लापरवाही : ठेकेदारों की उदासीनता से निगम को आर्थिक चोट, करोड़ों का नुकसान Meerut News
सामान्य ठेकेदारों ने पंजीकरण ही नहीं कराया है। साथ ही बीओटी ठेकेदारों ने प्रीमियम राशि भी जमा नहीं की। अब स्थिति यह है कि नगर निगम को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ गया।
मेरठ, जेएनएन। विज्ञापन मद में नगर निगम को करोड़ों का नुकसान हुआ है। लॉकडाउन के चलते सामान्य विज्ञापन ठेकेदारों ने पंजीकरण का नवीनीकरण ही नहीं कराया तो बीओटी ठेकेदारों ने भी प्रीमियम राशि जमा नहीं की। नगर निगम को हर साल विज्ञापन मद से पंजीकरण और बीओटी प्रीमियम से लगभग एक करोड़ की आय होती है।
इस साल फरवरी में ही नगर निगम ने ठेकेदारों के पंजीकरण और नवीनीकरण के लिए विज्ञापन जारी किया था। इसकी अंतिम तिथि 31 मार्च थी, लेकिन 22 मार्च से लॉकडाउन शुरू हो गया। इसके बाद विज्ञापन एजेंसियों ने हाथ खड़े कर दिए। अब नगर निगम ने पंजीकरण व नवीनीकरण की तिथि 31 मई तक बढ़ा दी।
विज्ञापन ठेकेदारों से फोन पर भी संपर्क किया जा रहा है। इसके बावजूद 20 मई तक एक भी विज्ञापन एजेंसी ने आवेदन नहीं किया है। जिससे लगभग सामान्य विज्ञापन मद में करीब 60 लाख रुपये का नुकसान हुआ। नए ठेकेदारों ने भी विज्ञापन के लिए रूचि नहीं दिखाई है। इसी तरह बीओटी ठेकेदारों ने भी अभी तक प्रीमियम राशि जमा नहीं की है। बीओटी में दो ठेकेदार हैं। इसमें एक के जिम्मे 17 चौराहे हैं और दूसरे ठेकेदार ने छह मार्गो पर विज्ञापन का ठेका ले रखा है। प्रीमियम राशि के रूप में लगभग 30 लाख रुपये की आय निगम को होती है। इस बार अभी तक यह राशि भी नहीं मिल पाई है। अहम बात यह है कि अवैध होर्डिंग्स से पूरा शहर अटा पड़ा है।
नगर आयुक्त के निर्देश पर भी नहीं शुरू हुई कार्रवाई
नगर निगम में पिछले साल छह ठेकेदार पंजीकृत थे। नवीनीकरण न होने से अब शहर में लगे होर्डिंग्स अवैध हो गए हैं। एक सप्ताह पहले नगर आयुक्त डॉ. अरविंद कुमार चौरसिया ने विज्ञापन प्रभारी नरङ्क्षसह राणा को निर्देश दिया था कि प्रवर्तन दल को लगाकर अवैध होर्डिंग हटाए जाएं। इसके बावजूद अभी तक कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई है।
शहर में अवैध होर्डिंग्स और बोर्ड उतारे जा रहे हैं। बुधवार को बच्चा पार्क के पास से अवैध बोर्ड उतारे हैं। ठेकेदारों को भी पंजीकरण और नवीनीकरण नहीं कराने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। -नरसिंह राणा, विज्ञापन प्रभारी, नगर निगम