Move to Jagran APP

पाक में भी अपना जन्मस्थान देखने को लालायित हैं बहुत से लोग

देश के बंटवारे के साथ मेरठ में दो से तीन सौ लोग पाकिस्तान से शरणार्थी के तौर पर आए थे। धर्म के नाम पर हुए बंटवारे ने उन्हें अपना सब कुछ छोड़कर आना पड़ा।

By Edited By: Published: Sat, 20 Jun 2020 03:00 AM (IST)Updated: Sat, 20 Jun 2020 03:00 AM (IST)
पाक में भी अपना जन्मस्थान देखने को लालायित हैं बहुत से लोग

मेरठ, जेएनएन। देश के बंटवारे के साथ मेरठ में दो से तीन सौ लोग पाकिस्तान से शरणार्थी के तौर पर आए थे। धर्म के नाम पर हुए बंटवारे ने उन्हें अपना सब कुछ छोड़कर आना पड़ा। हालांकि अपने संघर्ष के बल पर वे लोग आगे बढ़ते रहे। माना जाता है कि मेरठ को खेल उद्योग के तौर पर उभारने में इनका अहम योगदान रहा। शरणार्थी रहे खन्ना बताते हैं कि पाक में भी ऐसे बहुत से लोग हैं,जो भारत में अपने जन्म स्थान को देखने की चाह लिए हैं। देश के बंटवारे के बाद मेरठ में सूरजकुंड की स्पो‌र्ट्स कालोनी, लालकुर्ती, विक्टोरिया पार्क की स्पो‌र्ट्स कालोनी में पाकिस्तान से आए लोगों ने शरण ली थी।

loksabha election banner

मेहनत और काबिलियत से उन्होंने अपनी एक अलग पहचान भी बनाई। कभी शरणार्थी रहे 96 वर्षीय केके खन्ना बंटवारे के बाद परिवार सहित मेरठ आए थे। पाकिस्तान में शेखपुरा उनका जन्म स्थान है। बंटवारे के बाद जब धर्म के नाम पर मारकाट मची थी, उस समय वे अपना सब कुछ छोड़कर मेरठ आए थे। कुछ समय दिल्ली के शरणार्थी कैंप में भी बिताया। केके खन्ना पाकिस्तान में अंग्रेजों के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन में भी शामिल हुए थे। 1942 में करीब नौ माह जेल में रहे। अपना घर-बार छोड़ने के बाद काफी समय तक उन्होंने एक रिफ्यूजी का दंश भी झेला। कुछ साल पहले केके खन्ना पाकिस्तान में अपने जन्मस्थान भी गए थे। जहां अपनी दुकान और मकान भी देखी।

विहिप-बजरंग दल ने चीन का झडा फूंका मेरठ। लद्दाक सीमा पर भारतीय सैनिकों के शहीद होने को लेकर ¨हदू संगठन व विभिन्न संगठनों के लोगों में उबाल है। शुक्रवार को विहिप बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकालकर हाईवे स्थित सुभाष चौक पर चीन का झंडा फूंका। इससे पूर्व दो मिनट का मौन रखकर शहीद जवानों को श्रद्धाजंलि दी। उक्त संगठन के कार्यकर्ता गुडमंडी में एकत्र हुई। यहां बजरंग के प्रांत प्रशिक्षण प्रमुख आशु त्यागी, जिला सह संयोजक सोनू जाटव आदि ने चीन द्वारा किये गए हमले की ¨नदा की और कार्यकर्ताओं से चीनी उत्पादकों का पूर्ण बहिष्कार करने की अपील की। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने दो मिनट का मौन धारण कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और चीन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सुभाष चौक पर पहुंचे और चीन के राष्ट्रीय ध्वज को आग के हवाले कर दिया।

राष्ट्रीय ध्वज फूंकने वालों में रजत शर्मा, मनीष शर्मा, सौरभ शर्मा, उज्जवल रस्तोगी, अंकित, मोनू, योगेंद्र, अर्पण शर्मा, अर्जुन, आदेश, अजय, सौरभ, आदित्य, कुलदीप, रवि, नितिन, शिवम, हेमंत, अक्षय, अंकुश, दीपांशु, अमर वर्मा, शिवा, कुलदीप, राजा, मोनी, अजय, सनी, सत्यम, विकास आदि थे। साहित्य संगम परिषद के सदस्यों की बैठक वीडियो कांफ्रे¨सग द्वारा की गई। जिसमें नगर के वरिष्ठ अधिवक्ता नरेंद्र कुमार रस्तोगी, एएस इंटर कालेज के पूर्व प्रधानाचार्य बीके शर्मा, प्रमुख समाजसेवी श्रीराम मलिक, एलडी कालेज की प्राचार्य डा.शक्ति साहनी, नरेंद्र गोयल, संजीव भ्रमर आदि ने चीनी की कार्रवाई पर रोष जताते हुए शहीद भारतीय सैनिकों को श्रद्धाजंलि दी। निर्णय लिया कि लॉकडाउन के बाद एक शहीद परिवार से मिलकर उन्हें आवश्यक सहायता दी जाएगी।

पूर्व सैनिकों ने सौंपा ज्ञापन पूर्व सैनिक संगठन के पदाधिकारी अध्यक्ष जयचंद फौजी के नेतृत्व में आंबेडकर पार्क में एकत्र हुए और सेना के शहीद 20 जवानों की आत्मशांति के लिये दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धाजंलि दी और राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को देकर चीन की इस हरकत के प्रति रोष जताया। इस मौके पर अमरीश शर्मा, सिराजुद्दीन, महेंद्र दत्त शर्मा, धर्मेद्र, जसवीर ¨सह, जगवीर ¨सह, ओमपाल, मेघराज ¨सह, बिजेंद्र त्यागी, राम आसरे शर्मा, कमलपाल भाटी, रजनीश विश्वकर्मा, देवेंद्र शर्मा, बिजेंद्र आदि थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.