मेरठ, [प्रदीप द्विवेदी]। शहीद मेजर केतन शर्मा के अंतिम संस्कार में देश प्रेम और सेना के प्रति भावनाओं का ज्वार उमड़ रहा था। गम और गुस्से के बीच जनसैलाब ने विदाई के अंदाज से केतन को अमर कर दिया। मेजरकेतन शर्मा अमर रहें.. जैसे नारों के बीच जब चिता पर शव रखा जाने लगा तो पूरे सैलाब ने सैल्यूट किया। बाबा को देख चार साल की मासूम बेटी ने भी सैल्यूट किया। गम से अनजान मासूम बेटी का मुस्कराहट के बीच सैल्यूट पाकर जांबाज केतन भी मुस्करा उठे होंगे।
सैलाब ने हाथ जोड़कर अंतिम विदाई दी
शहीद की चिता को जब पिता ने मुखाग्नि दी तो सैलाब ने हाथ जोड़कर अंतिम विदाई दी। रोती-बिलखती शहीद की पत्नी इरा ने भी हाथ जोड़कर नमन किया। जिस मां ने ड्यूटी पर जल्दी जाने को कहा था.. उस देशप्रेमी मां का सैल्यूट और नमन पाकर यह लाल अमर हो गया। बस यही नारे गूंजते रहे.. जब तक सूरज चांद रहेगा केतन शर्मा का नाम रहेगा..भारत माता का लाल कैसा हो..केतन शर्मा जैसा हो..। पाकिस्तान से बदला लेने को आक्रोशित भीड़ के दिल में एक गौरव भी था..यह था केतन की जांबाजी का। आतंकियों का सफाया करने निकले केतन को श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों ने ताली बजाकर भारत माता की जय के नारे लगाए।
मेरे शेर बेटे की शहादत का बदला ले सरकार
देश की सेवा करते हुए इकलौते बेटे की शहादत ने पिता रविंद्र शर्मा को अंदर तक तोड़ दिया। उम्र के इस पड़ाव में जब माता-पिता को सहारे की जरूरत होती है, बेटे की पार्थिव देह उनके सामने थी। वह सैन्य अफसरों और रिश्तेदारों से लिपट कर रोते हुए बार-बार यही पूछते कि हमारा शेर बेटा चला गया, अब जिंदगी भर यह गम कैसे ङोलेंगे।
हर किसी की आंखें नम
बेटे के जाने के गम में पिता को बिलखते देख,मौजूद लोगों की आंखें भी छलक उठीं। सैन्य अफसरों और रिश्तेदारों ने उन्हें किसी तरह ढांढस बंधाया। उन्होंने सेना के अधिकारियों से कहा हमें अपने बेटे पर गर्व है। वह देश के लिए शेर की तरह शहीद हुआ। अब सरकार को इस शहादत का बदला लेना चाहिए। आतंकियों के ठिकानों पर हमला कर उन्हें नेस्तनाबूद किया जाए। तभी उनके दिल को ठंडक मिलेगी। अन्य लोगों ने भी इसका समर्थन किया और बदले की बात दोहराई। सैन्य अधिकारियों ने उन्हें भरोसा दिलाया कि मेजर केतन की शहादत का बदला जरूर लिया जाएगा। 

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Edited By: Ashu Singh