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कताई मिल के अधिग्रहण पर छह माह से झूठ पर झूठ

गत वर्ष लखनऊ में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट के बावजूद मेरठ निवेश की राह पर एक इंच भी क्यों नहीं बढ़ सका इसकी वजह उद्योग मंत्री सतीश महाना के सामने शुक्रवार को साफ हो गई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Jun 2019 03:00 AM (IST)Updated: Sat, 08 Jun 2019 06:27 AM (IST)
कताई मिल के अधिग्रहण पर छह माह से झूठ पर झूठ
कताई मिल के अधिग्रहण पर छह माह से झूठ पर झूठ

मेरठ, जेएनएन : गत वर्ष लखनऊ में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट के बावजूद मेरठ निवेश की राह पर एक इंच भी क्यों नहीं बढ़ सका, इसकी वजह उद्योग मंत्री सतीश महाना के सामने शुक्रवार को साफ हो गई। मंत्री ने आइआइए हाल में चार जिलों के अधिकारियों की क्लास ली। सभी विभाग एक दूसरे के सिर पर ठीकरा फोड़ते नजर आए। नई औद्योगिक नीति को लेकर अधिकारी भ्रमित दिखे और उद्यमी निराश। परतापुर कताई मिल को लेकर यूपीएसआइडीसी ने जिलाधिकारी को भी भ्रम में रखा, जिसकी कलई मंत्री के सामने ही खुल गई। मंत्री ने आगाह किया कि जो अधिकारी नियमों की आड़ में पीछा छुड़ाते हैं, वो अब घर बैठेंगे।

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कताई मिल नहीं..फुटबाल है ये

परतापुर कताई मिल की 89 एकड़ जमीन के अधिग्रहण की कवायद सालभर से चल रही है, किंतु इसकी कलई मंत्री के सामने खुल गई। प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास के पूछने पर डीएम अनिल ढींगरा ने साफ किया कि यूपीएसआईडीसी पांच माह से कताई मिल का मसला कैबिनेट में विचाराधीन बता रही है। मंत्री ने आरएम सतीश चंद को फटकारते हुए कहा कि आरएम कताई मिल के बारे में किस आधार पर जानकारी दे रहे हैं जो उनके एमडी यूपीएसआइडीसी को भी पता नहीं है। कताई मिल में जहां औद्योगिक प्लाट बनाने की बात चल रही है, वहीं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत ने स्पो‌र्ट्स कालेज का प्रस्ताव दिया है। कुल मिलाकर सूत निगम ने कताई मिल को किसी को हैंडओवर नहीं किया है।

उद्यमी ग्रुप बनाकर विकसित करें प्लॉट

प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास ने रामपुर के उत्तराखंड से सटे एक औद्योगिक सेक्टर का हवाला देते हुए कहा कि वहां उद्यमी ग्रुप बनाकर कृषि भूमि को एक्ट के माध्यम से औद्योगिक प्लाट बना चुके हैं। विलासपुर में 250 एकड़ जमीन पर इंडस्ट्री पार्क बन गया। मेरठ में भी उद्यमी ऐसा प्रयास कर सकते हैं।

दो लाख लीटर की टंकी पास

आइआइए के चेयरमैन अतुल भूषण गुप्ता ने कहा कि नगर निगम एवं विकास प्राधिकरण उद्योगों में सफाई व कोई विकास कार्य नहीं करते। उद्योग मंत्री ने औद्योगिक क्षेत्रों में जल निकासी व सफाई दुरुस्त करने और मोहकमपुर फेज दो में सालभर से पहले दो लाख लीटर की टंकी चालू कराने का आदेश दिया। निगम ने बताया कि टैक्स का 60 फीसद सफाई पर खर्च हो रहा है। 13 करोड़ का प्रस्ताव भेजा है। मंत्री ने एमडीए से कहा कि नक्शा आसानी से पास करें। आइआइए के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने कहा कि 150 ट्रांसफार्मर रिपेयरिग इकाइयां बंद होने जा रही हैं, क्योंकि पावर कारपोरेशन अपने ट्रांसफार्मर खुद रिपेयर कर रहा है। इससे बेरोजगारी बढ़ेगी। उद्यमी कमल ठाकुर ने कहा कि वाहृय विकास शुल्क जमीन की मूल खरीद से ज्यादा वसूला जाएगा तो इंडस्ट्री कैसे लगेगी।

निर्यातकों को नहीं मिल रहा जीएसटी रिटर्न

उद्यमियों ने कहा कि मेरठ में करीब 40 निर्यातकों का जीएसटी रिटर्न नहीं मिला है। जीएसटी से आए अधिकारी ने बताया कि 781 में से 698 आवेदनों का निस्तारण करते हुए करीब 75 करोड़ का रिफंड मिल चुका है। मंत्री ने कहा कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी जीएसटी को लेकर मीटिंग की थी, जिसमें कई बातें साफ हुई। स्टेट जीएसटी के लिए डीएम भी समाधान करेंगे। हापुड़, बुलंदशहर, बागपत एवं मेरठ के उद्यमियों ने तमाम प्रश्न पूछे। क्रिकेट इंडस्ट्री ने काश्मीर विलो की आपूर्ति के संकट का सवाल उठाया। यह प्रश्न मंत्री ने सांसद की ओर मोड़ दिया। उद्योग मंत्री सतीश महाना ने विकास प्राधिकरण, फायर, नगर निगम, यूपीएसआइडीसी, पावर एवं अन्य विभागीय अधिकारियों से साफ कहा कि वे निवेशकों को तत्परता से एनओसी दें। मंडलायुक्त अनीता मेश्राम, डीएम अनिल ढींगरा समेत कई अन्य उपस्थित रहे। कैबिनेट मंत्री को सांसद ने भी दिया ज्ञापन

मेरठ : प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना को शुक्रवार को सांसद राजेंद्र अग्रवाल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी समेत दर्जनों संगठनों ने भी ज्ञापन सौंपा। सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने औद्योगिक विकास मंत्री को बताया कि मोहकमपुर, धीरखेड़ा, परतापुर क्षेत्रों में सड़क, बिजली व पानी की दिक्कत है। हापुड़ में कोई विकसित क्षेत्र नहीं है। मेरठ में कंटेनर डिपो फिर से शुरू करने की जरूरत है। प्रदेश सरकार द्वारा एक जिला एक उत्पाद में खेलकूद उद्योग चुना गया, किंतु बल्ले बनाने के लिए काश्मीर विलो का संकट बना हुआ है। उद्यमी कमल ठाकुर ने मंत्री को दिए ज्ञापन में कहा कि इन्वेस्टर्स समिट में 61 कंपनियों ने एमओयू किया, लेकिन उद्योगों का मानचित्र पास करने में वाह्य विकास शुल्क की गणना नियमानुसार नहीं की जाती है। कमल ने कहा कि तकनीक शिक्षा, हाइटेक टाउनशिप, होटल का वाहृय विकास शुल्क माफ है तो इंडस्ट्री की क्यों नहीं? भाजपा नेता विनीत शारदा ने सर्किट हाउस में मिलकर ज्ञापन दिया। उन्होंने हवाई पट्टी के निर्माण, हैंडलूम, स्पो‌र्ट्स, कृषि यंत्र व बैंडबाजा का क्लस्टर, बल्लों के लिए काश्मीर विलो समेत कई अन्य मांगें रखीं।


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