मेरठ: जिला पंचायत अध्यक्ष की रेस में समूचा विपक्ष लामबंद, भाजपा खेमे में हिचकिचाहट
अल्पमत में होकर भी भाजपा अपना पंचायत अध्यक्ष बनाने की संभावनाएं खंगाल रही है। पार्टी ने युवा गौरव कुसैड़ी का नाम आगे तो कर दिया लेकिन पार्टी विधायकों के हावभाव साफ नहीं हैं। वहीं विपक्ष जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने की रेस में एक दिख रही है।
मेरठ, जेएनएन। अल्पमत में होकर भी भाजपा अपना पंचायत अध्यक्ष बनाने की संभावनाएं खंगाल रही है। पार्टी ने युवा गौरव कुसैड़ी का नाम आगे तो कर दिया, लेकिन पार्टी विधायकों के हावभाव साफ नहीं हैं। भाजपा की क्षेत्रीय इकाई सिर्फ पांच सदस्यों के साथ इस चुनाव को नाक का सवाल बनाने में हिचक रही है। विरोधी खेमे से कुछ चेहरों को भगवा खेमे में शामिल कराने की बात उठी है। वहीं, सपा, बसपा और रालोद भाजपा को घेरने की रणनीति में जुट गई। सोमवार को एक गोपनीय बैठक में विपक्ष गोलबंद दिखा और दावे के अनुरूप उनके पास आज ही पूर्ण बहुमत है।
विपक्ष ने की बैठक, 17 निर्वाचित सदस्य पहुंचे
अंकगणित में फिलहाल भाजपा विरोधी खेमा हावी है। सोमवार को सपा, बसपा और रालोद के समर्थन से जीते पंचायत सदस्यों ने होटल हारमनी इन में बैठक कर भाजपा को घेरने की रणनीति बनाई है। सपा नेता अतुल प्रधान की उपस्थिति में एक साझा मोर्चा बनाने की बात चली है। फिलहाल तीनों दलों से पंचायत अध्यक्ष के दावेदारों के नाम पूछे गए और उस पर चर्चा हुई। रालोद ने अनिकेत और ईशा चौधरी, बसपा ने गोपाल और अनुज चेयरमैन व सपा से मुनेश का नाम सामने आया। अतुल प्रधान ने गुर्जर कार्ड खेलते हुए भाजपा पर वार किया है। कहा कि पश्चिम यूपी में कहीं भी भाजपा ने गुर्जर समाज से प्रत्याशी नहीं उतारा है। अतुल इस बैठक में छह गुर्जर चेहरों के साथ पहुंचे थे।
बसपा के जिलाध्यक्ष मोहित जाटव ने कहा है कि उनकी पार्टी ने सर्वाधिक आठ वार्डो में जीत दर्ज की है। ऐसे में भाजपा की राह रोकने के लिए सपा और रालोद उनका समर्थन करें। वहीं, सपा के जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह ने कहा है कि अखिलेश यादव और जयंत चौधरी की सहमति से प्रत्याशी उतारा जाएगा, जिसकी जीत सुनिश्चित है। बताया जाता है कि सोमवार को हुई इस बैठक में 17 निर्वाचित सदस्य पहुंचे थे। इनके अलावा रालोद से जिलाध्यक्ष मतलूब गौड़, यशवीर चौधरी, सुनील रोहटा सहित कुछ और रालोद नेता के शामिल होने की सूचना है। बैठक में उपस्थित 17 ने एकजुट रहने की बात तो कही ही बल्कि दावा किया गया कि बैठक से ही छह और निर्वाचित सदस्यों से संपर्क साधा गया और वे विपक्ष के साझा उम्मीदवार के लिए तैयार हैं।
खामोश लग रहे हैं जनप्रतिनिधि
भाजपा ने रविवार को पंचायत अध्यक्ष के प्रत्याशी के रूप में गौरव के नाम पर मुहर लगा दी। पार्टी के पास सिर्फ पांच सदस्य हैं, वहीं बसपा-रालोद के पास 14 और सपा के खाते में सात जिला पंचायत सदस्य हैं। तीनों दलों को मिलाकर 21 सदस्य हो रहे हैं, जो बहुमत 17 से काफी ज्यादा हैं। इसलिए भाजपा पर वोटों को हासिल करने का बड़ा दबाव है। जानी ब्लाक के गौरव के मैदान में उतरने से स्थानीय विधायक जितेंद्र सतवाई के लिए चुनाव प्रतिष्ठा का विषय बनेगा, लेकिन पार्टी का एक खेमा दक्षिण विधायक डा. सोमेंद्र तोमर को गौरव का करीबी बताकर उनकी भूमिका को खास मान रहा है। भाजपा को निर्दलीयों को साधने के साथ ही कम से कम दो दलों में घुसपैठ कर वोट हासिल करना होगा।
भाजपा जिला संगठन एवं विधायकों में समन्वय नहीं दिख रहा है, जिसका असर इस चुनाव पर पड़ सकता है। क्षेत्रीय इकाई और संघ ने अब तक पार्टी के निर्णय के प्रति कोई उत्साह नहीं दिखाया है। जनप्रतिनिधियों के बीच पार्टी की दावेदारी चर्चा का विषय नहीं बन सकी है। अंदरखाने भाजपाइयों के सुर एक जैसे होंगे, इसकी गुंजाइश कम है। भाजपा प्रत्याशी गौरव को पार्टी में भरोसेमंद चुनावी मार्गदर्शक की जरूरत होगी, लेकिन पिछली बार पंचायत चुनावों में भरोसे की नाव हिचकोले खा चुकी है। दिग्गज अपना राजनीतिक नफा नुकसान देखकर ही आगे बढ़ेंगे।