जागरण संवाददाता मेरठ: इंश्योरेंस पॉलिसी कम पैसों में रिन्यूअल कराने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। मेडिकल थाना क्षेत्र से धोखाधड़ी के मामले में जितेंद्र कुमार वांछित चल रहा था। एसटीएफ ने जितेंद्र की धरपकड़ शुरू कर दी। जितेंद्र को एसटीएफ ने नोएडा से गिरफ्तार कर लिया है, उसके दो अन्य साथी भी पकड़े गए हैं। बताया जाता है कि जितेंद्र अपने दो साथियों के साथ मिलकर नोएडा में इंश्योरेंस पॉलिसी रिनुअल के नाम पर पड़ी ठगी कर रहा था।

एसटीफ को विगत कुछ समय से मिल रही थी शिकायत

जानकारी के मुताबिक एसटीफ को विगत कुछ समय से गौतमबुद्धनगर में फर्जी कॉल सेंटर से ग्लोबल डाटा आर्टस से डाटा लेकर फर्जी आईडी की सिम से कॉल करके इन्श्योरेंस पॉलिसी को कम पैसे में रिन्यूवल कराने का लालच देकर व दुबारा शुरू कराने के लिए फर्जीवाड़े की सूचना मिली थी। इसके अलावा एसटीफ को फर्जी बैंक अकाउण्ट के पैसे ट्रान्सफर कराकर तथा फर्जी एकाउण्ट के एटीएम द्वारा पैसे निकालने वाले गिरोह के सक्रिय होने की सूचनाएं प्राप्त हो रहीं थी, जिस पर एसटीएफ पश्चिमी उप्र की इकाईयों को अभिसूचना संकलन एवं कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था।

अभिसूचना संकलन के माध्यम से ज्ञात हुआ कि थाना मेडिकल जनपद मेरठ क्षेत्र में 23 दिसंबर को एसटीएफ द्वारा फर्जी प्लेसमेण्ट सेंटर चलाकर बेरोजगार नवयुवकों के साथ धोखाधड़ी कर नौकरी दिलाने का लालच देकर मोटी रकम वसूल करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया था। इस घटना का वांछित जितेन्द्र अग्रवाल उर्फ जिगर सेक्टर 63 के ए-ब्लॉक में फर्जी कॉल सेंटर में कार्य कर रहा था। उसकी निशादेही पर ए-ब्लाक के बिल्डिंग नम्बर ए-146 की दूसरी मंजिल पर अन्दर बने अलग-अलग कैबिन में तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया।

इस तरह करते हैं ठगी

यह कॉल सेंटर गौरव यादव का है, तीनो आरोपित छह माह से चला रहे हैं। यह लोग ग्लोबल डाटा आर्टस कम्पनी से डाटा लेते हैं, जो ग्लोबल डाटा आर्टस कम्पनी की मेल आईडी से गौरव यादव की मेल आईडी पर प्राप्त होता है। उक्त डाटा प्राप्त फोन नम्बरों पर फर्जी आईडी के सिम से कॉल कर जिनकी पॉलिसी लैप्स हो गयी है और ज्यादा किस्त बकाया है, बकाया किस्त से कम रूपये में पॉलिसी रिन्यूवल कराने का लालच देकर दोबारा शुरू कराने के लिए वह अपने फर्जी बैंक एकाउण्ट में पैसे ट्रान्सफर कराकर ठगी का काम करते हैं तथा फर्जी एकाउण्ट के एटीएम द्वारा पैसे निकालकर कुछ प्रतिशत अपने पास रखकर बाकी गौरव यादव को देते हैं।

Edited By: Nirmal Pareek