शहर छोड़िए अब तो डंपिंग ग्राउंड में भी जल रहा कूड़ा
कूड़ा जलाने को लेकर भले ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नगर निगम को एनजीटी के निर्देशों का हवाला दे रहा है लेकिन कूड़ा जलने की प्रवृत्ति शहर में रुक नहीं रही है। बुधवार को तो हैरान करने वाली तस्वीर सामने आई।
मेरठ, जेएनएन : कूड़ा जलाने को लेकर भले ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नगर निगम को एनजीटी के निर्देशों का हवाला दे रहा है, लेकिन कूड़ा जलने की प्रवृत्ति शहर में रुक नहीं रही है। बुधवार को तो हैरान करने वाली तस्वीर सामने आई।
शहर छोड़िए..लोहिया नगर स्थित कूड़ा डंपिंग स्थल पर कूड़ा जल रहा था। शाम पांच बजे कूड़े में भयंकर आग लगी हुई थी। वातावरण में धुंए का गुबार था। लेकिन कूड़े की आग बुझाने के लिए मौके पर नगर निगम का कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था। जबकि कूड़ा डंपिंग स्थल पर जेसीबी से लेकर कूड़ा गाड़ियां तक मौजूद थीं। वहीं, बिजली बंबा बाईपास किनारे खड़ी घास में किसी ने आग लगा दी। जिससे करीब दो घंटे तक घास जलती रही। वायु प्रदूषण के स्तर को रोकने के दावे के बीच शहर की फिलहाल यही स्थिति है। माधवपुरम सेक्टर तीन में कूड़ेदान में लगी आग को नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गजेंद्र सिंह ने निरीक्षण के दौरान पकड़ा। सफाई नायक हरि नारायण को बुलाकर आग बुझावायी और निर्देश दिया कि निगरानी कर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। लेकिन लोहिया नगर में जलते कूड़े की खबर से वे भी बेखबर रहे। उनका कहना है कि जानबूझ कर कूड़े में आग लगाई जा रही है ताकि नगर निगम की छवि धूमिल की जा सके।
प्रदूषण .. जलाने की बजाय गन्ने की पत्तियों को खेत में करें मल्चिंग
मेरठ, जेएनएन : खेत में गन्ने की छिलाई के बाद एकत्र हुई सूखी पत्तियों को पेड़ी प्रबंधन के अंतर्गत दो पंक्तियों के बीच मल्चिंग (मिश्रित) करना मृदा के लिए लाभदायी है। इससे खेत की मृदा की उर्वरा शक्ति में बढ़ती है।
उप गन्ना आयुक्त राजेश मिश्र व जिला गन्ना अधिकारी डॉ. दुष्यंत कुमार ने किसानों से गन्ने की सूखी हुई पत्तियों को न जलाने की अपील की है। उनका कहना है कि पत्तियों की मल्चिंग से एक ओर जहां खेती की नमी बरकरार रहती है, वहीं मृदा की उर्वरा शक्ति में भी वृद्धि होती है, जबकि सूखी पत्तियों को जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है। जनपद की सभी चीनी मिलों के प्रधान प्रबंधक, ज्येष्ठ गन्ना निरीक्षकों व चीनी मिलों के क्षेत्रीय कार्मिक, गन्ना पर्यवेक्षकों को प्रतिदिन बैठक कर किसानों को जागरूक करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। गन्ने की सूखी पत्तियां खेत में खाद के रूप में परिवर्तित होती हैं।