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Meerut Rapid Rail: रैपिड रेल पटरी बिछाने के साथ-साथ यह काम भी तेज गति से चल रहा, पढ़ें-प्रोजेक्‍ट रिपोर्ट

Meerut Rapid Rail योजना के मुताबिक रैपिड रेल के लिए 17 किमी हिस्से में सबसे पहले दिसंबर 2022 या मार्च 2023 तक ट्रेन चल जाएगी। दुहाई से साहिबाबाद के बीच पहले चलेगी रैपिड रेल इसलिए उस हिस्से पर तेजी से हो रहा कार्य।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Sun, 19 Sep 2021 07:00 AM (IST)Updated: Sun, 19 Sep 2021 09:13 AM (IST)
Meerut Rapid Rail: रैपिड रेल पटरी बिछाने के साथ-साथ यह काम भी तेज गति से चल रहा, पढ़ें-प्रोजेक्‍ट रिपोर्ट
रैपिड रेल कारिडोर पर वायडक्ट के ऊपर विद्युत आपूर्ति संबंधित उपकरण लगाने का कार्य शुरू।

मेरठ, जागरण संवाददाता। 82 किमी लंबा दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कारिडोर देश का प्रथम रीजनल रैपिड रेल कारिडोर है। इस कोरिडोर के साहिबाबाद से दुहाई के 17 किमी हिस्से में सबसे पहले दिसंबर 2022 या मार्च 2023 तक रैपिड रेल चलाने की तैयारी चल रही है। इसी क्रम में इस हिस्से पर इलेक्ट्रिकल ओवरहेड इक्विपमेंट (ओएचई) यानी विद्युत आपूर्ति वाले उपकरण लगाने का कार्य भी शुरू हो गया है। गौरतलब है कि इस हिस्से पर पटरी बिछाने का भी कार्य साथ-साथ चल रहा है।

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यह है इलेक्ट्रिकल ओवरहेड इक्विपमेंट (ओएचई)

ओएचई वे विद्युत उपकरण होते हैं जिसके द्वारा ट्रेन में विद्युत की आपूर्ति होती है और जिससे ट्रेन चलती है। एनसीआरटीसी देश में पहली बार 180 किमी प्रति घंटे के डिजाइन स्पीड वाले उच्च गति व आवृत्ति वाले कारिडोर का निर्माण कर रहा है। जिसके लिए उपयुक्त इलेक्ट्रिकल ओवरहेड इक्विपमेंट, मास्ट व अन्य उपकरण विशेष प्रकार से डिजाइन किए गए हैं। ओएचई कई जटिल उपकरणों से मिलकर बनता है जिसमे कांटैक्ट और कटेनरी, दो इलैक्ट्रिकल वायर होते हैं यह केंटिलीवर के सहारे मास्ट या पोल से विधिवत फिक्स होते हैं।

यह है योजना

ओवरहेड इक्विपमेंट (ओएचई) लगाने की प्रक्रिया के प्रथम फेज के तहत वायडक्ट पर लगभग एक हजार मास्ट इरेक्ट या स्थापित किए जा रहे हैं। इन गैलवनाइज्ड आइरन से बने स्तंभों की ऊंचाई 6.5 से आठ मीटर तक होगी। इन्हें एक दूसरे से निश्चित दूरी पर वायडक्ट पर सीधे खड़े करके मजबूती से फिक्स किया जा रहा है जिन पर ओएचई के अन्य हिस्सों को स्थापित किया जाएगा। वायडक्ट पर मास्ट इरेक्शन के बाद केंटीलीवर स्थापित किया जाएगा और फिर कैटनरी व कांटैक्ट वायर बिछाए जाएगे।

पांच सब रिसीविंग स्टेशन बनेंगे

पूरे कारिडोर पर पांच रिसीविंग सब स्टेशन (आरएसएस) बनाए जा रहे हैं। दुहाई से साहिबाबाद के बीच विद्युत की आपूर्ति के लिए गाजियाबाद में एक आरएसएस (रिसीविंग सब स्टेशन) का निर्माण किया जा रहा है। आरएसएस ट्रांसफार्मर की मदद से इसे 25 केवी और 33 केवी की क्षमता में बदल देगा जिससे क्रमश: आरआरटीएस ट्रेन और स्टेशन में निरंतर विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।


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