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ग्रीन जोन की सूची में नहीं मेरठ का नाम, यहां ड्रोन उड़ाना अवैध, जानें- क्‍या है नियम

जम्मू के एयरबेस पर ड्रोन से हुए हमले के बाद जम्मू व श्रीनगर के क्षेत्र विशेष में ड्रोन उड़ाने पर पाबंदी लगा दी गई है। इसे लेकर मेरठ व आसपास के जिलों को भी सचेत रहने की जरूरत है। क्योंकि बिना ग्रीन जोन वाले क्षेत्रों में ड्रोन उड़ाना अवैध हैं।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Mon, 05 Jul 2021 09:31 AM (IST)Updated: Mon, 05 Jul 2021 09:31 AM (IST)
ग्रीन जोन की सूची में नहीं मेरठ का नाम, यहां ड्रोन उड़ाना अवैध, जानें- क्‍या है नियम
मेरठ ग्रीन जोन की सूची में नहीं है।

मेरठ, (प्रदीप द्विवेदी)। जम्मू के एयरबेस पर ड्रोन से हुए हमले के बाद जम्मू व श्रीनगर के क्षेत्र विशेष में ड्रोन उड़ाने पर पाबंदी लगा दी गई है। इसे लेकर मेरठ व आसपास के जिलों को भी सचेत रहने की जरूरत है। क्योंकि बिना ग्रीन जोन वाले क्षेत्रों में 250 ग्राम से ज्यादा वजन का ड्रोन उड़ाना कानूनी रूप से अवैध हैं। हाल में नागर विमानन महानिदेशालय ने भी ड्रोन उड़ाने के संबंध में नियमावली जारी की है। इसके साथ ही ग्रीन जोन शहरों की सूची भी जारी हुई है, जिसमें मेरठ का नाम नहीं है।

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ग्रीन जोन, यानी वह क्षेत्र जिसमें ड्रोन को उड़ाने की अनुमति होती है। मेरठ ग्रीन जोन से बाहर है, इसलिए यहां ड्रोन उड़ाने की गतिविधियों को कानूनी कार्रवाई से बचाने के लिए इसे ग्रीन जोन घोषित कराना होगा। इसके लिए प्रशासन या जनप्रतिनिधियों के स्तर से आवेदन पर ग्रीन जोन शीघ्र घोषित हो सकता है।

ऐसे पता चला, मेरठ कैसे है बाहर : दिल्ली के युवा उद्यमी आइटी पार्क से प्रभावित होकर मेरठ आए। यहां ड्रोन प्रशिक्षण केंद्र खोलने की योजना बनाई लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि मेरठ ग्रीन जोन में है ही नहीं। ऐसे में प्रशिक्षण केंद्र खोलना तो दूर, यहां ड्रोन उड़ाना ही अवैध है। एवियाकुल कंपनी के प्रबंध निदेशक वैभव वरुण का कहना है कि ग्रीन जोन घोषित कराने के लिए वह स्थानीय प्रशासन व सांसद से संपर्क करेंगे। ड्रोन के क्षेत्र में रोजगार का बड़ा अवसर आने वाला है।

ये नियम जो ड्रोन उड़ाने में मुश्किल बनेंगे

  • ड्रोन उड़ाने के लिए संबंधित शहर ग्रीन जोन होना चाहिए।
  • 250 ग्राम से अधिक भार के ड्रोन उड़ाने वाले व्यक्ति के पास रिमोट पायलट का प्रमाण पत्र (यूएओपी) होना चाहिए।
  • प्रत्येक ड्रोन के लिए एक यूआइएन नंबर लेना होगा।
  • नो परमिशन-नो टेकआफ का प्रमाण पत्र होना चाहिए।
  • भारत सरकार की डिजिटल स्काई वेबसाइट पर इसकी सूचना दर्ज होनी चाहिए।
  • ड्रोन उड़ाने का रूट क्या होगा, इसकी जानकारी स्थानीय पुलिस को देनी पड़ेगी।
  • कहीं भी शादी स्थल पर ड्रोन तभी उड़ाया जा सकेगा जब उसको 200 फीट की ऊंचाई तक देख लेने की क्षमता वाली प्रकाश व्यवस्था हो।
  • ड्रोन में विमानन निदेशालय की ओर से तय किए गए साफ्टवेयर में कुछ आवश्यक विवरण भरने होंगे। यानी ड्रोन में एक निश्चित साफ्टवेयर इंस्टाल करना होगा। 

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