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मैडम जरा संभलिए...आपके फेफड़ों पर कैंसर की है काली नजर,जानिए कारण Meerut News

एनसीआर की महिलाओं में अब फेफड़ों का कैंसर तेजी से बढ़ रहा है। वायु प्रदूषण स्मोकिंग पैसिव स्मोकिंग एवं इनडोर प्रदूषण से यह खतरा लगातार बढ़ रहा है।

By Ashu SinghEdited By: Published: Tue, 02 Jul 2019 11:14 AM (IST)Updated: Tue, 02 Jul 2019 11:14 AM (IST)
मैडम जरा संभलिए...आपके फेफड़ों पर कैंसर की है काली नजर,जानिए कारण Meerut News
मैडम जरा संभलिए...आपके फेफड़ों पर कैंसर की है काली नजर,जानिए कारण Meerut News
मेरठ, [संतोष शुक्ल]। एनसीआर की महिलाएं नए खतरे में घिर रही हैं। उनका फेफड़ा दगा दे रहा है। अब तक जहां महिलाओं में ब्रीस्ट, सर्विक्स, ओवरी और थायरायड कैंसर ज्यादा था, वहीं अब फेफड़ों का कैंसर तेजी से बढ़ रहा है। वायु प्रदूषण, स्मोकिंग, पैसिव स्मोकिंग एवं इनडोर प्रदूषण से यह खतरा बढ़ा है।
महिलाओं के फेफड़े हो रहे बेदम
इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च ने 2015 से 2020 के बीच छह प्रकार के कैंसरों के रिस्क फैक्टर पर रिपोर्ट बनाई। पुरुषों और महिलाओं में होने वाले विभिन्न प्रकार के कैंसरों की जानकारी दी गई है। एनसीआर में पीएम-2.5 और पीएम-10 की मात्रा, खतरनाक रासायनिक गैसें, धूमपान, औद्योगिक चिमनियों एवं शहरी क्षेत्रों में कचरा जलाने से लंग्स कैंसर करीब 48 फीसद बढ़ा है। जबकि पुरुषों में 30 फीसद वृद्धि हुई है। महिलाओं एवं बच्चों के फेफड़ों की ताकत भी कम होती है। भोजन पकाने के दौरान महिलाएं धुएं के संपर्क में ज्यादा रहती हैं।
गाल ब्लैडर कैंसर बन रहा घातक
महिलाओं में ब्रीस्ट कैंसर सबसे ज्यादा कामन है। सर्विक्स-यानी गर्भाशय के मुंह का कैंसर ह्यूमन पेपीलोमा वायरस समेत अन्य कारणों से ज्यादा मिल रहा है। कम उम्र में मां बनने, बार-बार गर्भपात एवं संक्रमण की वजह से सर्विक्स कैंसर का खतरा बना है। पित्ताशय की थैली यानी गाल ब्लैडर का कैंसर पांच वर्ष में महिलाओं में 50 फीसद बढ़ गया है। नान कम्युनिकेबल डिसीज कंट्रोल प्रोग्राम के अंतर्गत डफरिन जिला महिला चिकित्सालय में स्क्रीनिंग में भी कई महिलाओं में कैंसर मिला है।

कुछ यूं बढ़ रहा महिलाओं में कैंसर
2015 से 2020 के बीच का आंकड़ा
कैंसर का प्रकार बढ़ोत्तरी (फीसद में)
फेफड़ा        47.3
ब्रीस्ट         34
सर्विक्स      6.2
ओवरी        31
थायरायड    21.3
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
प्रदूषित हवा और धूमपान के जरिए फेफड़े में पहुंचने वाले दर्जनों रसायन कैंसर के कारण हैं। फेफड़े में कैंसर होने से नजदीकी अंग लीवर की भी गतिविधि बिगड़ती है। महिलाओं में गॉल ब्लैडर और फेफड़ों का कैंसर बढ़ा है। प्रथम स्टेज में पता चले तो दवाएं और बाद में आपरेशन करना पड़ता है।
- डा.अमित जैन, कैंसर रोग विशेषज्ञ, वेलेंटिस
कैंसर मरीजों की तादाद 2020 तक 30 फीसद ज्यादा होगी। महिलाओं में लंग्स व पित्ताशय की थैली के तेजी से बढ़ते कैंसर हैं। बच्चे कम पैदा होने से सर्विक्स का खतरा घटेगा। तीन सप्ताह तक खांसी आना, सांस में सीटी जैसी दिक्कत, वजन गिरना, भूख खत्म होना व खांसी में खून लंग्स कैंसर के लक्षण हैं।
- डा.सुभाष सिंह, प्रोफेसर, कैंसर रोग विभाग, मेडिकल कालेज
वाहनों के प्रदूषण से 30 फीसद लोगों के फेफड़ों की ताकत घटी है। इनडोर प्रदूषण का भी विषाक्त असर होता है। हवा में बेंजीन व फार्मेल्डिहाइड की मात्र बढ़ना खतरनाक है। पेड़ों की कटान से कई स्थानों पर आक्सीजन की कमी होना भी घातक है। खांसी के साथ वजन गिरना खतरनाक है।
- डा.बीएन सतपथी, कैंसर रोग विशेषज्ञ, केएमसी 

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