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सात मंदिरों में मूलनायक के रूप में विराजमान हैं महावीर

भगवान महावीर का जन्मदिवस आज जैन समाज के लोग अपने-अपने घरों में मनाएंगे। लॉकडाउन के चलते जैन मुनियों ने छह अप्रैल को शाम के समय घरों के दहलीज पर दीए रखने आह्वान किया है। शहर में दिगंबर जैन समाज के सात मंदिरों में भगवान महावीर मूल नायक के रूप में विराजमान हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Apr 2020 04:00 AM (IST)Updated: Mon, 06 Apr 2020 06:05 AM (IST)
सात मंदिरों में मूलनायक के रूप में विराजमान हैं महावीर

मेरठ, जेएनएन। भगवान महावीर का जन्मदिवस आज जैन समाज के लोग अपने-अपने घरों में मनाएंगे। लॉकडाउन के चलते जैन मुनियों ने छह अप्रैल को शाम के समय घरों के दहलीज पर दीए रखने आह्वान किया है। शहर में दिगंबर जैन समाज के सात मंदिरों में भगवान महावीर मूल नायक के रूप में विराजमान हैं।

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जैन विद्वान जीतेंद्र कुमार जैन आलू वालों ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार जैन समाज के लोगों के घरों में तीर्थकरों की मूर्ति नहीं रखी जाती है। फोटो इत्यादि रख सकते हैं। शांति विधान को छोड़ अन्य विधान मंदिरों में ही संपादित होते हैं। बताया कि जिन मंदिरों में कई तीर्थकरों की मूर्तियां होती हैं, लेकिन मुख्य मूर्ति जिस तीर्थकर की होती है, उसे मूलनायक कहा जाता है। शहर में भगवान महावीर के मंदिर यह हैं।

-आनंदपुरी स्थित दिगंबर जैन मंदिर में श्वेत संगमरमर की भगवान महावीर की मूर्ति 148 वर्ष पुरानी है। मंदिर का निर्माण 1968 में हुआ था।

-शारदा रोड स्थित भगवान महावीर जयंती भवन का निर्माण 70 वर्ष पूर्व हुआ था। यहां पर भी भगवान महावीर की मूर्ति है। इस मंदिर का निर्माण महावीर जयंती पर निकलने वाली 160 वर्ष पुरानी यात्रा के लिए किया गया था।

-कमलानगर के दिगंबर जैन मंदिर में भी मूलनायक के रूप में भगवान महावीर विराजमान हैं। इस मंदिर का निर्माण 1975 में हुआ था। मूर्ति अतिशयकारी भव्यता लिए हुए है। कमल पुष्प और हंस की आकृति निर्मित की गई है।

-वीरनगर मोहल्ले में भगवान महावीर का मंदिर 1995 में निर्मित है।

-कचहरी रोड स्थित भगवान महावीर की मूर्ति का दिव्यता हर आने जाने वाले को आकर्षित करती है। इसका निर्माण 1996 में हुआ था।

-रेलवे रोड स्थित जैन बोर्डिग हाउस में वर्ष 2002 में बना था।

-शास्त्रीनगर डी ब्लॉक में वर्ष 2003 में निर्मित भगवान महावीर के मंदिर की आधारशिला मुनि वसुनंदी महाराज ने रखी थी।

-गंगानगर में वर्ष 2009 में लाल पत्थरों से भव्य मंदिर निर्मित किया गया। नागर शैली में बने इस मंदिर में लोहे का प्रयोग नहीं हुआ है। इसका पंचकल्याणक मुनि सौरभ सागर के सानिध्य में हुआ था।

जैन ध्वज लहरेगा और जलेंगे दीप

मेरठ : भारतीय जैन मिलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य सुरेश जैन रितुराज ने बताया कि विश्व को अहिसा का संदेश देने वाले भगवान महावीर की जयंती सोमवार को मनाई जाएगी। लॉकडाउन के दौरान देशभर में जैन समाज के लोग इस बार रथयात्रा और भव्य पालकी यात्रा नहीं निकालेंगे। वे केवल अपने घरों पर जैन ध्वज लगाकर अहिसा का संदेश देंगे। महावीर जयंती का पूजन भी इस बार जैन श्रद्धालु अपने घरों पर ही करेंगे। सुबह 8:30 से 9:30 बजे तक सभी परिवार के साथ अपने घरों में भगवान महावीर का पूजन करेंगे अथवा 48 मिनट की समायिकी करेंगे। रात्रि में 7:00 से 7:30 तक परिवार के साथ भगवान महावीर की आरती करेंगे और फिर घरों को कम से कम पांच दीपक से दीप्तिमान किया जाएगा।


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