LockDown Effect: काली और हिंडन का पानी जांचेगा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, औद्योगिक इकाइयां अभी है बंद Muzzaffarnagar News
अब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने लॉकडाउन के प्रभाव को देश में देखते हुए हिंडन और काली नदी के पानी की जांच करने की योजना बना रही है। लॉकडाउन के दौरान नदियों का पानी साफ हुआ है।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। लॉकडाउन में पर्यावरण की हालत में सुधार हुआ है। नदियों का पानी कितना साफ हुआ है, इसकी जांच की जाएगी। जिले की सीमा से गुजर रही शुकतीर्थ में बाणगंगा, काली वेस्ट और हिंडन नदी के पानी की जांच होगी। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नदियों की अप और डाउन स्तर पर जांच कर रिपोर्ट तैयार करेगा। इसके लिए पानी के नमूने उठाए गए हैं।
जनपद में वायु प्रदूषण की स्थिति काफी सुधरी है। अब जल प्रदूषण पर कड़ी नजर रखी जा रही है। उत्तराखंड से निकलकर बह रही शुकतीर्थ में बाणगंगा में हरिद्वार क्षेत्र के लक्सर से औद्योगिक इकाइयों का पानी डलता है। शुकतीर्थ में सलौनी, बाणगंगा के पानी के नमूने लिए गए हैं। इसके साथ ही जनपद की सीमा में निकल रही काली वेस्ट और हिंडन की भी जांच होगी। दोनों नदियों में धंधेड़ा नाला से औद्योगिक इकाइयों का दूषित जल पहुंचता है। अब इकाइयां बंद है, लेकिन घरेलू सीवेज का पानी नदियों में डाला जा रहा है। इसको लेकर संशय बना है।
इन तत्वों की होगी जांच
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड काली वेस्ट और हिंडन नदी के पानी में बायो ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी), केमिकल ऑक्सीजन डिमांड (सीओडी), डिसॉल्वड ऑक्सीजन (डीओ) के साथ पानी की हार्डनेस की जांच करेगा। पानी में जलीय जीवों के लिए सबसे अधिक डीओ की आवश्यकता होती है। यह शून्य मिली तो जलीय जीव नहीं पनप सकेंगे।
इन नालों का गिरता है पानी
पालिका के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से दूषित नालों के पानी का शुद्धिकरण होता है। उसके बाद नदियों में डाला जाता है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट से एसटीपी के संचालन की भी तस्वीर साफ होगी। सहावली, नई मंडी, न्याजुपुरा, रामलीला टिल्ला, लद्दावाला, वेस्ट जोन, शामली रोड नाला, खादरवाला, कृष्णापुरी, सुजडू गांव का नाला, नई बस्ती, खालापार, बेगराजपुर नाला आदि का पानी नदियों में गिरता है।
उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एएसओ डा. डीसी पांडेय ने कहा कि नदियों से पानी के नमूने लिए गए हैं। लैब में जांच के बाद रिपोर्ट तैयार होगी। फिलहाल पानी को देख अंदाजा लगाया जा सकता है कि लॉकडाउन में नदियों के पानी में सुधार हुआ है।