गर्मी में इस बार नहीं सताएगी लो वोल्टेज की समस्या
गर्मी में इस बार लो वोल्टेज का सामना नहीं करना पड़ेगा। आइपीडीएस के तहत कुल 18 बिजलीघर और डीडीयूजीजेवाई से सात बिजलीघर नए बनाए गए हैं।
By Ashu SinghEdited By: Published: Fri, 22 Mar 2019 01:33 PM (IST)Updated: Fri, 22 Mar 2019 01:33 PM (IST)
मेरठ,जेएनएन। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 में नए बिजलीघरों का निर्माण, उपकेंद्रों की क्षमता वृद्धि और विद्युत लाइनों की क्षमता बढ़ाने का कार्य किया गया है। इससे उम्मीद की जा रही है कि इस बार गर्मी में लो-वोल्टेज और लोड बढ़ने से बार-बार होने वाले फाल्ट से उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।
बढ़ाई गई क्षमता
वित्तीय वर्ष 2018-19 में शहर के लिए इंटीग्रेटेड पावर डवलपमेंट स्कीम (आईपीडीएस) और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) के तहत विद्युत सुधार के कार्य किए गए हैं। आइपीडीएस के तहत कुल 18 बिजलीघर और डीडीयूजीजेवाई से सात बिजलीघर नए बनाए गए हैं। जबकि 21 उपकेंद्रों की क्षमता वृद्धि की गई है। विद्युत लाइनें भी नई डाली गई हैं। करीब 450 किमी. नई एलटी लाइन और 11 केवी विद्युत लाइन लगभग 83 किमी. डाली गई है। वितरण परिवर्तक और नए ट्रांसफार्मर स्थापित करने का कार्य भी हुआ है।
पुराने बिजलीघर के उपभोक्ता शिफ्ट
जनपद के खिवाई, रेसना, पांवली, पल्लवपुरम-तृतीय, जाहिदपुर, गगोल-द्वितीय, मलियानाद्वितीय,सिवालखास, खंडोली, हापुड़ रोड-द्वितीय, परीक्षितगढ़ समेत शहर में माधवपुरम-द्वितीय, रामलीला ग्राउंड, शास्त्रीनगर, सूरजकुंड, मेडिकल-द्वितीय बिजलीघरों के निर्माण से बिजली आपूर्ति बेहतर होगी। नए बिजलीघरों के निर्माण से पुराने बिजलीघरों के उपभोक्ताओं को शिफ्ट किया जा रहा है। इससे गर्मी के दिनों में लोड बढ़ने और लो-वोल्टेज की परेशानी से निजात मिलेगी। उल्लेखनीय है कि गर्मी में बिजली की डिमांड बढ़ते ही विद्युत लाइनों का फाल्ट होने,ट्रांसफार्मर फेल होने और लो-वोल्टेज की समस्या बनी रहती थी।
इनका कहना है
नए बिजलीघरों का निर्माण कर लिया गया है। शहर में पांच बिजलीघरों पर करीब बीस हजार उपभोक्ताओं को नए बिजलीघरों से जुड़ने से फायदा हुआ है। उम्मीद है कि लो-वोल्टेज,ट्रांसफार्मर फेल होने की स्थिति अब कम बनेगी।
- संजीव राणा,अधीक्षण अभियंता,मेरठ शहर,पीवीवीएनएल
बढ़ाई गई क्षमता
वित्तीय वर्ष 2018-19 में शहर के लिए इंटीग्रेटेड पावर डवलपमेंट स्कीम (आईपीडीएस) और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) के तहत विद्युत सुधार के कार्य किए गए हैं। आइपीडीएस के तहत कुल 18 बिजलीघर और डीडीयूजीजेवाई से सात बिजलीघर नए बनाए गए हैं। जबकि 21 उपकेंद्रों की क्षमता वृद्धि की गई है। विद्युत लाइनें भी नई डाली गई हैं। करीब 450 किमी. नई एलटी लाइन और 11 केवी विद्युत लाइन लगभग 83 किमी. डाली गई है। वितरण परिवर्तक और नए ट्रांसफार्मर स्थापित करने का कार्य भी हुआ है।
पुराने बिजलीघर के उपभोक्ता शिफ्ट
जनपद के खिवाई, रेसना, पांवली, पल्लवपुरम-तृतीय, जाहिदपुर, गगोल-द्वितीय, मलियानाद्वितीय,सिवालखास, खंडोली, हापुड़ रोड-द्वितीय, परीक्षितगढ़ समेत शहर में माधवपुरम-द्वितीय, रामलीला ग्राउंड, शास्त्रीनगर, सूरजकुंड, मेडिकल-द्वितीय बिजलीघरों के निर्माण से बिजली आपूर्ति बेहतर होगी। नए बिजलीघरों के निर्माण से पुराने बिजलीघरों के उपभोक्ताओं को शिफ्ट किया जा रहा है। इससे गर्मी के दिनों में लोड बढ़ने और लो-वोल्टेज की परेशानी से निजात मिलेगी। उल्लेखनीय है कि गर्मी में बिजली की डिमांड बढ़ते ही विद्युत लाइनों का फाल्ट होने,ट्रांसफार्मर फेल होने और लो-वोल्टेज की समस्या बनी रहती थी।
इनका कहना है
नए बिजलीघरों का निर्माण कर लिया गया है। शहर में पांच बिजलीघरों पर करीब बीस हजार उपभोक्ताओं को नए बिजलीघरों से जुड़ने से फायदा हुआ है। उम्मीद है कि लो-वोल्टेज,ट्रांसफार्मर फेल होने की स्थिति अब कम बनेगी।
- संजीव राणा,अधीक्षण अभियंता,मेरठ शहर,पीवीवीएनएल
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