' के दौरान भी उन्हीं की निगरानी में स्टंट किए।

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बढ़ रही डिमांड और अवसर भी

डा. कनु प्रिया वर्तमान में बरमूडा के हैमिल्टन शहर में रहते हुए स्पो‌र्ट्स मेडिसिन के करियर को आगे बढ़ा रही हैं। कॉलेज ऑफ एप्लाइड एजुकेशन एंड हेल्थ साइंस में प्रशिक्षित डा. प्रिया दंगल फिल्म के दौरान पहलवान बनीं अन्य कलाकारों की फिजियो भी रहीं। इस क्षेत्र में करियर बनाते हुए खिलाड़ियों को जरूरी फिजियो सेवाएं दे रहे हैं। कैलाश प्रकाश स्पो‌र्ट्स स्टेडियम में 10 साल से फिजियोथेरेपी की ओपीडी चल रही है। स्टेडियम में खेलने वाले खिलाड़ियों के साथ कोच व हॉस्टल के खिलाड़ी भी इसका लाभ उठाते हैं।

12वीं के बाद कर सकते हैं कोर्स

स्पो‌र्ट्स मेडिसिन के क्षेत्र में आगे बढ़ने वाले छात्र 12वीं के बाद फिजियोथेरेपिस्ट सहित अन्य कोर्स कर सकते हैं। 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायो पढ़ने वाले छात्रों को फिजियो कोर्स के साथ ही मेरठ और आसपास आयोजित खेलकूद प्रतियोगिताओं में प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के लिए भी भेजा जाता है, ताकि पढ़ाई के साथ अनुभव भी ले सकें। मैं भारतीय कुश्ती टीम के साथ यूरोप टूर में फिजियो के तौर पर गई। पढ़ाई के दौरान ही वहां अपने खिलाड़ियों की चोट के अनुरूप उन्हें उपचार मुहैया करा खेलने के लिए तैयार करना बेहतर अनुभव रहा।

-द व्यांशी आनंद, परास्नातक छात्रा अंडर-19 उत्तर प्रदेश टीम के साथ फिजियो के तौर पर गया। खिलाड़ियों और कोचों के बीच रहकर फिजियोथेरेपिस्ट की डिमांड और जरूरत का पता चलता है।

-विजय मलिक, फाइनल ईयर, फिजियोथेरेपी पिछले दिनों उत्तर प्रदेश की अंडर-16 टीम के साथ टूर पर गया। खेल के लिए खिलाड़ियों को हमेशा फिट रखने का काम फिजियो ही करते हैं। हर खेल में फिजियो की अनिवार्यता बढ़ती जा रही है।

-सारिब खान, फिजियोथेरेपिस्ट, कैश कॉलेज


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