मेरठ : जलभराव बनी मुसीबत, घरों के बाहर गंदा पानी की वजह बना निर्माण Meerut News
मेरठ के कुछ इलाकों में लंबे से जलभराव की समस्या बनी हुई है। ऐसे क्षेत्रों में नाले बनवाने की दरकार थी। आबादी अधिक होने के चलते नाली के सहारे इलाके की जलनिकासी की व्यवस्था धराशायी थी। बरसात में नाली ओवरफ्लो होकर सड़क पर गंदगी बहती थी।
मेरठ, जेएनएन। मेरठ में लंबे समय से जलभराव का दंश झेल रहे इंदिरानगर वार्ड 62 के आसपास के मोहल्ले में रहने वाले सैकड़ों परिवारों की मुश्किलें इन दिनों और भी बढ़ गई है। जिससे उनका रहना दूभर बना हुआ है। हालांकि पहले जलभराव का कारण संकरी नाली व सिल्ट बनती थी लेकिन, अब इसकी वजह नाला निर्माण बन गया है। जिसको लेकर रास्ते में जलभराव और सिल्ट के बिखराव से निर्माण कर रहे लोगों से भी उलझ जा रहे हैं।
दरअसल, लंबे समय से इलाके में नाले बनवाने की दरकार थी। आबादी अधिक होने के चलते नाली के सहारे इलाके की जलनिकासी की व्यवस्था धराशायी थी। समय पर उनकी सफाई न होने और बरसात में नाली ओवरफ्लो होकर सड़क पर गंदगी बहती थी। करीब 15-20 दिन पहले इलाके की मिशन चौक से शुरू हुए नाला निर्माण कार्य करवा रहे लोगों ने निर्माण में निकलने वाले कचरे व सिल्ट को सड़क पर ही जमा कर चलता होते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है निर्माण में नाली तोडऩे के समय निकलने वाले मलबे व सिल्ट को समय पर उठाया नहीं जा रहा है।
कर्मचारी नाला निर्माण के नाली से निकलने वाली सिल्ट व मलबे को शाम को काम खत्म करते समय नहीं उठाते। ऐसे में रात को उनके घरों तक चार पहिया वाहन नहीं आ पाता। साथ ही दो पहिया वाहन व जानवर उस कचरे को पूरे रास्ते पर बिखेर जाते हैं। घरों के बाहर जमा गंदगी की दुर्गंध से लोगों का सुकून के दो पल बिताना मुहाल बना हुआ है। इलाके के इंदिरानगर, गौतमनगर, शास्त्रीकोठी आदि जगहों पर लोग परेशान हैं। पूर्व पार्षद राजू वर्मा ने बताया कि यह नाला मिशन चौक, शास्त्री कोठी से होते हुए भूमिया पल तक प्रस्तावित है। निर्माण कार्य करा रहे लोगों को आमजन की मुश्किलों को देखते हुए उचित व्यवस्था बनाई जानी चाहिए।