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आत्‍महत्‍या करने वाले सिपाही का वीडियो वायरल, 'खतौली इंस्पेक्टर ने मेरी एक नहीं सुनी, मुझे डांटा और बेइज्जत किया'

एसएसपी कार्यालय के सिपाही विजय गोंड की वीडियो वायरल हुई है। जिसमें उसने अपनी पत्नी समेत ससुराल पक्ष के अलावा खतौली थाना प्रभारी को भी अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है।

By Prem BhattEdited By: Published: Mon, 25 May 2020 09:51 AM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 09:51 AM (IST)
आत्‍महत्‍या करने वाले सिपाही का वीडियो वायरल, 'खतौली इंस्पेक्टर ने मेरी एक नहीं सुनी, मुझे डांटा और बेइज्जत किया'

मेरठ, जेएनएन। 11 मई को गंगानगर के पनाश अपार्टमेंट में आत्महत्या करने वाले एसएसपी कार्यालय के सिपाही विजय गोंड की वीडियो वायरल हुई है। जिसमें उसने अपनी पत्नी समेत ससुराल पक्ष के अलावा खतौली थाना प्रभारी को भी अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है। विजय ने आत्महत्या से पहले यह वीडियो बनाई थी। गंगानगर पुलिस ने देर रात आरोपित ससुर व साले को गिरफ्तार कर लिया।

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क्या था मामला

देवरिया जिले में थाना लार अंतर्गत ग्राम रावत पाल पांडे मूल निवासी विजय गोंड पुत्र सुखराम गोंड एसएसपी कार्यालय में तैनात था। वह गंगानगर की पनाश अपार्टमेंट कॉलोनी में रहता था। 11 मई को उसने अपने फ्लैट में आत्महत्या कर ली। सूचना पर पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव को बाहर निकाला था। मृतक के पिता ने विजय की पत्नी वंदना, ससुर शंभूराम व साले आशुतोष के विरूद्ध गंगानगर थाने में आत्महत्या करने के लिए उत्प्रेरित करने के संबंध में मुकदमा दर्ज कराया था।

ढाई मिनट की वीडियो का सार

विजय गोंड का यह वीडियो रविवार को वायरल हुआ तो पुलिस महकमे में हडकंप मच गया। विजय ने आत्महत्या से पहले यह वीडियो बनाया। विजय ने वीडियो में कहा कि उसकी मौत के जिम्मेदार उसकी पत्नी समेत ससुराल पक्ष के लोग हैं। साथ ही आरोप लगाया कि खतौली इंस्पेक्टर संतोष त्यागी ने भी उसकी एक नहीं सुनी। वह केस के बारे में कुछ नहीं जानते थे।

इंस्पेक्टर जिम्मेदार ठहराया

बावजूद इसके उसे डांटा, बेइज्जती की और प्रताड़ित किया। इंस्पेक्टर को भी अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया। सिपाही ने वीडियो में आगे कहा कि अब उसे जीने की चाह नहीं रही है। उसकी मौत के बाद नौकरी या कोई भी आíथक सहायता उसके पिता, भाई व बहन को दी जाए किसी और को नहीं। अंत में विजय ने कहा किसी नौकरी वाली बीवी से कोई शादी मत करना।

इनका कहना है

विजय और मेरी केवल 30 सेकेंड की मुलाकात थी। मैंने उसे नहीं डांटा और न ही उत्पीड़न किया। उस दिन हमारे थाना क्षेत्र में फायरिंग का मामला था। दारोगा सुभाष ने दोनों पक्षों में सुलह के प्रयास कराए। लेकिन बात नहीं बनी। वह खुद मुझे अगले दिन आने की बात कहकर गया था।

- संतोष त्यागी, खतौली इंस्पेक्टर 


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