Year Ender 2019: योजनाओं से मेरठ को मिला ‘आयुष्मान’, मुख्यमंत्री की नजर में रहा जिला अस्पताल
Year Ender 2019 मेरठ जिला अस्पताल प्रदेश सरकार की निगरानी में रहा। प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को हाईटेक किया गया वहीं टीकाकरण आयुष्मान भारत समेत कई योजनाओं में मेरठ आगे रहा।
मेरठ, [जागरण स्पेशल]। पश्चिमी उप्र में चिकित्सा का पावर हाउस कहलाने वाला मेरठ 2019 में भी नई सीढ़ियां चढ़ने में सफल रहा है। मेडिकल कालेज में 150 करोड़ की लागत से बने सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक की ओपीडी शुरू कर दी गई। जिला अस्पताल प्रदेश सरकार की निगरानी में रहा। प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को हाईटेक किया गया, वहीं टीकाकरण, आयुष्मान भारत समेत कई योजनाओं में जिले ने प्रदेश के कई बड़े शहरों को पीछे छोड़ दिया। हालांकि, नए डाक्टरों की नियुक्ति एवं दवाओं की आपूर्ति को लेकर परेशानी बनी रही।
आयुष्मान के एक साल का सफर
मेरठ को पश्चिमी उप्र का मेडिकल हब कहा जाता है। दो मेडिकल कालेज, दो जिला अस्पताल, 12 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं 265 नर्सिंग होमों एवं एक हजार से ज्यादा क्लीनिकों की वजह से आसपास के 14 जिलों के मरीज यहां इलाज कराने पहुंचते हैं। इस साल मेडिकल कालेज की ओपीडी में मरीजों की संख्या सालभर में एक लाख पार कर गई। आयुष्मान भारतमें जिले को प्रदेश में आठवां स्थान मिला। ढाई लाख परिवारों को योजना का लाभ मिलेगा। हालांकि इसमें मेडिकल कालेज में मरीजों की संख्या कम रहने से शासन की फटकार लगी। अनियमितता पकड़ में आने के बाद तीन अस्पतालों को पैनल से बाहर किया गया।
निजी क्षेत्र में इलाज की अंतरराष्ट्रीय तकनीक
मेरठ में हार्ट, कैंसर, यूरो, न्यूरो, गैस्ट्रो एवं बाल रोगों के इलाज के नए केंद्र खुले। वेलेंटिस कैंसर अस्पताल ने टोमोथेरेपी की शुरुआत हुई, जिससे सिकाई में हार्ट भी सुरक्षित रहता है। प्रोटान थेरेपी से भी कैंसर के इलाज की दुनिया बदली। उधर, केएमसी कैंसर संस्थान ने अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों के जरिए इलाज की नई उम्मीद जगाया। बच्चों के हार्ट के इलाज में डॉ. मुनेश तोमर ने नई तकनीक शुरू की। नगर के सीनियर कार्डियोलोजिस्ट डॉ. राजीव अग्रवाल ने देश-विदेश के कई बड़े मंचों को संबोधित कर मेरठ का दुनियाभर में नाम रोशन किया।
12 साल बाद मेरठ में हुई यूपीकॉन
मेरठ में 12 साल बाद 22 से 23 दिसंबर तक यूपीकॉन का आयोजन हुआ, जिसमें प्रदेशभर के सभी आइएमए चैप्टरों ने भाग लिया। मेरठ ने सर्वाधिक पुरस्कार जीतने का रिकार्ड कायम किया। सभी जिलों में आइएमए नया ब्लड बैंक खोलेगा।
सालभर रही मुख्यमंत्री योगी के आने की चर्चा
150 करोड़ की लागत से बने सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक को सालभर तक शुभारंभ की चर्चा चली। प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री के पहुंचने की भी बात उठीर्, ंकतु ब्लाक की तैयारियां अधूरी मिलने से मेडिकल कालेज की किरकिरी हुई। गत दिनों चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री सतीश महाना ने विधायक डॉ. सोमेंद्र तोमर, सत्यवीर त्यागी, प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता समेत कई विशेषज्ञों के साथ ब्लाक में बैठक की। माना जा रहा है कि जनवरी 2020 में ब्लाक का शुभारंभ कर दिया जाएगा। ऑक्सीजन आपूर्ति को लेकर सालभर हलचल रही। आइसीयू, ओटी, ट्रामा सेंटर समेत कई वार्डों में नए निर्माण कार्य कराए गए। नई मशीनों को भी इंस्टाल किया गया, लेकिन पैरामेडिकल स्टाफ एवं चिकित्सकों की कमी से मरीजों को फायदा नहीं मिला। नर्सिंग कालेज, बर्न वार्ड, मेडिसिन वार्ड एवं सर्जर्री ंवग में सुधार किया गया है। ओपीडी में नया पर्ची काउंटर बनाने के साथ ही अब इसे ई-अस्पताल बना दिया गया।
मुख्यमंत्री की नजर में जिला अस्पताल
जिला अस्पताल प्रदेश सरकार की नजर में रहा। गत दिनों एक माह के अंदर प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा, सांसद राजेंद्र अग्रवाल एवं चिकित्सा मंत्री जयप्रतार्प सिंह ने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया। जिला अस्पताल में डीएनबी कोर्स की शुरुआत की गई। उधर, सौ बेड वाले महिला जिला अस्पताल में भी शासन की टीम नियमित रूप से पहुंचती रही। अतिरिक्त दवाओं की आपूर्ति की गई।
गांवों में नए वेलनेस सेंटर संचालित
सीएमओ की टीम ने गांवों में सीएचसी एवं पीएचसी कैंपस में वेलनेस सेंटर बनाए गए। इसमें मरीजों को योग, ध्यान, खानपान एवं प्राकृतिक जीवनशैली के बीच रखकर इलाज किया जा रहा है। शहरी क्षेत्र की 26 अर्बन पीएचसी में भी कई वेलनेस सेंटर खोले गए हैं।
इन्होंने बताया
मेडिकल कालेज में आसपास के 15 जिलों के मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। सालाना एक लाख से ज्यादा मरीजों का इलाज हो रहा है। कई सुपरस्पेशियलिटी के चिकित्सकों की जरूरत हैर्, किंतु वो इंटरव्यू देकर भी ज्वॉइन नहीं कर रहे हैं। दवा का बजट कम होने से इलाज पर असर पड़ा है। नए ब्लाक के लिए सरकार ने विश्वस्तरीय उपकरण दिए हैं।
- डॉ. आरसी गुप्ता, प्राचार्य, मेडिकल कालेज
टीकाकरण से लेकर एनएचएम की कई योजनाओं में जिले का प्रदर्शन बेहतर रहा। दवाएं भी पर्याप्त हैं, लेकिन चिकित्सकों की कमी है। आयुष्मान भारत में 61 अस्पतालों को पैनल में लिया गया है, जिनकी निगरानी की टीम बनाई गई है।
- डा. राजकुमार, सीएमओ
ये है जिले में इलाज का आंकड़ा
मेडिकल कालेज राजकीय अस्पताल -1060 बेड
कुल 20 वार्ड, हर माह 70 करीब हजार मरीज
जिला अस्पताल- 230 बेड
जिला महिला अस्पताल-100 बेड
12 सीएचसी- सभी में 30-30 बेड
35 प्राथमिक स्वास्थ्य व 315 उप स्वास्थ्य केंद्र
जिले में कुल 265 नर्सिंग होम
करीब 1500 चिकित्सक पंजीकृत
वर्ष-2019 के कुछ खास पहलू
टीकाकरण, आयुष्मान भारत समेत कई योजनाओं में जिले ने प्रदेश के कई बड़े शहरों को पछाड़ा।
गांवों में नए वेलनेस सेंटर संचालित।
मेडिकल कालेज में 150 करोड़ की लागत से बने सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक की ओपीडी शुरू।
मेरठ में हार्ट, कैंसर, यूरो, न्यूरो, गैस्ट्रो एवं बाल रोगों के इलाज के नए केंद्र खुले।
नए डाक्टरों की नियुक्ति एवं दवाओं की आपूर्ति को लेकर परेशानी बनी रही।
वर्ष-2020 से उम्मीदें
आयुष्मान भारत योजना में धांधली पर अंकुश लगे, पात्रों तक योजना का लाभ पहुंचे।
चिकित्सालयों में चिकित्सकों के रिक्त पदों पर भर्ती हो।
दवाओं के लिए बजट मिले तथा स्वास्थ्य सेवा बेहतर हों।