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Good News: मेरठ में पहले मरीज ने ली DRDO की 2-डीजी ग्लूकोज, रिपोर्ट निगेटिव; मेडिकल को अब जल्‍द मिलेगी 800 पैकेट दवा

कोरोना मरीजों के लिए चमत्कारी दवा बताई जा रही 2-डीजी मेडिकल कालेज के पहले मरीज को दे दी गई। सिंभावली निवासी कोविड संक्रमित मरीज को पांच पैकेट दवा दी गई है। जिसके बाद कोरोना निगेटिव पाया गया। शासन से आठ सौ पैकेट की मांग की गई है।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Mon, 31 May 2021 12:25 PM (IST)Updated: Mon, 31 May 2021 12:25 PM (IST)
मरीज को इमरजेंसी में लेकर जाते कर्मचारी व स्‍वजन।

[संतोष शुक्ल] मेरठ। कोरोना मरीजों के लिए चमत्कारी दवा बताई जा रही 2-डीजी मेडिकल कालेज के पहले मरीज को दे दी गई। सिंभावली निवासी कोविड संक्रमित मरीज को पांच पैकेट दवा दी गई है। डाक्टरों का कहना है कि दवा के प्रभाव का चार्ट बनाकर अध्ययन किया जा रहा है। हालांकि कोरोना निगेटिव मिलने के बाद मरीज को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कर दिया गया है। मरीज की आक्सीजन में सुधार दर्ज किया गया है। मेडिकल कालेज ने शासन को पत्र लिखकर आठ सौ पैकेट 2-डीजी की डिमांड की है।

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सिंभावली निवासी मरीज कोविड संक्रमण की वजह से 19 मई को वार्ड में भर्ती किया गया। आक्सीजन सेचुरेशन 82 तक पहुंच गई थी। डाक्टरों ने बताया कि मरीज को प्रोटोकाल की सभी दवाओं के साथ रेमडेसिविर इंजेक्शन भी दिया गया। इसी बीच मरीज ने मेडिकल कालेज प्रशासन से पत्र लिखवाकर डीआरडीओ से पांच पैकेट 2-डीजी दवा मंगवाई। डा. विशाल की अगुआई वाली टीम ने मरीज को 2-डीजी दवा सौ मिलीलीटर में घोलकर दी। कोविड वार्ड प्रभारी डा. धीरज बालियान ने बताया कि मरीज निगेटिव हो चुका है। आक्सीजन सेचुरेशन 82 से बढ़कर 90 फीसद तक पहुंच चुका है। अन्य मरीजों को दवा देने के बाद साफ होगा कि दवा कितनी कारगर रही। डा. धीरज ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 2-डीजी दवा के लिए प्रस्ताव मांगा था। यहां से आठ सौ पैकेट की मांग की गई है।

वायरस की ऊर्जा रोक देती है दवा

डीआरडीओ और इंस्टीट्यूट आफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंस द्वारा विकसित दवा 2-डीजी करीब 15 दिन पहले लांच की गई थी। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन ने दवा को लांच करते हुए जल्द ही अस्पतालों में उपलब्ध कराने के लिए कहा था। हालांकि यह दवा न बाजार में उपलब्ध हुई, और न ही सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध कराई जा सकी है। पहले खेप में हैदराबाद से दस हजार डोज दवा डीआरडीओ के अस्पतालों में भेजी गई। लेकिन राजकीय मेडिकल कालेजों को दवा नहीं मिल सकी है। मेडिकल कालेज के फिजिशियन डा. अरविंद ने बताया कि 2-डीजी हल्के गंभीर मरीजों के लिए बनाई गई है। यह दवा संक्रमित कोशिकाओं की पहचान कर उसकी ग्लूकोज लेने की क्षमता रोक देती है, ऐसे में वायरस बढ़ नहीं पाता है। मरीज तेजी से रिकवर करता है। 


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