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शहर में पहली लोहड़ी पर बेटियों को मिले ढेरों आशीष

पारंपरिक तौर पर लोहड़ी पर्व फसल की बुआई और उसकी कटाई से जुड़ा एक विशेष त्योहार है। इस पर्व पर पंजाब में नई फसल की पूजा की परंपरा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Jan 2019 09:00 AM (IST)Updated: Sun, 13 Jan 2019 09:00 AM (IST)
शहर में पहली लोहड़ी पर बेटियों को मिले ढेरों आशीष
शहर में पहली लोहड़ी पर बेटियों को मिले ढेरों आशीष

मेरठ । पारंपरिक तौर पर लोहड़ी पर्व फसल की बुआई और उसकी कटाई से जुड़ा एक विशेष त्योहार है। इस पर्व पर पंजाब में नई फसल की पूजा की परंपरा है। इस दिन चौराहों और गली-मुहल्लों में लोहड़ी जलाई जाती है। इस दिन लड़के आग के पास भंगड़ा करते हैं, वहीं लड़कियां और महिलाएं गिद्दा करती हैं। सभी रिश्तेदार और पड़ोसी मिलकर लोहड़ी जलाकर उसकी परिक्रमा करते हुए सुख-शांति की कामना करते हैं। इस दिन तिल, गुड़, गजक, मक्का, रेवड़ी और मूंगफली का खास महत्व है।

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साथ ही जिस घर में बेटे की शादी या फिर घर में बेटे का जन्म होता है। उसकी पहली लोहड़ी धूमधाम से मनाने की भी परंपरा है। मगर अब लोहड़ी का स्वरूप बदल रहा है। अब लोग बेटी की शादी और बेटी के जन्म पर भी पहली लोहड़ी उत्साह से मनाते हैं।

पहली बेटी पहली लोहड़ी

थापर नगर निवासी सुमित और ज्योति बेटी यशिका की पहली लोहड़ी मना रहे हैं। सुमित ने बताया कि उन्होंने और ज्योति ने पहले से तय कर रखा था कि हम अपनी बेटी की पहली लोहड़ी धूमधाम से दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ मनाएंगे। जिससे बेटी को सभी का आशीर्वाद मिल सके। आज बेटी किसी मायने में बेटों से कम नहीं हैं। ऐसे में उन्हें समान अधिकार मिलने चाहिए। इसकी शुरुआत उनके जन्म से होगी, तभी लोगों की मानसिकता बदलेगी।

बेटियां किसी से कम हैं क्या

टीपी नगर निवासी संयम अरोड़ा और कमल अरोड़ा बेटी कायरा की पहली लोहड़ी मना रहे हैं। संयम का कहना है कि घर में बेटे के जन्म पर जश्न मनाया जाए और बेटी के जन्म पर नहीं। इस परंपरा को बदलना होगा। बेटियां आज हर क्षेत्र में माता-पिता का नाम रोशन कर रही हैं। ऐसे में उनके साथ भेदभाव करना बिल्कुल भी सही नहीं है। अब समय आ गया है कि बेटियों को बेटों जैसा सम्मान मिले।

बेटी के लिए ही मनाई लोहड़ी

वैशाली निवासी तरुण मेहरा और अरोमा मेहरा बेटी तान्या की पहली लोहड़ी मना रहे हैं। उनका कहना है कि अब लोगों की सोच बदल रही है, लोग बेटे के जन्म पर पहली लोहड़ी तो मना ही रहे हैं, साथ ही बेटी के जन्म की खुशियां भी साझा कर रहे हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोगों में अब बेटे और बेटी में भेदभाव खत्म हो रहा है।

धूमधाम से मनाई पहली लोहड़ी

प्रभात नगर निवासी पुनीत अरोड़ा और पुनीता अरोड़ा ने बेटी सुहाना की पहली लोहड़ी शनिवार की शाम को धूमधाम से मनाई। इसमें सुहाना को सभी रिश्तेदारों ने ढेरों आशीष दिए। पुनीत ने बताया कि इस दिन का उन्हें बेसब्री से इंतजार था, जब वह सुहाना की पहली लोहड़ी मनाएं। बेटी घर की रौनक होती है, उन्हें उनका अधिकार मिलना ही चाहिए।


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