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Meerut: एक दिन के लिए बदली किस्‍मत तो मेरठ में छात्रा बनी थानेदार, दो मामलों का फटाफट किया समाधान

एसओ की कुर्सी पर सुंदरी को बैठाया गया। पास में एसओ विजय गुप्ता और अन्य स्टाफ मौजूद रहा। सुंदरी की सहेली ज्योति और शिवानी को उनकी हमराह बनाया। छात्राओं को पुलिस की कार्यप्रणाली के बारे में बताया गया।

By Prem BhattEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 12:27 AM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 12:27 AM (IST)
Meerut: एक दिन के लिए बदली किस्‍मत तो मेरठ में छात्रा बनी थानेदार, दो मामलों का फटाफट किया समाधान
थानेदार बनकर कक्षा 12 की छात्रा ने दो मामलों का समाधान किया।

मेरठ, जेएनएन। नायक फिल्म में अनिल कपूर ने एक दिन का सीएम बनाकर सब कुछ बदल डाला था। शनिवार को कक्षा 12 की छात्रा सुंदरी रीयल लाइफ में एक दिन के लिए थानेदार बनीं। वह पूरा निजाम तो नहीं बदल सकती थीं, लेकिन दो परिवारों के विवाद जरूर निपटा दिए। वह घर से पैदल ही अपनी सहेली शिवानी और ज्योति के साथ थाना टीपीनगर पहुंची, जहां पुलिसकर्मियों ने उन्हें सलामी दी। इसके बाद तीनों ने अपना परिचय दिया।

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एसएसपी अजय साहनी की पहल पर श्री महावीर शिक्षक सदन इंटर कालेज की लड़कियों को टीपीनगर थाने में विजिट के लिए बुलाया गया। 'पुलिस रहित समाज' विषय पर सभी की निबंध प्रतियोगिता कराई गई। प्रतियोगिता में मलियाना की कक्षा दस की छात्रा सुंदरी अव्वल रहीं। इसके बाद सुंदरी को एक दिन का थाना प्रभारी बना दिया। बाकायदा एसओ की कुर्सी पर सुंदरी को बैठाया गया। पास में एसओ विजय गुप्ता और अन्य स्टाफ मौजूद रहा। सुंदरी की सहेली ज्योति और शिवानी को उनकी हमराह बनाया। छात्राओं को पुलिस की कार्यप्रणाली के बारे में बताया गया।

थानेदार की कुर्सी पर बैठीं सुंदरी ने कहा, मुझे आज अत्यंत गर्व महसूस हो रहा है। आइपीएस बनने का मेरा सपना है। मैं अब और मेहनत व लगन से सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी करूंगी। यहां मुझे पुलिस की कार्यप्रणाली जानने का मौका मिल रहा है। यह भी समझ में आया है कि पुलिस किन हालातों में अपनी जिम्मेदारी पूरी करती है। सुंदरी ने बताया कि लड़कियों के दिल-ओ-दिमाग से अपराधियों का खौफ निकालने के लिए पुलिस की यह पहल अच्छी है। बताया कि मैं पढ़ाई के दौरान भी अन्य बेटियों को मनचलों के खौफ से मुक्ति दिलाऊंगी।

हमने 'कम्युनिटी पुलिसिंग' को ध्यान में रखकर यह पहल की है। सुंदरी को किसी तरह के अधिकार नहीं दिये गए थे, लेकिन उसने थानेदार की भूमिका में पुलिस की कार्यप्रणाली के बारे में काफी कुछ सीखा है। एफआइआर दर्ज करने, पीसीआर और 1090 नंबर की कार्यप्रणाली के बारे में बताया गया। रजिस्टर नंबर चार में अपराध दर्ज करने, हिस्ट्रीशीटर बनाने और रासुका लगाने की प्रक्रिया भी सुंदरी को बताई गई। -अजय साहनी, एसएसपी

फुटबाल चौक पर काटे चालान

टीपीनगर थाने के एसओ विजय गुप्ता ने बताया कि फुटबाल चौराहे पर बिना हेलमेट बाइक चलाने वालों के भी सुंदरी की अगुवाई में चालान काटे गए। कुछ वाहन चालकों से जुर्माना भी वसूला गया। फुटबाल चौक पर अतिक्रमण कर रहे आटो चालकों को भी साइड किया गया। सुंदरी के साथ-साथ टीपीनगर पुलिस भी चल रही थी। अंत में सुंदरी को पुलिस जीप से घर तक भेजा गया। थाने से फुटबाल चौक पर भी सुंदरी पुलिस जीप में सवार होकर गई थी।

कौन हैं सुंदरी

मेरठ के मलियाना थाना टीपीनगर में एक साधारण परिवार में सुंदरी रहती हैं। इनके पिता मजदूरी का काम करते हैं। इनकी पढ़ाई श्री महावीर शिक्षक सदन इंटर कालेज जैन नगर से चल रही है। हाईस्‍कूल में इन्‍होंने 73.5 फीसद अंक प्राप्त किए था। परिवार में एक बहन और दो भाई हैं।

ये विवाद निपटाया

मलियाना में सड़क पर मकान का छज्जा निकालने पर दो युवकों में मारपीट हो गई। दोनों पक्ष थाने पहुंचे। एक का आरोप था कि दूसरा पक्ष मकान का छज्जा सड़क पर निकाल रहा है, जबकि दूसरे का आरोप था कि सड़क पर उसका आटो खड़ा होता है। सुंदरी ने निर्णय किया कि सड़क पर न आटो खड़ा होगा और न ही छज्जा निकलेगा। दोनों ने इसे स्वीकार कर समझौता कर लिया। शिव विहार की रहने वाली महिला ने पति पर मारपीट का आरोप लगाया था। बेबाकी से सुंदरी ने दंपती को समझाकर विवाद को निपटा दिया।


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