मेरठ के किसान हैं अमीर और कृषि उत्पादकता भी अधिक ...कैसे हुआ यह सब !
मेरठ की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है। कृषि क्षेत्र में फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा दिया जा सकता है।
शहर के चहुंमुखी विकास के लिए अर्थव्यवस्था का सुदृढ़ होना बहुत जरूरी है। सरकार अपनी तमाम योजनाओं से शहर की अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने की कोशिश कर रही है। दूसरी ओर शहर में तमाम उद्यमी, सर्विस सेक्टर, एग्रीकल्चर से जुड़े लोग, युवा अर्थव्यवस्था में तेजी लाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। शहर की दिशा और दशा बदलने वाले ऐसे लोगों को दैनिक जागरण के 'माय सिटी माय प्राइड' महाअभियान ने सामने लाने की कोशिश की है। इसमें अर्थव्यवस्था के एक्सपर्ट के तौर पर चौ. चरण सिंह विवि के कुलपति और अर्थशास्त्री प्रो. एनके तनेजा हमारे सामने हैं।
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मूलत: प्रो. एनके तनेजा अर्थशास्त्री हैं। वे पिछले तीन वर्षों से चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति हैं। कुलपति बनने के बाद भी शहर की अर्थव्यवस्था पर उनका चिंतन और अध्ययन जारी है। उनका मानना है कि शिक्षा ग्रहण करने वाले युवा केवल डिग्री लेकर न निकले, उनके हाथ में कोई न कोई हुनर जरूर हो, क्योंकि शिक्षित और हुनरमंद युवा ही हर तरह की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ा सकता है। वह युवा शक्ति को अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानते हैं।
मेरठ की कृषि क्षेत्र की उत्पादकता अधिक
प्रो. एनके तनेजा मेरठ की अर्थव्यवस्था में कृषि को महत्वपूर्ण स्थान देते हैं। अपने अध्ययन और शोध में उन्होंने मेरठ के कृषि क्षेत्र में उत्पादकता पर काम भी किया है। वह कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में मेरठ की कृषि सबसे उत्पादकता वाली है। यहां के किसान सबसे धनवान हैं। वह विश्वविद्यालयी शिक्षा को भी मेरठ की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला मानते हैं, जिसमें चौ. चरण सिंह विवि का प्रभाव ग्रामीण क्षेत्रों पर भी पड़ रहा है।
अर्थव्यवस्था के कई आयाम... शहर आशान्वित है
दिल्ली के करीब मेरठ के होने को प्रो. तनेजा सकारात्मक मानते हैं। मेरठ की अर्थव्यवस्था में उन्होंने कई आयाम भी गिनाए। हालांकि उन्होंने कुछ सेक्टरों में जरूरी सुधार पर भी जोर दिया।
1. मेरठ की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए ज्वैलरी उद्योग का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। एशिया की प्रमुख मंडी में मेरठ के ज्वैलरी मार्केट की गिनती होती है। यहां से ज्वैलरी की मैनुफैक्चरिंग भी होती है। बहुत से कारोबारी यहां से ज्वैलरी की डिजाइन करवाते हैं। अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने के लिए यह एक बड़ा सेक्टर है। लेकिन इस सेक्टर में अभी जितना काम होना चाहिए नहीं हो पाया है। ज्वैलरी उद्योग के क्षेत्र में कई नए बदलाव हो रहे हैं। मानव संसाधन की इस क्षेत्र में अभी कमी है। ऐसे में यहां पर डिग्री स्तर पर इंस्टीट्यूट की जरूरत है, जिससे इस इंडस्ट्रीज की मांग के अनुसार मैन पॉवर तैयार हो सके। कुशल कामगार और संगठित ढांचा इस उद्योग को नई ऊंचाइयां दे सकता है।
2. मेरठ को हम स्पोर्ट्स सिटी भी मानते हैं। यहां के बने खेल उत्पादों की पूरी दुनिया दीवानी है। शहर की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए इस सेक्टर का अहम रोल है। इसमें आगे बढ़ने और विकास की पूरी संभावना भी है। इस इंडस्ट्रीज से जुड़े लोगों को भी बड़े स्तर पर संगठित तरीके से युवाओं के लिए ट्रेनिंग, कोर्स शुरू करने की जरूरत है। इस सेक्टर में शहर में कोई बड़ी कंपनी निवेश भी कर सकती है। इससे इंडस्ट्रीज की स्किल्ड मानव संसाधन की मांग पूरी होगी और शहर के युवाओं को अपने शहर में बेहतर रोजगार के अवसर मिलेंगे। प्रतिभा का पलायन रूकेगा।
3. मेरठ की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है। कृषि क्षेत्र में फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा दिया जा सकता है। इसके लिए शहर में फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाए जा सकते हैं। इसमें सरकार के साथ जनसहभागिता से आगे बढ़ा जा सकता है।
4. दिल्ली से मेरठ को जोड़ने के लिए रैपिड, एक्सप्रेस हाइवे पर काम हो रहा है। यह बुनियादी ढांचागत विकास आने वाले समय में मेरठ में रोजगार के अवसर बढ़ाएगा। सर्विस सेक्टर में मेरठ एक बड़ा हब बनकर उभरेगा। इसके लिए हमें भी अपनी कार्यशैली में बदलाव लाना होगा। पर्सनॉलिटी डेवलपमेंट पर ज्यादा काम करना होगा।
5. मेरठ की सबसे बड़ी खासियत इसका देश की राजधानी दिल्ली के करीब होना है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र होने के नाते मेरठ की अर्थव्यवस्था निरंतर आगे बढ़ेगी। उसके हिसाब से हमें खुद को तैयार करने की जरूरत है। अधकचरे ज्ञान और कौशल के सहारे हम विकास की दौड़ में पीछे छूट सकते हैं।
प्रो. एनके तनेजा
(चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति )
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