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प्लेटलेट ज्यादा नहीं गिरी, पर लिवर हो रहा फेल

डेंगू मरीजों की संख्या एक हजार पार कर गई लेकिन इस बार वायरस का निशाना लिवर और पैंक्रियाज पर है। प्लेटलेट व बीपी ज्यादा नहीं गिर रहा लेकिन मरीजों का लिवर क्षतिग्रस्त होने के साथ ही प्रैंक्रियाज में सूजन मिली।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Oct 2021 07:22 AM (IST)Updated: Sat, 23 Oct 2021 07:22 AM (IST)
प्लेटलेट ज्यादा नहीं गिरी, पर लिवर हो रहा फेल

मेरठ, जेएनएन। डेंगू मरीजों की संख्या एक हजार पार कर गई, लेकिन इस बार वायरस का निशाना लिवर और पैंक्रियाज पर है। प्लेटलेट व बीपी ज्यादा नहीं गिर रहा, लेकिन मरीजों का लिवर क्षतिग्रस्त होने के साथ ही प्रैंक्रियाज में सूजन मिली। डाक्टरों ने बताया कि सिर्फ सीबीसी नहीं, बल्कि लिवर के एंजाइमों की भी जांच कराएं। कई मरीजों में एसजीपीटी-एसजीओटी 20 हजार से ज्यादा मिली।

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मेरठ में डेंगू के मरीजों की संख्या एक हजार पार कर चुकी है। सवा सौ मरीजों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। चिकित्सकों ने बताया कि डेंगू का वायरस कमजोर पड़ा है, क्योंकि इस बार शाक सिंड्रोम के मरीज नहीं हैं। मरीजों के बीपी में खास गिरावट नहीं है। इस बार स्किन पर चकत्ते भी नहीं बन रहे हैं। प्लेटलेट गिर तो रही है, लेकिन ज्यादा नहीं। मरीजों में प्लेटलेट का आंकड़ा 50 हजार से ज्यादा बना हुआ है। हालांकि मेडिकल कालेज एवं जिला अस्पताल की रिपोर्ट बताती है कि बड़ी मात्रा में प्लेटलेट बनाई जा रही है। मरीजों को हेमरेजिक डेंगू से बचाने के लिए प्लेटलेट जल्द चढ़ा दी जा रही। लेकिन एक्यूट लिवर फेल्योर का रिस्क ज्यादा मिल रहा है। वायरल इंफेक्शन में लिवर, किडनी व लंग्स पर भी असर पड़ता है। ये हैं डेंगू के लक्षण

-ठंड के साथ तेज बुखार व बदन का टूटना

-आंखें पूरी तरह लाल

-बीपी में हल्की सी गिरावट

-आंखों के पिछले हिस्से में दर्द इनका कहना-

इस बार डेंगू बीपी और प्लेटलेट ज्यादा नहीं गिरा रहा। लेकिन लिवर के एंजाइम खतरनाक स्तर तक बढ़े मिले हैं। मरीज का लिवर फंक्शन टेस्ट, डेंगू सीरोलोजी एवं यूरिन क्रिटनिन की जांच जरूरी है। ठंडक के साथ तेज बुखार और बदन टूटे तो सतर्क हो जाएं।

डा. अमिताभ गौतम, फिजीशियन, केएमसी डेंगू बुखार व प्लेटलेट तक सीमित नहीं। कई मरीजों में एक्यूट हेपेटाइटिस व प्रैंक्रियाज में सूजन मिल रही है। पेट, लंग्स व गाल ब्लैडर में पानी भरने के भी लक्षण हैं। एसजीपीटी-एसजीओटी की जांच बेहद जरूरी है। एंजाइम बढ़ा मिले तो लापरवाही न करें, यह जानलेवा है।

डा. सत्यार्थ चौधरी, पेट एवं उदर रोग विशेषज्ञ


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