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Meerut News: आखिकार बागपत रोड-रेलवे रोड को जोड़ने का रास्ता साफ, रक्षा मंत्रालय से मिली अनुमति

Baghpat Road Railway Road 12 मीटर चौड़ी सड़क बनेगी फिलहाल एलिवेटेड बनाने पर हुआ है विचार। 2.369 यानी 9785 मीटर सेना की जमीन सड़क निर्माण के लिए ली जाएगी। चार सप्ताह के अंदर सेना की जमीन से संबंधित शर्तों का लिखित पत्र देना होगा।

By Jagran NewsEdited By: PREM DUTT BHATTPublished: Tue, 29 Nov 2022 10:19 AM (IST)Updated: Tue, 29 Nov 2022 10:19 AM (IST)
Meerut News: आखिकार बागपत रोड-रेलवे रोड को जोड़ने का रास्ता साफ, रक्षा मंत्रालय से मिली अनुमति
Meerut News शर्तों के तहत लिखित वादा व जमीन की धनराशि जमा करने पर एमडीए को हस्तांतरित होगी जमीन।

मेरठ, जागरण संवाददाता। Baghpat Road Railway Road शहरवासियों को सोमवार को बड़ी खुशखबर मिली है। जिस जाम की समस्या के समाधान के लिए कई सालों से बागपत रोड को रेलवे रोड से जोड़ने के लिए जैन नगर के पीछे से संपर्क मार्ग बनाने की मांग चल रही थी, उसके लिए रक्षा मंत्रालय ने कार्य करने की अनुमति प्रदान कर दी है। इस अनुमति में सड़क निर्माण व सेना क्षेत्र की सुरक्षा के लिए दीवार निर्माण शामिल है।

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शहरवासियों ने भी खुशी जताई

अब जल्द निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद जागी है। जनप्रतिनिधियों ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का आभार जताया है। उधर, जैन नगर व उससे संबंधित 30 कालोनियों और शहरवासियों ने भी खुशी जताई है। मंत्रालय ने कुछ शर्तें लगाई हैं जिसका लिखित वादा जमा करने और जमीन की धनराशि जमा करने के बाद जमीन हस्तांतरित हो जाएगी।

खर्च भी एमडीए को वहन करना होगा

शर्त पर लिखित पत्र जमा करने की प्रक्रिया चार सप्ताह के अंदर पूरी करनी होगी। इसी बीच जमीन की पैमाइश और उपकरणों-ढांचे के हटाने, पुनर्निर्माण आदि का खर्च भी तय किया जाएगा। 26.14 करोड़ में सिर्फ जमीन, दीवार बनाने, सीवर आदि हटाने, सड़क निर्माण खर्च अलगरक्षा मंत्रालय अपनी जमीन एमडीए को 26 करोड़ 14 लाख 95 हजार 157 रुपये चुकाकर हस्तांतरित करेगा। इस जमीन की कीमत का भुगतान करने के साथ ही सेना क्षेत्र की सुरक्षा को देखते हुए दीवार बनानी होगी, जिसका खर्च भी एमडीए को उठाना पड़ेगा। समय-समय पर उसकी मरम्मत का खर्च भी एमडीए को वहन करना होगा।

मंत्रालय ने यह शर्त रखी

मंत्रालय ने यह शर्त रखी है कि संबंधित जमीन पर यदि सीवर लाइन, पानी की पाइप लाइन, बिजली लाइन, टेलीफोन लाइन, नाला आदि हटाना पड़ा तो उसके स्थानांतरण के लिए जमीन, उस पर आने वाला खर्च देना पड़ेगा। इस कार्य के दौरान यदि कोई भी सरकारी या निजी निर्माण हटाना पड़ा या अचानक टूटा तो उसका समस्त खर्च एमडीए को देना होगा। इन सब शर्तों के अतिरिक्त सड़क निर्माण में जो खर्च आएगा उसका भुगतान भी एमडीए को ही करना है।

सड़क निर्माण उपकरण जांचे जाएंगे, इन शर्तों पर होगा निर्माण

- रक्षा मंत्रालय ने सेना की जमीन देने और उस पर सड़क निर्माण करने पर कई शर्तं लगाई हैं। उन शर्तों को पालन करने का पूरा उत्तरदायित्व मेरठ विकास प्राधिकरण का होगा।

- निर्माण शुरू करने से पहले जमीन की पैमाइश, चिह्नीकरण होगा।

- कैंट बोर्ड के डीईओ को सड़क निर्माण से संबंधित प्रत्येक प्रक्रिया का सलाहकार एजेंसी नियुक्त किया है।

- सड़क निर्माण के समय श्रमिकों व स्टाफ की तैनाती स्थल रक्षा संपदा अधिकारी की अनुमति पर की जा सकेगी। नापखोज और सड़क निर्माण में क्या-क्या उपकरण प्रयोग होंगे, उसका विवरण देना होगा। साथ ही प्रत्येक उपकरण की जांच होगी।

- कोई भी आइटी उपकरण, केबल, कैमरा आदि नहीं लगा सकेंगे। फोटोग्राफी भी नहीं कर सकेंगे। यदि सड़क की आवश्यकता होगी तो कैंट बोर्ड के डीईओ उसकी एनओसी देंगे।

- सड़क निर्माण के समय किसी तरह का प्रदूषण न हो इसके लिए रक्षा मंत्रालय एक समिति निगरानी के लिए गठित करेगा।

बिना भुगतान के भी शुरू कर सकेंगे सड़क निर्माण

राज्यसभा सदस्य डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने बताया कि सबसे अच्छी बात यह है कि जमीन या अन्य खर्च का जो भी भुगतान सेना को करना है वह बाद में भी होता रहेगा, निर्माण कार्य बिना भुगतान के भी शुरू किया जा सकता है। क्योंकि भुगतान कार्य सरकार के विभागों के बीच का आपसी मामला है। जमीन एमडीए की हो जाएगी, शर्तों में बंधी रहेगीयह जमीन रक्षा मंत्रालय ने एमडीए को हस्तांतरित करने के लिए प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए कहा है। सभी शर्तों के पूरा होने के बाद जमीन एमडीए की हो जाएगी लेकिन मंत्रालय की शर्तें उस पर हमेशा लागू रहेंगी।

सेना की सुरक्षा प्रभावित न हो

इसके तहत मुख्य शर्त यह है कि जमीन का जिस प्रयोग के लिए हस्तांतरण हो रहा है उसके अतिरिक्त कोई भी कार्य उस पर नहीं किया जा सकेगा। कोई भी ऐसी गतिविधि न हो जिससे सेना की सुरक्षा प्रभावित हो। ईवीआइ नियम से जमीन मिलेगी, बीओओ से सड़क बनेगीरक्षा मंत्रालय सेना की यह 2.369 एकड़ जमीन एमडीए को देगा, जमीन देने के लिए ईवीआइ (इक्वल वैल्यू इंफ्रास्ट्रक्चर) नियम का पालन होगा। हाल ही में केंद्र सरकार ने सेना की जमीन आवासीय क्षेत्र और सड़क बनाने के लिए यह नया नियम लागू किया है।

स्थानांतरित करने का खर्च

इसके तहत जमीन की कीमत के बदले में भुगतान करना या फिर उसी कीमत के बराबर की जमीन किसी अन्य स्थान पर उपलब्ध कराना होता है। साथ ही उस जमीन पर विकसित ढांचे को हटाने, तोड़ने या स्थानांतरित करने का खर्च देना होता है या फिर वही ढांचा स्वयं से जमीन उपलब्ध कराकर निर्मित करना होता है। सड़क निर्माण पर बीओओ (बिल्ड ओन आपरेट) का नियम लागू होगा। यानी यह सड़क एमडीए बनाएगा।

नियम एमडीए ही तय करेगा

वही इसका स्वामी होगा। मरम्मत आदि उसी की जिम्मेदारी होगी। सड़क पर वाहनों के चलने के नियम एमडीए ही तय करेगा। जाम में कमी, स्टेशन जाने में आसानीइस संपर्क मार्ग के बन जाने से बागपत रोड पर वाहनों का दबाव घटेगा जिससे जाम में कमी आएगी। क्‍योंकि रेलवे रोड व छावनी की तरफ जाने वाले वाहन इस मार्ग का प्रयोग करेंगे। इसी के साथ ही दिल्ली रोड, बागपत रोड के लोगों का स्टेशन पहुंचना आसान हो जाएगा। इस क्षेत्र के लोगों को रेलवे रोड चौराहे से होकर स्टेशन जाना पड़ता है, जिसमें काफी समय लगता है।

इन 35 कालोनियों को मिलेगा सीधा लाभ

दशमेश नगर, कमला नगर, जैन नगर, आनंदपुरी, प्रेम पूरी, मधुबन कालोनी, शंभू नगर, टीपी नगर, संत नगर, ज्वाला नगर, बसंत कुंज, नंदन नगर, रघुकुल विहार, चंद्रलोक, साबुन गोदाम, न्यू चंद्रलोक, उत्तम नगर, महावीर जी नगर, उत्सव हरि, कन्हैया वाटिका, नवल विहार, मुल्तान नगर, किशनपुरा, सुंदरम कालोनी, देव पार्क, ऋषि नगर, उमेश विहार, शांतिनगर, मलियाना, न्यू मेवला, देव श्री हाइट, आनंदा हाइट और उत्सव हाइट, ट्रांसपोर्ट नगर समेत 35 से ज्यादा कालोनियों को सीधा लाभ पहुंचेगा। ये कालोनियां बागपत रोड, जैन नगर व रेलवे रोड से संबंधित हैं।

लक्ष्मीकांत बाजपेयी से मिलकर स्थानीय लोगों ने जताया आभार

जैन नगर व आसपास की कालोनियों के लोग सोमवार शाम डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी के आवास पर पहुंचे। उनका आभार जताया कि उनके प्रयास से ही इस समस्या के समाधान पर खुश खबर मिली है। याद दिलाया कि एमडीए जब आवेदन करने में लापरवाही कर रहा था तब डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने ही पहुंचकर अपने सामने आवेदन कराया था। वह इसके लिए लगातार प्रयासरत रहे थे। रक्षामंत्रालय, रक्षा संपदा कार्यालय से लगातार पत्राचार कर रहे थे।

इनका कहना है

मैं गुजरात में चुनाव की ड्यूटी पर रहने के दौरान भी लगातार रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के संपर्क में था। रक्षा मंत्री से लगातार बात होती थी। पत्र जारी कराने के लिए सीधे दिल्ली पहुंचा और पत्र लाकर संबंधित अधिकारियों को दिया। इसमें पत्राचार की देरी भी स्वीकार नहीं है। मुझे लगा कि लोगों ने मेरे प्रयास को सराहा और आभार व्यक्त करने मेरे घर पहुंचे। जिलाधिकारी,रक्षा संपदा अधिकारी व एमडीए उपाध्यक्ष की बैठक कराकर इसकी प्रक्रिया आगे बढ़ाने में जुटूंगा।

- डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी, राज्यसभा सदस्य

मैं इस संपर्क मार्ग के लिए लगातार प्रयासरत रहा। कई बार लोकसभा में भी मुद्दा उठाया। रक्षा मंत्रालय व रक्षा संपदा अधिकारियों से मिलता रहा। अब सरकार ने यह उपहार दे दिया है। जल्द ही कार्य शुरू कराया जाएगा। यह शहर के लिए बड़ी उपलब्धि है।

- राजेंद्र अग्रवाल, सांसद

मैंने जैन नगर व आसपास के लोगों को वादा किया था कि संपर्क मार्ग की स्वीकृति दिलाकर रहेंगे। इसके लिए मैंने रक्षा मंत्रालय से लेकर सभी स्तर पर बात की थी। पत्राचार किए। सेना व रक्षा संपदा के अधिकारियों से मिला था। एमडीए को भी सक्रिय किया। जिसका परिणाम अब सामने है। शहर को खुशखबर मिली है।

- अमित अग्रवाल, विधायक, छावनी क्षेत्र


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