आखिर कैसे रुके illegal constructions,MDA के मेट ही करा रहे हैं अवैध निर्माण Meerut News
चिराग तले अंधेरा यह कहावत मेरठ विकास प्राधिकरण के लिए एकदम सटीक बैठती है। MDA ने भी अब स्वीकार कर लिया है कि मेट ही अवैध निर्माण कराकर उन्हें संरक्षण दे रहे हैं।
मेरठ, जेएनएन। मेरठ विकास प्राधिकरण MDA ने भी अब स्वीकार कर लिया है कि मेट ही अवैध निर्माण कराकर उन्हें संरक्षण दे रहे हैं। दुस्साहस का स्तर देखिए कि जो मेट क्षेत्र में तैनात भी नहीं हैं, वे भी मौके पर पहुंचकर अवैध उगाही में लगे हैं। उनके साथ अनुचर भी इस धंधे में जुटे हैं। अवैध वसूली की शिकायत मिलने पर मेट ऋषिपाल, संतराम व सुभाष और अनुचर महिपाल व मदनपाल को कारण बताओ नोटिस दिया गया है।
भवन ही नहीं कॉलोनियां भी कटवा रहे हैं मेट
मेट शहर में भवनों में अवैध निर्माण को छूट देते हैं और उसके बदले में उगाही करते हैं। मेट सिर्फ भवनों का अवैध निर्माण ही नहीं कॉलोनियां भी कटवा रहे हैं।
एक भी ईंट रखी जाती है तो मेट को पता होता है
प्रवर्तन खंड में तैनात मेट का नेटवर्क इतना बड़ा होता है कि यदि उनके क्षेत्र में किसी भी प्लॉट या किसी भी भवन में एक ईंट भी रखी जाती है तो उन्हें पता चल जाता है। कार्यालय से उन्हें गोपनीय जानकारी दे दी जाती है, जिससे वे उस स्थान पर नहीं जाते जिनका मानचित्र स्वीकृत होता है। किसका मानचित्र स्वीकृत नहीं है इसकी पूरी जानकारी उन्हें होती है। बताया तो यह जाता है कि कुछ मेट खुद कमाई करते हैं जबकि कुछ मुखबिर का काम करते हैं। मुखबिर ‘ऊपर’तक सूचना पहुंचाते हैं। उसके बाद ऊपर का संदेश मिलने पर उन्हीं के मुताबिक डील होती है। इसके बाद भवन मालिक पर आर्थिक वसूली के लिए दबाव बनाया जाता है।
पढ़िए वीसी और सचिव के आदेश प्रति के शब्द
‘कतिपय मेटो द्वारा प्रवर्तन क्षेत्र में तैनाती न होने के बावजूद भी अनधिकृत रूप से प्रवर्तन क्षेत्र में रहकर अवैध निर्माणों को बढ़ावा दे रहे हैं।..’
- वीसी द्वारा सचिव को दिया गया पत्र
‘(मेटों के नाम) आप वर्तमान में प्रवर्तन खंड में तैनात नहीं हैं, लेकिन इसके बावजूद भी आप क्षेत्र में घूमते हैं। अवैध निर्माण कराकर एवं अवैध कालोनियां कटवाकर उनसे अवैध वसूली करते हैं।’
- सचिव द्वारा मेटो को दिया गया पत्र
इनका कहना है
कुछ मेट व अनुचर चिह्न्ति किए गए हैं। उन पर सख्त कार्रवाई होगी। वे लोग भी चिह्न्ति किए जा रहे हैं जिनका सहयोग ऐसे लोगों को मिलता रहता है।
- राजेश पांडेय, वीसी एमडीए