कैंट क्षेत्र के 26 बंगलों पर अधिग्रहण की तलवार, कब्जेदारों की बढ़ी बेचैनी Meerut News
कैंट क्षेत्र में इनदिनों बंगलों के अधिग्रहण को लेकर बेचैनी बढ़ गई है। सब एरिया के लिखे पत्र के बाद सेना अब उपाध्यक्ष के अलावा 26 अन्य बंगलों का भी अधिग्रहरण कर सकती है।
By Prem BhattEdited By: Published: Thu, 22 Aug 2019 04:14 PM (IST)Updated: Thu, 22 Aug 2019 04:14 PM (IST)
मेरठ, जेएनएन। छावनी क्षेत्र में उपाध्यक्ष विपिन सोढ़ी के बंगला नंबर 105 के अलावा सेना 26 अन्य बंगलों का भी अधिग्रहण कर सकती है। इन सभी बंगलों के लिए पूर्व में रक्षा संपदा अधिकारी को पत्र भेजा जा चुका है। बुधवार को बंगला नंबर 105 और आरए लाइन बंगला नंबर 05 के अधिग्रहण के लिए सब एरिया के लिखे पत्र की खबर छपने के बाद सभी बंगलों के कब्जेदारों की बेचैनी बढ़ गई है।
बंगलों में चल रहे हैं प्रतिष्ठान
रक्षा संपदा के अधीन जो भी बंगले आवासीय हैं और उसमें व्यवसायिक गतिविधियां संचालित हैं, उन सभी का अधिग्रहण किया जा सकता है। साथ ही जिन बंगलों के कब्जेदार और जनरल लैंड रिकार्ड के नाम में अंतर है, उन्हें भी सेना अपने उपयोग में ले सकती है। रक्षा संपदा के अधीन जिन बंगलों पर सेना की नजर है, उन बंगलों में कई बड़े प्रतिष्ठान और वित्तीय संस्थान संचालित हैं। सेना अगर इन्हें अपने उपयोग में लेती है तो बंगलों के मौजूदा कब्जेदारों को केवल मलबे का मुआवजा मिल सकता है। क्योंकि बी थ्री ओल्ड ग्रांट बंगलों की भूमि भारत सरकार की मानी जाती है।
बंगला नंबर 119 में अवैध निर्माण तोड़ा
छावनी परिषद की इंजीनियरिंग टीम ने बुधवार को बंगला नंबर 119 खन्ना की कोठी में चल रहे अवैध निर्माण पर हथौड़ा चलाया। दूसरे फ्लोर पर अवैध तरीके से छत डालने का काम चल रहा था। सुधीर गुप्ता नाम के व्यक्ति को कई बार नोटिस देने के बाद भी निर्माण कार्य नहीं रुका तो कैंट बोर्ड ने कार्रवाई की। इस दौरान स्थानीय व्यापारियों से कैंट बोर्ड के कर्मचारियों की थोड़ी बहुत बहस भी हुई। इंजीनियरिंग सेक्शन की ओर से अब हर रोज अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाने की तैयारी की गई है।
सीईई के आफिस में एडिशनल सीईओ
कैंट बोर्ड में सीईई अनुज सिंह को बर्खास्त किया जा चुका है। सीईई के कार्यालय का बुधवार का ताला खोला गया। अब उस कार्यालय में एडिशनल सीईओ ममता बैठेंगी। अभी तक वह बोर्ड अध्यक्ष के कार्यालय में बैठ रहीं थीं। कैंट बोर्ड ने सीईई के बर्खास्तगी के बाद इस पद को भी समाप्त कर दिया है।
डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने के बिल कम करने की मांग
छावनी परिषद में बुधवार को वित्त समिति की बैठक हुई। इसमें प्रस्तावित बजट पर सदस्यों ने अपनी सहमति दे दी। समिति के सदस्यों ने छावनी में डोर टू डोर कूड़ा उठाने की दरों को संशोधित करने की मांग की। वार्ड एक की सदस्य रिनी जैन ने बताया कि कई छोटे मकान पर बहुत अधिक बिल भेज दिया गया है। इसकी वजह से गरीब लोग बिल का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। अगर इसे संशोधित कर दिया जाए तो लोग समय से भुगतान कर पाएंगे। बैठक में कैंट के स्कूल सीएबी, आधारशिला सहित अन्य स्कूलों में एडहॉक पर शिक्षक रखने को लेकर चर्चा हुई। इसमें तय हुआ है छावनी के स्कूलों में छावनी क्षेत्र में रहने वाले लोगों को मानक पूरा करने पर रखा जाएगा।
छावनी में अभी मोबाइल टॉवर का एग्रीमेंट नहीं
छावनी में मोबाइल टॉवर लगा दिए गए हैं। टेस्टिंग भी चल रही है। लेकिन अभी छावनी परिषद ने इंडस कंपनी से अंतिम करार नहीं किया है। सीईओ प्रसाद चव्हाण ने कहा कि वह सभी लोकेशन का खुद सत्यापन करेंगे। एग्रीमेंट में जो टर्म और कंडीशन है, उसी के अनुसार टॉवर लगे हैं। इसे सुनिश्चित किया जाएगा।
डेयरियों को हटाने की मुनादी
छावनी परिषद ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद सभी 112 डेयरियों को बाहर करने का निर्णय ले लिया है। सभी को अंतिम नोटिस देकर खाली करने के लिए कहा गया है। कैंट बोर्ड ने मुनादी लगाकर सभी को सतर्क भी कर दिया है। छावनी के नोटिस के बाद डेयरी संचालकों की बेचैनी बढ़ गई है। छावनी परिषद अब कभी भी पुलिस फोर्स और सेना की मदद से कार्रवाई कर सकता है। सीईओ प्रसाद चव्हाण का कहना है कि नोटिस के बाद अब कार्रवाई कभी भी हो सकती है। इस दौरान जो भी खर्च होगा। उसकी वसूली डेयरी संचालकों से होगी।
बंगलों में चल रहे हैं प्रतिष्ठान
रक्षा संपदा के अधीन जो भी बंगले आवासीय हैं और उसमें व्यवसायिक गतिविधियां संचालित हैं, उन सभी का अधिग्रहण किया जा सकता है। साथ ही जिन बंगलों के कब्जेदार और जनरल लैंड रिकार्ड के नाम में अंतर है, उन्हें भी सेना अपने उपयोग में ले सकती है। रक्षा संपदा के अधीन जिन बंगलों पर सेना की नजर है, उन बंगलों में कई बड़े प्रतिष्ठान और वित्तीय संस्थान संचालित हैं। सेना अगर इन्हें अपने उपयोग में लेती है तो बंगलों के मौजूदा कब्जेदारों को केवल मलबे का मुआवजा मिल सकता है। क्योंकि बी थ्री ओल्ड ग्रांट बंगलों की भूमि भारत सरकार की मानी जाती है।
बंगला नंबर 119 में अवैध निर्माण तोड़ा
छावनी परिषद की इंजीनियरिंग टीम ने बुधवार को बंगला नंबर 119 खन्ना की कोठी में चल रहे अवैध निर्माण पर हथौड़ा चलाया। दूसरे फ्लोर पर अवैध तरीके से छत डालने का काम चल रहा था। सुधीर गुप्ता नाम के व्यक्ति को कई बार नोटिस देने के बाद भी निर्माण कार्य नहीं रुका तो कैंट बोर्ड ने कार्रवाई की। इस दौरान स्थानीय व्यापारियों से कैंट बोर्ड के कर्मचारियों की थोड़ी बहुत बहस भी हुई। इंजीनियरिंग सेक्शन की ओर से अब हर रोज अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाने की तैयारी की गई है।
सीईई के आफिस में एडिशनल सीईओ
कैंट बोर्ड में सीईई अनुज सिंह को बर्खास्त किया जा चुका है। सीईई के कार्यालय का बुधवार का ताला खोला गया। अब उस कार्यालय में एडिशनल सीईओ ममता बैठेंगी। अभी तक वह बोर्ड अध्यक्ष के कार्यालय में बैठ रहीं थीं। कैंट बोर्ड ने सीईई के बर्खास्तगी के बाद इस पद को भी समाप्त कर दिया है।
डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने के बिल कम करने की मांग
छावनी परिषद में बुधवार को वित्त समिति की बैठक हुई। इसमें प्रस्तावित बजट पर सदस्यों ने अपनी सहमति दे दी। समिति के सदस्यों ने छावनी में डोर टू डोर कूड़ा उठाने की दरों को संशोधित करने की मांग की। वार्ड एक की सदस्य रिनी जैन ने बताया कि कई छोटे मकान पर बहुत अधिक बिल भेज दिया गया है। इसकी वजह से गरीब लोग बिल का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। अगर इसे संशोधित कर दिया जाए तो लोग समय से भुगतान कर पाएंगे। बैठक में कैंट के स्कूल सीएबी, आधारशिला सहित अन्य स्कूलों में एडहॉक पर शिक्षक रखने को लेकर चर्चा हुई। इसमें तय हुआ है छावनी के स्कूलों में छावनी क्षेत्र में रहने वाले लोगों को मानक पूरा करने पर रखा जाएगा।
छावनी में अभी मोबाइल टॉवर का एग्रीमेंट नहीं
छावनी में मोबाइल टॉवर लगा दिए गए हैं। टेस्टिंग भी चल रही है। लेकिन अभी छावनी परिषद ने इंडस कंपनी से अंतिम करार नहीं किया है। सीईओ प्रसाद चव्हाण ने कहा कि वह सभी लोकेशन का खुद सत्यापन करेंगे। एग्रीमेंट में जो टर्म और कंडीशन है, उसी के अनुसार टॉवर लगे हैं। इसे सुनिश्चित किया जाएगा।
डेयरियों को हटाने की मुनादी
छावनी परिषद ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद सभी 112 डेयरियों को बाहर करने का निर्णय ले लिया है। सभी को अंतिम नोटिस देकर खाली करने के लिए कहा गया है। कैंट बोर्ड ने मुनादी लगाकर सभी को सतर्क भी कर दिया है। छावनी के नोटिस के बाद डेयरी संचालकों की बेचैनी बढ़ गई है। छावनी परिषद अब कभी भी पुलिस फोर्स और सेना की मदद से कार्रवाई कर सकता है। सीईओ प्रसाद चव्हाण का कहना है कि नोटिस के बाद अब कार्रवाई कभी भी हो सकती है। इस दौरान जो भी खर्च होगा। उसकी वसूली डेयरी संचालकों से होगी।
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