Mahapanchayat in Muzaffarnagar: किसान मजदूर महापंचायत में गूंजा-जो अन्न उगाएगा वहीं देश चलाएगा, रखी गई ये मांगें
Mahapanchayat in Muzaffarnagar हिंद मजदूर किसान समिति की राजकीय इंटर कालेज के मैदान में आज महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है। पंचायत स्थल पर मौजूद किसानों की भीड़ अभी भी लोग ट्रैक्टर ट्राली से पंचायत स्थल पर पहुंच रहे हैं।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। हिंद मजदूर किसान समिति के आह्वान पर राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान में किसान मजदूर महापंचायत हुई, जिसमें गन्ना मूल्य पंजाब और हरियाणा से अधिक घोषित करने की प्रदेश सरकार से मांग की गई। आध्यात्मिक किसान नेता चंद्रमोहन ने कहा कि इस महापंचायत पर सत्ता और विपक्ष दोनों की नजर हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश से गुंडाराज खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद, लेकिन गन्ना मूल्य 4 साल से नहीं बढ़ा इसके लिए दुख है। बिजली भरपूर मिल रही है इसके लिए धन्यवाद, लेकिन बिल बहुत ज्यादा आ रहा है इसके लिए दुख है। सड़के बनवाई इसके लिए धन्यवाद, लेकिन पेट्रोल डीजल के दाम बेतहाशा बढ़ाए गए इसके लिए दुख है। गौहत्या बंद हुई इसके लिए धन्यवाद, लेकिन बेसहारा गोवंश सड़कों पर घूम रहा है इससे दुखी हैं।
जो अन्न उगाएगा वहीं देश चलाएगा
उन्होंने कहा कि गन्ने की खेती किसान प्राचीन काल से करता आया है। भगवान राम ने भी गन्ने की खेती की थी। इसलिए किसान भगवान राम के वंशज हैं और गन्ना किसान का अपमान पाप है। कहा कि वैसे तो गन्ने का दाम 475 रुपये प्रति कुंतल होना चाहिए, लेकिन हरियाणा और पंजाब से अधिक तो होना ही चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान और मजदूर एक सिक्के के दो पहलू हैं। यदि किसान सुखी व संपन्न रहेगा तो मजदूर भी खुशहाल रहेगा। गोवंश की समस्या के निस्तारण के लिए गाय का गोबर 20 रुपये प्रति किलो सरकार को खरीदना चाहिए। इसके साथ ही हाईकोर्ट की बेंच मेरठ या मुजफ्फरनगर में होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि वह किसी पार्टी से नहीं जुड़ेंगे, लेकिन किसान मजदूर का अधिकार नहीं मरने देंगे। 75 सालों से किसान को बेवकूफ बनाया जा रहा है। एसी में रहने वाले वोट कम करते हैं, जबकि किसान मजदूर बंपर वोट करते हैं। इसके बावजूद उनकी चिंता नहीं की जाती, जो अफसोस जनक है। उन्होंने कहा कि जो अन्न उगाएगा वहीं देश चलाएगा। देश चलाना हल चलाने से कठिन नहीं है। यह बात स्वामी सहजानंद सरस्वती जी ने भी कहा था। किसान को अपने अधिकारों के लिए एकजुट होना होगा। जब तक किसान ठाकुर, जाट, गुर्जर, ब्राह्मण में बटा रहेगा अधिकार नहीं मिलेंगे। किसान चाहता है कि उसकी फसल का वाजिब मूल्य मिले। एमएसपी की गारंटी मूल अधिकार है। किसान हठ नहीं करते, लेकिन स्वाभिमान भी चाहिए।
यह है असली महापंचायत
गठवाला खाप के चौधरी राजेंद्र सिंह मलिक ने कहा कि असली किसान पंचायत आज हो रही है। 4 साल से गन्ने का मूल्य नहीं बढ़ाया गया। बिजली दरें आसमान छू रही हैं। बेसहारा गोवंश से किसान परेशान हैं। किसान मुख्यमंत्री का सम्मान करते हैं। राजा का विरोध विद्रोह है और हम विद्रोही नहीं हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील है कि वह किसानों की सुने और गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी की जाए।
ये मांगें उठाई
महापंचायत में किसान हित से जुड़ी कई मांगों को उठाया जाएगा। इनमें गन्ने का रेट बढ़ाने, समय पर भुगतान की सुविधा होने, मजदूरों व किसानों के लिए बिजली रेट आधे करने, बेसहारा पशुओं की समस्या का स्थायी समाधान होने, किसानों के 15 साल से अधिक पुराने ट्रैक्टरों पर प्रतिबंध न लगाने, किसान की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर खरीदी न जाने, आसान न्याय के लिए मेरठ में हाईकोर्ट बेंच स्थापना कराने, देश में विद्यार्थियों के लिये पढ़ाई, दवाई एक समान व साधन सहित फ्री कराने, मजदूर को काम और काम का उचित समय पर दाम का अधिकार होने, मजदूर को वृद्ध पेंशन दोगुनी मिलने आदि शामिल हैं।