मेरठ में तेल कारोबारी से लूट के मामले में कर्मचारी समेत दो गिरफ्तार, पांच लाख रुपये बरामद
शहर के एक तेल कारोबारी से पांच लाख की लूट में कर्मचारी समेत दो बदमाशों को गिरफ्तार कर एसओजी ने पांच लाख रुपये बरामद कर लिए। अभी लूट में शामिल चार आरोपित फरार हैं। आरोपितों ने लूट की इस वारदात को एक मिनट में अंजाम दिया था।
मेरठ, जागरण संवाददाता। मेरठ में तेल कारोबारी से 14.90 लाख की लूट में कर्मचारी समेत दो बदमाशों को गिरफ्तार कर एसओजी ने पांच लाख रुपये बरामद कर लिए। आरोपितों ने वारदात को अंजाम देने से पहले दो माह तक रेकी की और एक दिन पहले रिहर्सल भी की थी। गिरफ्तार कर्मचारी घटना वाले दिन दुकान पर गया था, ताकि किसी को शक न हो। लूट में शामिल चार आरोपित फरार हैं।
ऐसे की थी वारदात
टीपीनगर थाना क्षेत्र के महावीरजी नगर निवासी तेल कारोबारी अमित अग्रवाल की नवीन मंडी में फर्म है। 12 जुलाई को वह देहात क्षेत्र से पेमेंट लेकर लौट रहे थे। गढ़ रोड पर हसनपुर चौकी के पास बदमाशों ने उन्हें लूट लिया था। गुरुवार को प्रेसवार्ता में एसपी क्राइम अनित कुमार ने बताया कि कारोबारी के कर्मचारी सरताज उर्फ पहाड़ी निवासी तारापुरी थाना लिसाड़ी गेट ने साथियों संग मिलकर वारदात की थी। एसओजी ने सरताज के साथ ही शाह फैसल उर्फ छोटे निवासी दक्षिणी खादरवाला थाना कोतवाली मुजफ्फरनगर को भी गिरफ्तार कर लिया। वारदात में शाहिद निवासी नई मंडी, सहारनपुर, उसका भाई शहजाद, शोएब उर्फ बुलेट निवासी लिसाड़ी गेट और एक अज्ञात शामिल थे।
शाह फैसल ने पुलिस कस्टडी में की थी आसिफ जायदा की हत्या
एसओजी प्रभारी वरुण शर्मा ने बताया कि शाह फैसल पर मुकदमों की लंबी फेहरिस्त है। उसने वर्ष 2015 में नैनी जेल प्रयागराज से मुजफ्फरनगर में पेशी पर आए बदमाश आसिफ जायदा की पुलिस कस्टडी में गोली मारकर हत्या कर दी थी। आरोपितों ने लूट में प्रयुक्त बाइक दिल्ली से चोरी की थी। पुलिस को गुमराह करने के लिए बाइक को लिसाड़ी गेट क्षेत्र में लावारिस छोड़ दिया था। वहीं फरार शाहिद हाल ही में मुंबई की जेल से छूटा है।
एक मिनट में की थी लूट
तेल कारोबारी अमित अग्रवाल ने बताया कि घटना वाले दिन वह कैश लेकर लौट रहे थे। जब वह चौकी के पास पहुंचे तो एक बाइक पर सवार दो युवक उनके पास से घूरते हुए निकले। इसके बाद बदमाशों ने यू-टर्न लिया और वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए। बदमाशों ने पूरी घटना को एक मिनट के भीतर ही अंजाम दे दिया था। उनको शुरू से ही शक था कि वारदात में कोई नजदीकी शामिल है। बताया कि करीब छह साल पहले भी उनके साथ लूट हुई थी। वहीं, उनका कहना था कि आरोपित कर्मचारी रोजाना 15 सौ से लेकर दो हजार रुपये कमाता था। ज्यादा रुपयों के लालच में उसने वारदात की।