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Meerut Medical College: डेढ़ सौ इंटर्न की हड़ताल से चरमराई चिकित्सा व्यवस्था, मरीजों का हाल बेहाल, ओपीडी प्रभावित

मेडिकल कॉलेज में इंटर्न छात्रों की हड़ताल से चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई। प्राचार्य डॉ. एसके गर्ग से इंटर्न छात्रों ने कहा कि वो इंक्रीमेंट लागू होने पर ही ड्यूटी पर लौटेंगे।

By Prem BhattEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 10:56 AM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 10:56 AM (IST)
Meerut Medical College: डेढ़ सौ इंटर्न की हड़ताल से चरमराई चिकित्सा व्यवस्था, मरीजों का हाल बेहाल, ओपीडी प्रभावित
Meerut Medical College: डेढ़ सौ इंटर्न की हड़ताल से चरमराई चिकित्सा व्यवस्था, मरीजों का हाल बेहाल, ओपीडी प्रभावित

मेरठ, जेएनएन। मेडिकल कॉलेज में इंटर्न छात्रों की हड़ताल से चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई। प्राचार्य डॉ. एसके गर्ग, सीडीओ ईशा दुहन और एडीएम सिटी अजय तिवारी ने नाराज छात्रों से मुलाकात कर उन्हें काम पर वापस आने के लिए कहा। तीन माह का एरियर भी जारी कर दिया गया, किंतु बात नहीं बनी। छात्रों ने बताया कि अब उनकी लड़ाई में प्रदेश के कई मेडिकल कॉलेज साथ आ गए हैं।

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इंक्रीमेंट लागू होने पर ही ड्यूटी पर लौटेंगे

इंटर्न छात्रों ने कहा कि वो इंक्रीमेंट लागू होने पर ही ड्यूटी पर लौटेंगे। बुधवार को छात्रों की हड़ताल की वजह से कोविड वार्ड, फ्लू डेस्क, ओपीडी, सैंपलिंग, जांच से लेकर डाक्यूमेंटेशन तक की प्रक्रिया बिगड़ गयी। सीनियर डॉक्टरों ने परेशान होकर इंटर्न छात्रों को धमकाया भी। इंटर्न छात्रों ने बताया कि उन्हें रोजाना सिर्फ 250 रुपये दिए जा रहे हैं, जबकि वो संक्रमण के हाई रिस्क जोन में ड्यूटी दे रहे हैं। माहभर के लिए सिर्फ दो एन-95 मास्क दिए जाते हैं। घटिया पीपीई किट दी जा रही है। प्राचार्य ने बताया कि इंटर्न छात्रों का तीन माह का स्टाइपेंड जारी कर दिया गया है। उन्हें काम पर आना चाहिए।

इंटर्न की हड़ताल से खलबली

कोरोना काल में आपातकाल जैसे हालात हैं। इस दौरान इंटर्न की हड़ताल ने जिला प्रशासन में भी खलबली मचा दी। जिलाधिकारी के निर्देश पर सीडीओ ईशा दुहन और एडीएम सिटी अजय तिवारी मेडिकल कालेज पहुंच गए। उन्होंने इंटर्न से बात की। स्टाइपेंड के भुगतान की मांग को सही बताते हुए तत्काल उसका भुगतान भी कराया। इसके बाद काम पर वापस आने के लिए कहा लेकिन वे नहीं माने। जिलाधिकारी अनिल ढींगरा ने बताया कि इंटर्न की मांग को मान भुगतान करा दिया गया है।

वरिष्ठ चिकित्सक भी परेशान

स्टाइपेंड को बढ़ाने तथा तीन महीने का बकाया भुगतान दिलाने की मांग को लेकर मेडिकल कालेज के सभी 150 इंटर्न की हड़ताल ने मेडिकल कालेज के अस्पताल की व्यवस्था को बिगाड़ कर रख दिया। दरअसल, ओपीडी से लेकर जांच, सैंपलिंग, कोविड वार्ड समेत अन्य सभी वार्डो में भर्ती मरीजों की देखरेख का जिम्मा इन्हीं का है। इनकी मौजूदगी से वरिष्ठ चिकित्सकों को खासा आराम रहता है। बुधवार को इंटर्न की हड़ताल से सबसे पहले वरिष्ठ चिकित्सक ही टेंशन में आ गए। मरीज और उनके परिजन परेशान हो उठे। ओपीडी में पहुंचने वाले मरीज भी अपनी बारी का इंतजार करके थक गए। मेडिकल कालेज से संबद्ध सरदार वल्लभ भाई पटेल चिकित्सालय के कोविड वार्ड में 83 मरीज भर्ती हैं। इमरजेंसी और होल्डिंग एरिया में लगभग 60 तथा अन्य वार्डो में 70 मरीज भर्ती हैं। 


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