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Martyr soldiers in Galwan: शहीद बिपुल की पार्थिव देह पहुंची, पत्नी और बेटी आज जाएंगी

गुरुवार तक छावनी में ही शहीद की पत्नी रुम्पा व बेटी तमन्ना रहीं। आज सुबह सेना दिल्ली लेकर जाएगी फिर वहां से विमान से पश्चिम बंगाल जाएंगी।

By Prem BhattEdited By: Published: Thu, 18 Jun 2020 10:02 PM (IST)Updated: Fri, 19 Jun 2020 09:42 AM (IST)
Martyr soldiers in Galwan: शहीद बिपुल की पार्थिव देह पहुंची, पत्नी और बेटी आज जाएंगी
Martyr soldiers in Galwan: शहीद बिपुल की पार्थिव देह पहुंची, पत्नी और बेटी आज जाएंगी

मेरठ, जेएनएन। चीनी सेना के साथ सोमवार रात हुई खूनी झड़प में शहीद हुए हवलदार बिपुल रॉय का अंतिम संस्कार शुक्रवार को उनके पैतृक गांव में होगा। शहीद की पत्नी रुम्पा रॉय और बेटी तमन्ना शुक्रवार सुबह मेरठ से दिल्ली जाएंगी और वहां से विमान से पश्चिम बंगाल के लिए रवाना होंगी। पत्नी के पहुंचने के बाद शहीद बिपुल रॉय का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा। रोहटा रोड स्थित घर से ले जाकर सेना ने पत्नी व बेटी को छावनी स्थित चार्जिंग रैम डिवीजन के सिग्नल रेजीमेंट में ही रखा। सेना के अफसरों के साथ ही आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन से जुड़ी सैन्य अफसरों की पत्नियों ने हिम्मत बंधाया। शहीद बिपुल रॉय की पार्थिव देह गुरुवार रात आठ बजे हाशिमारा एयरबेस पहुंच गया। यहां से शुक्रवार सुबह सड़क मार्ग से पैतृक गांव ले जाया जाएगा।

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दो रात से नहीं सो पाई वीर नारी

चीन के साथ चल रही गहमा-गहमी की सूचनाओं के बीच रुम्पा रॉय की नींद पहले ही उड़ चुकी थी। नौ जून को हवलदार बिपुल रॉय से बातचीत होने पर उनका मन जरूर शांत हुआ, लेकिन उसके बाद बार-बार कोशिश करने पर कोई बात न हो पाने पर उनकी चिंता बढऩे लगी थी। मंगलवार रात सीधे यूनिट से फोन आने और सटीक जानकारी न मिलने पर उनकी नींद पूरी तरह से गायब हो गई। बुधवार दोपहर में शहादत की सूचना मिलने के बाद भी रात में मां-बेटी सो नहीं सके। सैन्य अफसरों ने किसी तरह समझाकर दोनों को खाना खिलाया और आराम करने को कहा।

उत्तर-पूर्व से आए थे मेरठ

मेरठ छावनी में चार्जिंग रैम डिवीजन में पोस्टिंग से पहले वह नॉर्थ-ईस्ट में चीनी सीमा पर तैनात थे। सिग्नल रेजीमेंट में कार्यकाल के दौरान उन्हें चीनी सेना की हरकतों का भी अंदाजा रहा है। 2017 में चीनी सेना के साथ डोकलाम में आमने-सामने खड़ी भारतीय सेना के स्टैंडऑफ की परिस्थितियों से भी वह अच्छी तरह से परिचित थे। छावनी में उनकी पोस्टिंग वर्ष 2016 में हुई थी। मेरठ की यूनिट के साथियों के बीच भी वह उत्तर-पूर्व के किस्से सुनाते रहते थे। मेरठ छावनी में पोङ्क्षस्टग होने पर वह परिवार को भी मेरठ लेकर आए। मेरठ से दिसंबर 2018 में उनकी पोस्टिंग लद्दाख में हो गई थी। जनवरी 2003 में सेना में भर्ती हुए शहीद हवलदार बिपुल रॉय की सेवा जनवरी 2027 तक की थी।  


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