Make In India: मेरठ शहर में चार गुना बढ़ी भारतीय खिलौनों की आपूर्ति, बच्चों को खूब लुभा रहे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी खिलौना कारोबार खत्म करने की बात कही तो भारतीय कंपनियों का उत्साह बढ़ गया है। मेरठ में ही भारतीय खिलौनों की आपूर्ति करीब चार गुना बढ़ गई है।
मेरठ, जेएनएन। Make In India प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी खिलौना कारोबार खत्म करने की बात कही तो भारतीय कंपनियों का उत्साह बढ़ गया है। मेरठ में ही भारतीय खिलौनों की आपूर्ति करीब चार गुना बढ़ गई है। बच्चों के मन में भारतीय खिलौनों की ललक बढ़ रही है। वर्तमान में चीन से खिलौने नहीं आ रहे हैं। आबूलेन में 20 वर्ष से खिलौनों की बिक्री कर रहे गुरमीत कथूरिया ने बताया कि पिछले तीन चार माह में भारत में नई नई कंपनियों के खिलौने मार्केट में आ गए हैं। देश में बनी कंपनियों के खिलौनों की आपूर्ति चार गुना हो गई है।
नई रेंज आ रही
ट्वायज जोन के डॉल हाउसेस 1800 से 5000 रुपये कीमत के हैं। खास बात यह है कि इनमें कोई मैन्युफैक्चयूरिंग डिफेक्ट आने पर कीमत का 10 प्रतिशत काट कर वापसी की भी सुविधा कंपनियां दे रही हैं। खिलौना बनाने वाली आनंद और सेंटी कंपनी की नई रेंज आ रही हैं। यह कार, हेलीकाप्टर, जीप आदि बना रही हैं। एकता कंपनी के गेम, बो एंड एरो की स्थानीय स्तर पर अच्छी डिमांड है।
दामों में भी बहुत अंतर नहीं
थोक व्यापारी अक्षय बंसल ने बताया कि खिलौना उद्योग की दृष्टि से आने वाला समय देश के उद्यमियों के लिए अच्छा है। रिलायंस जैसी कंपनियां इसमें आ रही हैं। दामों में भी बहुत अंतर नहीं है। भारतीय कंपनियां पर्यावरण के अनुकूल नॉन टाक्सिक खिलौने बना रही हैं। आने वाले समय में मैन्युफैक्चयूरिंग कास्ट खुद ही कम हो जाएगी।
चीनी खिलौनों की खामियां
- चीन से सप्लाई होने वाले 30 प्रतिशत खिलौने बिक्री से पहले खराब हो जाते हैं
- सस्ते मैटीरियल का प्रयोग किया जाता है, जो बच्चों के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव डालते हैं
- एक बार खराब तो ठीक होने और रिप्लेस होने का कोई मौका नहीं।