meerut lockdown update: लॉकडाउन में बह रही यूरोप जैसी साफ हवा, वायू प्रदूषण का स्तर गिरा Meerut News
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के योगेंद्र सिंह ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से हजारों औद्योगिक इकाइयां जनरेटर चिमनियां एवं अन्य प्रकार की गतिविधियां बंद कर दी गई हैं।
मेरठ, जेएनएन। meerut lockdown update सर्दियों में वायु प्रदूषण से गैस चेंबर बन जाने वाले मेरठ की हवा में भारी सुधार दर्ज किया जा रहा है। लाकडाउन के पहले दिन शहर की हवा पेरिस, लंदन और मिलॉन जैसी साफ सुथरी बही। हालांकि बुधवार रात बारिश होने से भी वायु प्रदूषण का स्तर गिरा है। एयर क्वालिटी इंडेक्स में सुधार हुआ है।
इस कारण से साफ हुई हवा
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के योगेंद्र सिंह ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से हजारों औद्योगिक इकाइयां, जनरेटर, चिमनियां एवं अन्य प्रकार की गतिविधियां बंद कर दी गई हैं। इस वजह से हवा में पीएम2.5 की मात्रा कई बार दस माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से भी कम दर्ज की गई। पीएम10 की मात्रा भी मानक के मुताबिक मिली, जबकि कार्बन डाई आक्साइड, कार्बन मोनोआक्साइड, ओजोन, सल्फर डाई आक्साइड जैसी गैसों की मात्रा भी तेजी से गिरी है।
रासायानिक कणों की मात्रा गिरी
मेरठ में बड़ी संख्या में आटो, कारें, पुरानी बसें एवं ट्रकों का संचालन होता है, जिससे सर्दियों में वायु प्रदूषण की मात्रा कई बार गाजियाबाद और नई दिल्ली से भी ज्यादा मिलता है। लाकडाउन की वजह से कंस्ट्रक्शन कारोबार बंद पडऩे से भी वायुमंडल में धूलकणों की मात्रा गिर गई, जिससे पार्टीकुलेट मैटर की मात्रा कम हो गई है। सीसीएसयू के रसायनविद् डा. राकेश सोनी कहते हैं कि वाहनों के रुक जाने से वायुमंडल में रासायनिक कणों की मात्रा गिर गई है। ऐसे में हवा की शुद्धता बढ़ती है। उनका कहना है कि अगले 15 दिनों में प्रदूषण का स्तर और गिरेगा।
तारीख एक्यूआई-गंगानगर एक्यूआई-पल्लवपुरम
25 मार्च 54 93
24 मार्च 167 168
23 मार्च 123 145
पीजीआइ विशेषज्ञों ने बताया इलाज का उचित प्रोटोकॉल
कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए सरकार चौतरफा प्रयास कर रही है। गुरुवार को एसजीपीजीआई लखनऊ के विशेषज्ञों की टीम ने प्रदेश के 51 मेडिकल कालेजों के स्टाफ को वीडियोकांफ्रेंसिंग के जरिए प्रशिक्षित किया। विशेषज्ञों ने कोरोना संक्रमण का रिस्क, डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन, इलाज का प्रोटोकॉल और परसनल प्रोटेक्शन किट के प्रयोग की जानकारियां दीं। सीएमओ ने बताया कि विशेषज्ञों ने मरीज को एंबुलेंस में लेने, उतारने, उसे वार्ड तक पहुंचाने और भर्ती करने के सटीक तरीकों को स्लाइड के माध्यम से दिखाया। डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन के मुताबिक इलाज किया जाएगा। इसके लिए कुल चार चरण बताए गए हैं। दवाओं की डोज, वेंटीलेटर एवं आक्सीजन की आपूर्ति एवं देने की डोज संबंधी तथ्यों की जानकारी दी।