हाई कोर्ट बेंच की मांग को लेकर आज और कल हड़ताल पर रहेंगे अधिवक्ता
जलपाईगुड़ी में कलकत्ता हाई कोर्ट की सर्किट बेंच दे दी गई है। इससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बेंच के लिए आंदोलनरत वकीलों में रोष पनपा है। उनकी मांग को अनसुना किया जा रहा है।
By Ashu SinghEdited By: Published: Mon, 11 Feb 2019 11:30 AM (IST)Updated: Mon, 11 Feb 2019 11:30 AM (IST)
मेरठ, जेएनएन। पश्चिमी उप्र के जिलों में अधिवक्ता सोमवार व मंगलवार को कार्य नहीं करेंगे। हाई कोर्ट बेंच की शीघ्र स्थापना की मांग को लेकर प्रधानमंत्री को ज्ञापन भी भेजा जाएगा।
जलपाईगुड़ी में भी सर्किट बेंच
केंद्र सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में कलकत्ता हाई कोर्ट की सर्किट बेंच दिए जाने से पश्चिमी उप्र के अधिवक्ताओं में आक्रोश है। उनका कहना है कि आठ करोड़ जनता की अनदेखी करके पश्चिमी उप्र में अभी तक बेंच नहीं दी गई है। वहीं, पांच-छह लाख की जनसंख्या पर सर्किट बेंच दे दी गई है। इसके विरोध में मेरठ समेत पश्चिमी उप्र के 22 जिलों के अधिवक्ताओं ने 11 फरवरी को न्यायिक कार्य न करने का एलान किया है।
अधिवक्ताओं को मिले मानदेय
वहीं, बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने भी 11 व 12 फरवरी को हड़ताल पर रहने का आह्वान किया है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया की मांगों में मुख्य रूप से नए अधिवक्ताओं को पांच साल तक 10 हजार मानदेय देने, अधिवक्ताओं के अक्षम होने पर निश्चित मानदेय व मेडिकल क्लेम का लाभ मिलने की मांग है। वहीं, मकान बनाने के लिए सस्ती दर पर जमीन उपलब्ध हो। केंद्रीय संघर्ष समिति पश्चिमी उप्र के चेयरमैन राजेंद्र सिंह जानी व संयोजक देवकी नंदन शर्मा ने बताया कि 11 व 12 फरवरी को सभी अधिवक्ता हड़ताल पर रहेंगे। पं. नानक चंद सभागार में 11 फरवरी को दोपहर एक बजे बैठक होगी।
जलपाईगुड़ी में भी सर्किट बेंच
केंद्र सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में कलकत्ता हाई कोर्ट की सर्किट बेंच दिए जाने से पश्चिमी उप्र के अधिवक्ताओं में आक्रोश है। उनका कहना है कि आठ करोड़ जनता की अनदेखी करके पश्चिमी उप्र में अभी तक बेंच नहीं दी गई है। वहीं, पांच-छह लाख की जनसंख्या पर सर्किट बेंच दे दी गई है। इसके विरोध में मेरठ समेत पश्चिमी उप्र के 22 जिलों के अधिवक्ताओं ने 11 फरवरी को न्यायिक कार्य न करने का एलान किया है।
अधिवक्ताओं को मिले मानदेय
वहीं, बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने भी 11 व 12 फरवरी को हड़ताल पर रहने का आह्वान किया है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया की मांगों में मुख्य रूप से नए अधिवक्ताओं को पांच साल तक 10 हजार मानदेय देने, अधिवक्ताओं के अक्षम होने पर निश्चित मानदेय व मेडिकल क्लेम का लाभ मिलने की मांग है। वहीं, मकान बनाने के लिए सस्ती दर पर जमीन उपलब्ध हो। केंद्रीय संघर्ष समिति पश्चिमी उप्र के चेयरमैन राजेंद्र सिंह जानी व संयोजक देवकी नंदन शर्मा ने बताया कि 11 व 12 फरवरी को सभी अधिवक्ता हड़ताल पर रहेंगे। पं. नानक चंद सभागार में 11 फरवरी को दोपहर एक बजे बैठक होगी।
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