Move to Jagran APP

जल दिवस पर विशेष : मेरठ में रोजाना व्यर्थ बह जाता है एक लाख लीटर पानी

यह विडंबना ही है कि जहां एक ओर विश्व स्तर पर ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं कि पानी की बर्बादी को रोका जाए। मेरठ में जल संरक्षण की अनदेखी की जा रही है।

By Ashu SinghEdited By: Published: Sat, 23 Mar 2019 01:53 PM (IST)Updated: Sat, 23 Mar 2019 01:53 PM (IST)
जल दिवस पर विशेष : मेरठ में रोजाना व्यर्थ बह जाता है एक लाख लीटर पानी
जल दिवस पर विशेष : मेरठ में रोजाना व्यर्थ बह जाता है एक लाख लीटर पानी
मेरठ, जेएनएन। प्रदेश में सबसे तेजी से भूजल संकट में घिरता मेरठ रोजाना करीब एक लाख लीटर पानी व्यर्थ बहा देता है। तीन ब्लाकों में पानी रसातल में पहुंच गया, जबकि अन्य ब्लाकों में भारी दोहन से रेगिस्तान जैसे हालात बनने लगे हैं। इधर, रेन वोटर हारवेस्टिंग की सूखी मुहिम ने खतरा और गहराया है।
सूखी जमीन और पानी-पानी विभाग
वर्ष 2001 में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्य सचिव ने वाटर रिचार्ज सिस्टम सुनिश्चित करने के आधार पर ही भवन निर्माण मानचित्र जारी करने का निर्देश दिया। मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, आइजी, डीआइजी सहित कई बड़े सरकारी कार्यालयों पर तक वर्षा जल संरक्षण की तकनीक नहीं लगी। कई स्थानों पर वाटर रिचार्ज सिस्टम प्रदूषण के कारण बंद पड़ गया। 14 वर्षो के दौरान अरबों घन लीटर पानी व्यर्थ बह गया। मेरठ में जनहित फाउंडेशन नीर फाउंडेशन एवं जागरूक नागरिक एसोसिएशन जैसी संस्थाओं ने रेनवाटर हारवेस्टिंग तकनीक लगाने का अभियान छेड़ा। भूजल विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक मेरठ में प्रति वर्ष 94 सेमी भूजल नीचे खिसक रहा है, जो गाजियाबाद, प्रयागराज, बनारस, लखनऊ समेत सभी जिलों से ज्यादा है। विभाग को कई बार फटकार भी सुननी पड़ी।
उद्योगों ने खूब दोहन किया
मेरठ की 77औद्योगिक इकाइयों में सिर्फ 20 में वाटर रिचार्ज सिस्टम है। ये इकाइयां कई गुना जलदोहन करती हैं। भूजल बोर्ड के मानकों के खिलाफ कई अन्य इकाइयां भी जमीन से अंधाधुंध पानी खींच रही हैं। 50 से ज्यादा शिक्षण संस्थाओं में एक में भी वर्षा जल संरक्षण का उपाय नहीं किया गया है। कई इकाइयां भूजल संरक्षण एवं रेनवाटर हार्वेस्टिंग के नाम पर इंडस्ट्री के वेस्टेज को भी भूजल में फेंक रही हैं। 
150 फुट पर खिसका भूजल
सेंटर फार एनवायरमेंटल साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक मेरठ में 100 से 150 फुट नीचे भूजल खिसक गया है। प्रदूषण की सांद्रता बढ़ गई है। नगर में आपूर्ति 165 एमएलडी पेयजल का सिर्फ क्लोरीफिकेशन किया जाता है। कई स्थानों पर भूजल में नाइट्रेट की मात्र 209 मिलीग्राम प्रति लीटर तक मिली। दो दशक में भूजल स्तर 0.20 से 2.5 मीटर तक फिसल चुका है। जल में बैक्टीरिया,वायरस,प्रोटोजोआ,शैवाल,कवक एवं कठोरता,चिकनाहट समेत कोलीफार्म बैक्टीरिया का संक्रमण भयावह स्तर तक पहुंच गया।
गाड़ियों की धुलाई में बेतहाशा पानी
गाड़ियों की धुलाई,डेयरी,नहाने-धोने समेत तमाम कामों में बेतहाशा पानी बहाया गया। रोजाना 94 लाख लीटर से ज्यादा पेयजल बहाने से संकट और गहरा गया है। नगर निगम क्षेत्र में रोजाना मांग से 29 एमएलडी ज्यादा जल की आपूर्ति हो रही है। प्रति व्यक्ति 155.2 लीटर पानी उपलब्ध है। भोला की झाल से रोजाना सौ एमएलडी पानी के लिए नई पाइप लाइनें बिछाई गई हैं, किंतु 30 फीसद से ज्यादा पानी बह जाता है।

हर बूंद बचाने से दूर होगा जल संकट
बाउंड्री रोड स्थित सिंचाई संस्थान में आयोजित गोष्ठी में जल की एक बूंद भी बर्बाद न हो,इसके लिए प्रयत्न करने आह्वान किया गया। इंडियन वाटर रिसोर्सेज सोसायटी के मेरठ चेप्टर द्वारा आयोजित गोष्ठी का विषय ‘2030 तक शुद्ध जल की उपलब्धता से कोई वंचित न रहे’था। सोसायटी के चेयरमैन एसके कुमार ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने 22 मार्च 2019 को विश्व जल दिवस को इस रूप में मनाने की संस्तुति की है। उन्होंने बताया कि एक तिहाई आबादी को पीने का शुद्ध पानी नहीं मिल पा रहा है। डिप सिंचाई से काफी मात्र में जल बचाया जा सकता है।
रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य हो
मुख्य वक्ता वीके त्यागी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने हर व्यक्ति को शुद्ध पानी को मौलिक अधिकारों से जोड़ने की बात कही है। उन्होंने कहा कि हर सरकारी इमारत की छतों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य किया जाना चाहिए।मुख्य अतिथि कांति प्रसाद शर्मा ने कहा कि हमें यह प्रवृति लानी होगी,जितना जल हम प्रयोग करें उतना ही भूगर्भ में प्रवाहित होने का प्रबंध करें। उन्होंने नदियों के किनारे बोरिंग कराने की बात कही। संचालन मेरठ चेप्टर के अध्यक्ष बीडी शर्मा ने किया। सोनी टंडन,आरके जैन,एके गुप्ता,पीएस सिंघल आदि मौजूद रहे। 

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.