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Meerut Weather Update: मेरठ में कहीं-कहीं बूंदाबांदी, बिजनौर में खादर क्षेत्र जलमग्न

Meerut Weather News Update मेरठ में सोमवार को सुबह से ही आसमान पर बादल छाए थे। कई दिन बाद हुई बारिश से गर्मी से परेशान लोगों को मिली। हालांकि सभी क्षेत्रों में बारिश नहीं हुई है। फिर भी उमस से राहत है।

By Parveen VashishtaEdited By: Published: Sat, 20 Aug 2022 11:04 AM (IST)Updated: Sat, 20 Aug 2022 11:04 AM (IST)
Meerut Weather Update: मेरठ में कहीं-कहीं बूंदाबांदी, बिजनौर में खादर क्षेत्र जलमग्न
बिजनौर में खादर क्षेत्र जलमग्न, कटान से दहशत में किसान

मेरठ, जागरण संवाददाता। मेरठ में कई दिनों से बारिश नहीं हुई थी। उमस से लोग परेशान थे। शनिवार को मामूली बारिश से भी लोगों को राहत मिली। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 35.8 और न्‍यूनतम 24.5 रिकार्ड किया गया। 

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बदला-बदला नजर आया मौसम 

शनिवार को मौसम का मिजाज बदला-बदला नजर आया। दिन की शुरुआत बादलों के साथ हुई। उसके बाद शहर के कुछ क्षेत्रों में हुई बूंदाबांदी ने लोगों को राहत दी। इससे बीते कई दिन से गर्मी, उमस और तेज धूप से परेशान लेागों को राहत मिली। 

बिजनौर में कटान से दहशत में किसान

बिजनौर, जागरण संवाददाता। नांगलसोती क्षेत्र के गांव गौसपुर व खदार में शनिवार प्रातः आए गंगा में तेज पानी को लेकर पूरा खादर क्षेत्र जलमग्न हो गया है। सैकड़ों किसानों की फसले जलमग्न हो गई है। वहीं ग्राम गौसपुर के ग्रामीण कटान की चिंता में गंगा किनारे डटे हुए हैं। आशंका है कि कटान शुरू हुआ तो कुछ ही घंटों में ग्राम गौसपुर तबाह हो जाएगा। 

बदलते मौसम में रखें सेहत का ख्‍याल रखना जरूरी 

मेरठ, जागरण संवाददाता। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच बुखार के भी केस भी बढ़ रहे हैं। बुखार की पहचान आसानी से नहीं हो पा रही है। वेस्‍ट यूपी में विशेष तौर छह प्रकार के बुखार लोगों को अपनी चपेट ले रहे हैं। ऐसे पूरी तरह से सावधानी बरतने से ही इससे बचा जा सकता है। मेरठ में विशेषज्ञों का कहना है कि यह बुखारों का मौसम है। कोरोना छोड़कर छह बुखारों से सतर्क रहना होगा। साफ भोजन, पानी लें। मच्छरों से बचाव के लिए पूरी बाजू की शर्ट पहनें।

रहें सतर्क

बता दें कि जलजमाव में सिर्फ डेंगी वायरस ही नहीं...बल्कि अन्य जानलेवा बुखार भी पलते हैं। चिकित्सकों ने बारिश में छह प्रकार के बुखारों मलेरिया, टायफायड, डेंगू, चिकनगुनिया, वायरल के अलावा लैप्टोस्पायरोसिस से सतर्क रहना होगा। मेडिकल कालेज के प्रोफेसर डा. अरविंद का कहना है कि ज्यादातर बुखारों में समान लक्षण हैं।

कंपकंपी के साथ बुखार

हालांकि मलेरिया एवं लैप्टोस्पायरोसिस में कंपकंपी के साथ बुखार चढ़ता है। बारिश, नमी एवं धूप की वजह से नए प्रकार के बैक्टीरिया एवं वायरस पनपते हैं। घासफूस एवं झाडियों की वजह से स्क्रब टाइफस एवं लैप्टोस्पायरोसिस का खतरा बढ़ता है।

इन छह प्रकार के बुखार को पहचानें

1 मलेरिया : पश्चिम उप्र में बड़ी संख्या में मलेरिया के मरीज मिलते हैं। ये मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है। मरीज को कंपकंपी, बुखार, मिचली, थकान, दर्द, उल्टी एवं कई बार मौत तक हो जाती है। फेल्सीपेरम मलेरिया वाईवैक्स की तुलना में ज्यादा खतरनाक है। बुखार की जांच करानी चाहिए।

2 टायफायड : बारिश के दौरान प्रदूषित खानपान व पानी से यह बीमारी संक्रमित होती है। साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया इसका कारण है। यह बुखार 104 डिग्री तक पहुंचता है। हालांकि इसकी मियाद सात से 14 दिन है, लेकिन एक माह तक बुखार टिक सकता है। पेट दर्द, कब्ज, भूख में कमी व कफ के लक्षण उभरते हैं।

3 डेंगू : एक बूंद साफ पानी में डेंगू वायरस पैदा हो जाता है। कूलर, फ्रिज, गमला व टायर में अटके पानी से बीमारी बढ़ती है। एडीज मच्छर दिन में काटता है, जिससे डेंगू बुखार होता है। मांसपेशियों में दर्द, ठंड लगना, आंख के नीचे दर्द, बेचैनी, गले में हल्का दर्द व शरीर पर लाल चकत्ते पड़ जाते हैं। नाक से खून आना खतरनाक है। हैमरेजिक एवं शाक सिंड्रोम से मरीज की जान जा सकती है।

4 चिकनगुनिया : यह बुखार भी एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है। तेज बुखार के साथ मांसपेशियों, कलाई एवं जोड़ों में तेज दर्द एवं सूजन होता है।

5 वायरल बुखार : बारिश में वायरल बुखार तेजी से संक्रमित हो रहा है। मेडिकल कालेज की मेडिसिन ओपीडी में 50 प्रतिशत मरीज बुखार के हैं। बदन दर्द, गले में खराश, थकान, भूख में कमी खास लक्षण हैं।

6 लैप्टोस्पायरोसिस : यह चूहे, बिल्ली, गिलहरी, भैंस, घोड़े, भेंड़, बकरी एवं कुत्तों के मूत्र से संक्रमित होने वाला बुखार है। मरीज को तेज बुखार, कंपकंपी, पेट दर्द, मांसपेशियों को दर्द लक्षण हैं। कई बार बीमारी माहभर तक चलती है। सटीक इलाज न मिलने पर मौत हो जाती है।

बोले विशेषज्ञ

यह बुखारों का मौसम है। कोरोना छोड़कर छह बुखारों से सतर्क रहना होगा। साफ भोजन, पानी लें। मच्छरों से बचाव के लिए पूरी बाजू की शर्ट पहनें। घर की सफाई करें। बारिश में घासफूस व झाड़ियों में न जाएं, इससे लैप्टोस्पायरोसिस का खतरा है। लक्षण उभरे तो साधारण बुखार समझने की भूल न करें।

- डा. तनुराज सिरोही, सीनियर फिजिशियन


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