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Martyrs of Galwan: मेरठ में रहता है शहीद हवलदार बिपुल रॉय का परिवार, यहीं से ट्रांसफर होकर गए थे लद्दाख

India China Tension सेना की सिग्नल रेजिमेंट कल दिल्ली से शहीद की पत्नी व बेटी को हवाई जहाज से कोलकाता भेजेगी। मेरठ से ही ट्रांसफर होकर लद्दाख गए थे।

By Taruna TayalEdited By: Published: Wed, 17 Jun 2020 10:55 PM (IST)Updated: Wed, 17 Jun 2020 10:55 PM (IST)
Martyrs of Galwan: मेरठ में रहता है शहीद हवलदार बिपुल रॉय का परिवार, यहीं से ट्रांसफर होकर गए थे लद्दाख

मेरठ, जेएनएन। सोमवार रात लद्दाख के गलवन घाटी में चीनी सेना के साथ हुई खूनी झड़प में शहीद हुए सिग्नल रेजिमेंट के हवलदार व पश्चिम बंगाल में जलपाईगुड़ी जिले के अलीपुरद्वार तहसील स्थित ङ्क्षबडीपाड़ा गांव के रहने वाले बिपुल रॉय की पत्नी व मासूम बेटी मेरठ में रहती हैं। बुधवार को शहीद की पत्नी को शहादत की सूचना घर के बाहर मीडिया वालों के पहुंचने पर मिली। बिपुल रॉय की शोकाकुल पत्नी रुम्पा रॉय व सात वर्षीय बेटी तमन्ना को सेना के अधिकारी अपने साथ ले गए। शुक्रवार को दिल्ली ले जाएंगे। वहां से उन्हें विमान से पश्चिम बंगाल भेजा जाएगा। बिपुल रॉय दो साल पहले ही 22 डिव की सिग्लन रेजिमेंट से ट्रांसफर होकर लद्दाख गए थे। उनकी पत्नी व बेटी यहीं रह रहे हैं। बेटी आर्मी स्कूल में पढ़ती है। 

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मकान मालिक से बात कर दी सूचना

शहीद बिपुल रॉय की पत्नी व बेटी रोहटा रोड स्थित कुंदन कुंज में किराए के मकान में रहती है। मंगलवार सुबह से ही गलवन की सूचना टीवी पर देख रुम्पा परेशान थीं। मंगलवार रात करीब साढ़े 11 बजे लद्दाख से यूनिट के कमान अधिकारी ने फोन किया। महिला की आवाज सुन उन्होंने किसी पुरुष से बात कराने को कहा। मकान मालकिन रेनू अरोड़ा के बेटे निखिल ने बात की तो उन्हें शहादत की सूचना दी गई, लेकिन उन्होंने इसकी जानकारी रात को रुम्पा को नहीं दी। बुधवार दोपहर घर के बाहर मीडिया व अन्य की भीड़ देख उन्होंने कारण पूछा तब उन्हें पति के शहादत की जानकारी दी गई। यह सुन वह गुमशुम हो गईं। सेना ने शहीद की पत्नी से संपर्क किया और और उन्हें मेरठ से दिल्ली और वहां से पश्चिम बंगाल ले जाने की जानकारी दी।

पहुंचे आला अधिकारी

सेना के अधिकारियों के साथ ही डीएम अनिल ढींगरा और एसएसपी अजय सहानी सहित अन्य अधिकारी रोहटा रोड स्थित शहीद की पत्नी के पास पहुंचे। कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए किसी को भी घर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। आस-पास की महिलाओं ने ही शहीद की पत्नी को संभाला और हिम्मत बंधाई। यहां से सेना के जवान दोनों को छावनी के भीतर ले गई जहां उन्हें पूरी स्थिति से अवगत कराया गया। स्थानीय लोगों ने देश पर कुर्बान बिपुल रॉय के नाम को अमर बताते हुए नारे लगाए। 

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