Earthworm farming : बीटेक की नौकरी छोड़ केंचुओं की 'इंजीनियरिंग' से जला रहीं कई घरों के चूूल्हे, पढ़े इनकी सफलता की कहानी
25 वर्ष की पायल ने इंजीनियरिंग की। उन्होंने मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी के बजाय ऐसा काम करने का ख्वाब देखा जिससे कुछ और घरों के भी चूल्हे जल जाएं।
विनय विश्वकर्मा, मेरठ। खुद को स्वाबलंबी बनाना बेशक महत्वपूर्ण और जरूरी है लेकिन किसी व्यक्ति विशेष के स्वाबलंबन से कुछ अन्य लोगों को भी रोजी मिल जाए तो क्या कहने। यह वक्त की जरूरत भी है और सरकार की अपेक्षा भी। 25 वर्ष की पायल ने इंजीनियरिंग की। उन्होंने मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी के बजाय ऐसा काम करने का ख्वाब देखा, जिससे कुछ और घरों के भी चूल्हे जल जाएं। पैतृक जमीन नहीं थी, लिहाजा किराये पर कृषि भूमि लेकर एक किलो केंचुए से खाद बनाने का काम शुरू किया। मेहनत रंग लाई। आज उनका अच्छा खासा काम है। उनकी बदौलत अन्य बेकाम हाथों को भी काम मिल गया। कोरोना काल में भी अच्छा मुनाफा कमाने के साथ युवाओं को भी प्रेरणा दे रही हैं। उप्र के अलावा हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड व महाराष्ट्र आदि राज्यों में किसानों को प्रेरित करके दर्जनभर यूनिट स्थापित करा चुकी हैं।
ऐसे हुई शुरुआत
मेरठ के सदर बाजार क्षेत्र निवासी साधारण परिवार की पायल अग्रवाल का शुरू से ही कुछ बड़ा करने का सपना था। 2016 में बीटेक किया। कई ऑफर मिले, लेकिन उन्होंने नौकरी को प्राथमिकता नहीं दी। पायल बताती हैं कि वह घर पर अपने गार्डन के लिए केंचुआ खाद बनाती थीं लेकिन बाद में इसी को व्यावसायिक रूप देने का मन बनाया। एक बार राजस्थान घूमने गईं तो वहां से एक किलो केंचुआ खाद खरीद लाईं। बस, यहीं से स्टार्टअप मिला और ग्रीन अर्थ आर्गेनिक संस्था बनाकर रजपुरा ब्लाक के दतावली गांव में एक एकड़ जमीन में केंचुआ खाद बनानी शुरू कर दी। मां लतिका अग्रवाल भी उन्हें इस कार्य में प्रोत्साहन देती हैं। उनके इस काम से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से 35-40 लोग जुड़े हैं।
दो माह में तैयार होती है 50 टन खाद
वह दो माह में औसतन 50 टन केंचुआ खाद तैयार करती हैं। करीब ढ़ाई रुपये प्रति किलो लागत आती है जबकि बिक्री पांच रुपये किलो तक होती है। कहती हैं, केंचुआ खाद धरती और फसलों के लिए वरदान है। बदलते दौर में केंचुआ खाद ही फसलों में प्रयोग करनी चाहिए। वह किसानों को रासायनिक खाद के दुष्प्रभावों के प्रति भी जागरूक भी करती हैं। पायल के ऑनलाइन वीडियो को लाखों लोग देख चुके हैं।